Breastfeeding mother diet chart in Hindi
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In this Article

  • ब्रेस्टफ़ीडिंग में डाइट का रोल (Role of Diet breastfeeding in Hindi)
  • ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स के लिए डाइट टिप्स (Diet tips for breastfeeding mothers in Hindi)
  • ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स को क्या खाना चाहिए (What to eat during breastfeeding in Hindi)
  • ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स को क्या नहीं खाना चाहिए (What to not eat during breastfeeding in Hindi)
  • ब्रेस्टफ़ीडिंग डाइट चार्ट को कब तक फॉलो करें? (How long should you follow the breastfeeding diet chart in Hindi?)
  • प्रो टिप (Pro Tip)
  • रेफरेंस
Diet For Breastfeeding Mothers in Hindi | आख़िर कैसी होनी चाहिए ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स की डाइट?

Diet & Nutrition

Diet For Breastfeeding Mothers in Hindi | आख़िर कैसी होनी चाहिए ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स की डाइट?

21 August 2023 को अपडेट किया गया

एक ब्रेस्टफ़ीडिंग मदर की डाइट (Breastfeeding diet in Hindi) का हेल्दी होना उसकी ख़ुद की हेल्थ और बच्चे के विकास के लिए महत्वपूर्ण है. पर्याप्त मिल्क प्रोडक्शन और माँ को एनर्जी लॉस से बचाने के लिए एक्सट्रा कैलोरी का सेवन ज़रूरी है और इसके लिए चाहिए विटामिन, मिनरल्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर डाइट. आइये आपको विस्तार से बताते हैं कि ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान एक बैलेंस और हेल्दी डाइट लेने के क्या फ़ायदे होते हैं!

ब्रेस्टफ़ीडिंग में डाइट का रोल (Role of Diet breastfeeding in Hindi)

ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम की डाइट (Breastfeeding mother diet in Hindi) सीधे उसके दूध की क्वालिटी को प्रभावित करती है और इसलिए उसका पौष्टिक आहार लेना आवश्यक है. हेल्दी डाइट से आपको और आपके बच्चे को कई फ़ायदे होंगे; जैसे कि

  • पोषक तत्वों की पूर्ति (Nutrient supply): माँ का दूध बच्चे के लिए पोषण का पहला स्रोत है और इसलिए ब्रेस्टफ़ीड कराने वाली मॉम्स जब प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर डाइट लेती हैं तो बच्चे के विकास में मदद मिलती है.

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  • कैलोरी सेवन (Caloric intake): ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स को हर दिन लगभग 500 अतिरिक्त कैलोरी लेने की सलाह दी जाती है और एक हेल्दी डाइट से ही आप इस कैलोरी इंटेक को पूरा कर सकती हैं.

  • हाइड्रेशन (Hydration): पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क बने इसके लिए हाइड्रेटेड रहना ज़रूरी है. ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति बनाए रखने और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए दिन भर में खूब पानी पीना चाहिए.

  • ओमेगा-3 फैटी एसिड की पूर्ति (Omega-3 fatty acids): ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे लो मरकरी सी फूड्स, फ़्लेक्स और चिया सीड्स के अलावा नट्स जैसी चीज़ें खाने से बच्चे के ब्रेन डेवलपमेंट में मदद मिलती है.

  • विटामिन डी (Vitamin D): बच्चे की हड्डियों की ग्रोथ और मज़बूती के लिए विटामिन डी ज़रूरी है जो उसे माँ के दूध से ही मिलता है.

बच्चे की इन जरूरतों की पूर्ति के लिए कैसा होना चाहिए एक ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम का (Breastfeeding diet chart in Hindi) डाइट प्लान? आइये आपको बताते हैं कुछ एक्सपर्ट टिप्स

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ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स के लिए डाइट टिप्स (Diet tips for breastfeeding mothers in Hindi)

  • भरपूर मात्रा में फल, सब्ज़ियाँ, होल ग्रेन्स, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट को शामिल करें.

  • पर्याप्त कैलोरीज़ लें.

  • खूब सारा पानी और लिक़्विड्स पीकर हाइड्रेटेड रहें.

  • कैल्शियम रिच फूड आइटम्स; जैसे- डेयरी प्रोडक्ट्स, हरे पत्तेदार सब्ज़ियाँ और फोर्टिफाइड फूड आइटम्स (fortified foods) ज़रूर खाएँ.

  • सुबह की हल्की धूप में कम से कम 30 मिनट ज़रूर बैठें ताकि बॉडी को विटामिन डी मिल सके.

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  • कैफ़ीन और शराब के सेवन से दूर रहें.

ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स को क्या खाना चाहिए (What to eat during breastfeeding in Hindi)

आगे बात करेंगे कि ज़रूरी पोषण के लिए एक ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम को अपने डेली डाइट प्लान (Breastfeeding diet chart in Hindi ) में क्या -क्या शामिल करना चाहिए.

  • प्रोटीन रिच फूड आइटम्स (Protein-rich foods): अपने आहार में लीन प्रोटीन को ज़रूर शामिल करें; जैसे- पोल्ट्री, फिश, लीन मीट, बीन्स, टोफू और डेयरी प्रोडक्ट्स. इनसे माँ और बच्चे दोनों के टिशू रिपेयर और ग्रोथ में मदद मिलती है.

  • साबुत अनाज (Whole grains): साबुत अनाज; जैसे- ब्राउन राइस, क्विनोआ (quinoa), ओट्स और होल व्हीट ज़रूर खाएँ. इससे फाइबर और ज़रूरी पोषक तत्व मिलते हैं जो डाइज़ेशन को नियमित करने और एनर्जी लेवल बनाए रखने में मदद करते हैं.

  • हेल्दी फैट्स (Healthy fats): हेल्दी फैट के लिए एवोकाडो (avocado), सूखे मेवे (nuts & seeds) सीड्स और जैतून का तेल सबसे अच्छे सोर्स हैं. इनसे बच्चे के ब्रेन डेवलपमेंट और ग्रोथ में मदद मिलती है.

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  • कैल्शियम रिच फूड आइटम्स (Calcium-rich foods): दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स कैल्शियम का रिच सोर्स हैं. साथ ही, आपको रागी भी ज़रूर खाना चाहिए.

  • दाल (Lentils): मूंग, मसूर और तूर जैसी दालें प्लांट बेस प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स के बेस्ट सोर्स हैं. इनसे एनर्जी और मिल्क प्रोडक्शन में मदद मिलती है.

  • घी: घी (Clarified butter) एक हेल्दी फैट है और ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम को एनर्जी देता है. घी, फैट में घुलनशील (fat-soluble vitamins) विटामिन्स के अब्जॉर्ब होने में भी मदद करता है.

  • हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ (Green leafy vegetables): पालक, मेथी के पत्ते और चौलाई जैसी सब्ज़ियाँ आयरन, कैल्शियम और विटामिन से भरपूर होती हैं और मिल्क प्रोडक्शन बढ़ाने में मदद करती हैं.

  • ड्राई फ्रूट्स (Dry fruits): बादाम, काजू, अखरोट और खजूर न्यूट्रिएंट्स भी नियमित रूप से खाएँ, जो हेल्दी फैट, प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स की पूर्ति करते हैं.

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  • सौंफ और जीरा (Fennel and cumin): माना जाता है कि सौंफ के बीज में गैलेक्टागॉग (galactagogue) गुण होते हैं, जो दूध की आपूर्ति बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. वहीं माँ के खाने में ज़ीरे के प्रयोग से बच्चे का कोलिक से बचाव होता है.

  • हल्दी (Turmeric) : हल्दी सूजन घटाने वाले (anti-inflammatory) गुणों के लिए जानी जाती है और इससे बच्चे के जन्म के बाद माँ को रिकवर होने में बेहद मदद मिलती है.

ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स को क्या खाना चाहिए ये जानने के बाद अब आपको बताते हैं उन फूड आइटम्स के बारे में जिनके सेवन से आपको बचना चाहिए.

ब्रेस्टफ़ीडिंग मॉम्स को क्या नहीं खाना चाहिए (What to not eat during breastfeeding in Hindi)

  • कैफ़ीन (Caffeine): अधिक सेवन करने पर कैफ़ीन, ब्रेस्ट मिल्क में मिलकर बच्चे की नींद के पैटर्न को ख़राब कर सकता है और बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है. इसलिए कॉफ़ी, चाय को सीमित या बंद कर देना चाहिए.

  • शराब (Alcohal): शराब भी माँ के ब्रेस्ट मिल्क से होते हुए बच्चे की ग्रोथ और नींद पर असर डालती है इसलिए इससे पूरी तरह दूरी बना लेना ही बेहतर है.

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  • हाई मरक्युरी सी फूड (High mercury sea food): कुछ मछलियाँ; जैसे - शार्क, स्वोर्डफ़िश, किंग मैकेरल और टाइलफ़िश, में मरकरी बेहद अधिक मात्रा में पाया जाता है और इनसे सेवन से बच्चे के नर्वस सिस्टम पर बेहद ख़राब असर पड़ता है.

  • मसालेदार और गैसी फूड आइटम्स (Spicy and gassyfood items): कुछ बच्चे तेज़ मसाले या गैस पैदा करने वाले फूड आइटम्स जैसे ब्रोकोली, पत्तागोभी, फूलगोभी जैसी सब्ज़ियों के प्रति सेंस्टिव हो सकते हैं. अगर इन्हें खाने के बाद बच्चे में डाइजेस्टिव प्रॉब्लम या चिड़चिड़ापन दिखाई दे, तो इनका सेवन न करें.

  • एलर्जिक फूड आइटम् (Allergic food items): अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में एलर्जी की समस्या रही है तो मूँगफली, नट्स, अंडे, गेहूँ, सोया और डेयरी जैसे एलर्जी पैदा करने वाले फूड आइटम्स को लेकर भी सावधान रहें.

ब्रेस्टफ़ीडिंग डाइट चार्ट को कब तक फॉलो करें? (How long should you follow the breastfeeding diet chart in Hindi?)

आमतौर पर, जब तक आप बच्चे को ब्रेस्टफ़ीड कराते हैं तब तक आपको अपने डॉक्टर की सलाह से हेल्दी और बैलेंस डाइट प्लान (Breastfeeding mother diet chart in Hindi) को फॉलो करना चाहिए. बच्चे के कम से कम छह महीने का होने तक यह बेहद ज़रूरी है हालाँकि, ब्रेस्ट्फीडिंग को इसके बाद भी जारी रखा जा सकता है. क्योंकि माँ के स्वास्थ्य और मिल्क प्रोडक्शन दोनों के लिए एक्सट्रा एनर्जी और न्यूट्रिएंट्सस की आवश्यकता होती है इसलिए आप पौष्टिक आहार लेते रहें. हालाँकि जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है और ठोस आहार खाना शुरू करता है आप भी अपनी डाइट में ज़रूरी बदलाव ला सकते हैं.

प्रो टिप (Pro Tip)

जन्म से लेकर बच्चे के सॉलिड फूड की शुरुआत तक आते- आते, माँ के आहार की ज़रूरतें भी बदलती रहती हैं जो उसके शरीर की हीलिंग से भी जुड़ी हैं. हालाँकि बड़े होते बच्चे के साथ खुद के लिए भी एक हेल्दी डाइट को फॉलो करना कभी ना भूलें.

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रेफरेंस

1. Karcz K, Lehman I, Królak-Olejnik B. (2020). Foods to Avoid While Breastfeeding? Experiences and Opinions of Polish Mothers and Healthcare Providers. Nutrients.

2. Institute of Medicine (US) Committee on Nutritional Status During Pregnancy and Lactation. (1991). Nutrition During Lactation.

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Written by

Kavita Uprety

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