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In Vitro Fertilization (IVF)
6 October 2023 को अपडेट किया गया
डोनर एग आईवीएफ का मतलब है माँ बनने के लिए किसी अन्य महिला द्वारा दिये गए एग्स का प्रयोग करना. यह एक असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्निक (assisted reproductive technology) है जहाँ प्रेग्नेंसी के लिए डोनेट या दान किए गए एग्स का प्रयोग किया जाता है.
डोनर एग आईवीएफ (Donor egg IVF in Hindi) की ज़रूरत आमतौर पर उन महिलाओं को पड़ती जिनकी मेटरनिटी एज अधिक हो. इसके अलावा जेनेटिक डिसॉर्डर या किसी ख़ास मेडिकल कंडीशन के कारण जब बॉडी में अंडे नहीं बन पाते उस परिस्थिति में भी इसका प्रयोग किया जाता है. इस प्रोसेस में डोनर एग्स को स्पर्म के साथ लैब में फर्टिलाइज़ कराया जाता है और फिर एम्ब्रियो को माँ बनने वाली महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है. आइये विस्तार से जानते हैं कि डोनर एग आईवीएफ कब और क्यों प्रयोग किया जाता है.
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डोनर एग आईवीएफ को ऐसे मामलों में रिकमेंड किया जाता जहाँ महिला अपने स्वयं के एग्स (oocytes / eggs) के द्वारा गर्भधारण करने में असमर्थ हो. आईवीएफ के लिए डोनर एग (IVF with donor egg in Hindi) की ज़रूरत इन स्थितियों में हो सकती है.
उम्र बढ़ने के साथ साथ महिलाओं के अंडों की क्वालिटी और संख्या में गिरावट आती है, जिससे प्रेग्नेंसी में चुनौतियाँ आने लगती हैं.
समय से पहले ओवरी का काम करना बंद करना या प्री प्रीमेच्योर मेनोपॉज जहाँ 40 वर्ष की उम्र से पहले ही एग्स बनने बंद हो जाएँ.
कई बार मेडिकल कंडीशन या जेनेटिक डिसॉर्डर या फिर पिछले असफल आईवीएफ के कारण भी एग्स की क्वालिटी ख़राब हो जाती है जिससे प्रेग्नेंसी में रुकावट होने लगती है.
जिन महिलाओं की संतानों में जेनेटिक डिसॉर्डर होने का रिस्क अधिक होता है, वे भी डोनर एग का विकल्प चुन सकती हैं.
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जिन महिलाओं की ओवरी किसी कारणवश निकाल दी जाती है उन्हें भी डोनर एग की आवश्यकता हो सकती है.
कुछ महिलाओं में जन्म से ही ओवरीज़ अब्नॉर्मल हो सकती हैं जिसे उनकी एग बनाने की क्षमता पर असर पड़ता है.
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भारत में आजकल कई अच्छे फर्टिलिटी क्लीनिक्स बेहतरीन टेक्निक के द्वारा आईवीएफ की सुविधा दे रहे हैं और इनका सक्सेस रेट पहले के मुक़ाबले काफ़ी अधिक है. हालाँकि, इसकी सफलता पति-पत्नी की उम्र, डोनर एग की क्वालिटी और फर्टिलिटी एक्सपर्ट की स्किल्स पर बहुत हद तक निर्भर करती है. रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में डोनर एग आईवीएफ (Donor egg IVF in Hindi) की सफलता दर प्रति साइकिल 50% से 60% तक होती है.
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डोनर एग के साथ प्रेग्नेंसी के लिए महिला की फिटनेस, ओवरऑल हेल्थ और मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर निर्णय लिया जाता है. ज़्यादातर मामलों में 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी से जुड़े खतरों के कारण डोनर एग की मदद से (IVF with donor egg in Hindi) आईवीएफ करवाना रिस्की माना जाता है.
आइये अब आपको बताते हैं कि डोनर एग के साथ आईवीएफ की प्रोसेस कैसी होती है
ट्रेडिशनल आईवीएफ से अलग इस प्रोसेस में एग डोनर के इंवॉल्वमेंट के कारण यह प्रोसेस कुछ अलग होती है.
डोनर एग से आईवीएफ के इच्छुक कपल को फर्टिलिटी एक्सपर्ट सबसे पहले डोनर एग प्रोसेस के बारे में बताता है जिसमें डोनर के सिलेक्शन से जुड़ा क्राइटेरिया और इसके लीगल तथा एथिकल एंगल समझाए जाते हैं. साथ ही होने वाली माँ का हार्मोनल असेसमेंट भी किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसकी बॉडी इस प्रक्रिया के लिए फिट भी है या नहीं.
अब माता-पिता को एग डोनर्स के ग्रुप के बारे में जानकारी दी जाती है जिन्हें वो अपनी इच्छा और प्रॉयरिटी के आधार पर चुन सकते हैं. माँ और एग डोनर दोनों के मेडिकल इवैल्यूएशन और स्क्रीनिंग के अलावा पैरेंटल राइट्स और लीगल अग्रीमेंट्स भी फ़ाइनल किए जाते हैं. इसके बाद माँ के गर्भाशय को सही तरह से तैयार करने के लिए हार्मोन थेरेपी शुरू होती है.
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मॉक साइकल में होने वाली माँ की यूट्रीन लाइनिंग को तैयार किया जाता है ताकि एम्ब्रियो के ट्रान्सफर के लिए उसे रेडी किया जा सके. एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन की मदद से स्वस्थ और सही मोटाई की यूट्रीन लाइनिंग बनाने का प्रयास किया जाता है ताकि यह एग डोनर के साइकिल के साथ सिंक्रोनाइज़ हो सके जिसे सफल इंप्लांटेशन और हेल्दी प्रेग्नेंसी के चांसेज बढ़ जाते हैं.
अब पूरी जाँच और टेस्ट से यह सुनिश्चित करते हैं एक ऐसा डोनर चुना जाए जो हेल्दी और फर्टाइल होने के साथ ही, माता-पिता द्वारा दिये गए सभी ज़रूरी पैरामीटर के अनुकूल हो.
इसके बाद एग डोनर को मैच्योर अंडों के प्रोडक्शन के लिए ओवेरियन स्टिम्युलेशन दिया जाता है. मैच्योर एग्स को सही समय आने पर ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड की मदद से एक छोट- सी सर्जरी के द्वारा निकाल लिया जाता है. इन अंडों को तुरंत लैब में ले जाते हैं, जहां उन्हें एम्ब्र्यो बनाने के लिए स्पर्म्स के साथ फर्टिलाइज कराया जाता है.
फर्टिलाजेशन के बाद इंफर्टिलिटी क्लीनिक एम्ब्रियो की ग्रोथ को बारीकी से मॉनिटर करता है और जैसे ही माँ की एंडोमेट्रियल लाइनिंग प्रत्यारोपण के लिए रेडी होती है तो एक या उससे अधिक हेल्दी एम्ब्रियो को चुना जाता है और यूटरस में ट्रांसफर कर दिया जाता है जो एक पेनलेस प्रोसेस है.
एम्ब्रियो ट्रांसफर के लगभग दो हफ़्ते के बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट किट से आईवीएफ के रिज़ल्ट्स को चेक किया जाता है.
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भारत में डोनर एग आईवीएफ (Donor egg IVF in Hindi) की कीमत फर्टिलिटी क्लिनिक के सक्सेस रेट से लेकर क्लिनिक की लोकेशन, अनुभवी मेडिकल टीम और ट्रीटमेंट पैकेज में दी जाने वाली सर्विसेस के आधार पर औसतन, 2,50,000 रुपये से 4,50,000 लाख प्रति साइकिल तक है.
डोनर एग आईवीएफ इंफर्टिलिटी से जूझ रहे कपल्स के लिए एक बढ़िया विकल्प है. लेकिन इस ऑप्शन में एग डोनर एक तीसरा व्यक्ति होता है इसलिए होने वाले माता पिता को मानसिक और नैतिक रूप से इस एंगल को समझने और स्वीकार करने के बाद ही इस ऑप्शन को चुनना चाहिए.
1. Peyser A, Brownridge S, Rausch M, Noyes N. (2021). The evolving landscape of donor egg treatment: success, women's choice, and anonymity.
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2. Choe J, Shanks AL. (2022). In Vitro Fertilization.
3. Ameratunga D, Weston G, Osianlis T, Catt J, Vollenhoven B. (2009). In vitro fertilisation (IVF) with donor eggs in post-menopausal women: are there differences in pregnancy outcomes in women with premature ovarian failure (POF) compared with women with physiological age-related menopause?
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IVF with donor egg process in English
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Kavita Uprety
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