Second Trimester
1 December 2023 को अपडेट किया गया
प्रेग्नेंसी का चौथा महीना (Pregnancy ka 4 month) यानी कि दूसरी तिमाही की शुरुआत. यह तिमाही जितनी दिलचस्प होती है, उतनी ही मुश्किल भी होती है. अगर आप या आपका कोई क़रीबी प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में हैं, तो आपको यह पता होना चाहिए कि इस महीने में शरीर में किस तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. आपकी जानकारी के लिए हम इस आर्टिकल में उन महत्वपूर्ण लक्षणों (4 month pregnancy symptoms signs in Hindi) का ज़िक्र करने जा रहे हैं, जो अक्सर प्रेग्नेंसी के चौथे माह (13 week pregnancy in Hindi) में महिलाओं को महसूस होते हैं.
प्रेग्नेंसी के चौथे माह (14 week pregnancy symptoms in Hindi) तक आते-आते महिलाओं को फूड क्रेविंग से लेकर दर्द तक सफ़र तय करना पड़ता है. प्रेग्नेंसी के चौथे माह (4 month pregnancy in Hindi) में अक्सर महिलाओं को कुछ इस तरह के लक्षण महसूस होते हैं;
प्रेग्नेंसी के चौथे माह (13 week pregnancy in Hindi) में महिलाओं की क्रेविंग बढ़ जाती है. इस दौरान वे उन चीज़ों का स्वाद भी चखना चाहती हैं, जो उन्होंने पहले कभी ट्राई नहीं किया. इसके साथ ही पहली तिमाही की ही तरह इस दौरान (14 week pregnancy in Hindi) भी कुछ फूड्स (food aversion) से प्रॉब्लम हो सकती है.
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प्रेग्नेंसी के चौथे माह (4 month pregnancy symptoms signs in Hindi) में बहुत-सी महिलाएँ मसूढ़ों में दर्द और दाँतों में सेंसिटिविटी भी महसूस करती हैं. यह समस्या मसूढ़ों में ब्लड की अधिक मात्रा होने के कारण होती है. इस समस्या से राहत पाने के लिए आप लाइट और सॉफ्ट टूथब्रश का इस्तेमाल कर सकते हैं.
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने (Pregnancy 4 month symptoms in Hindi) में कुछ महिलाओं को स्पाइडर वेंस की शिकायत भी होती है. यह बॉडी के किसी भी हिस्से में लाल, बैंगनी, या नीले रंग की टेढ़ी-मेढ़ी नसों के रूप में उभर कर दिख सकती हैं. आमतौर पर स्पाइडर वेंस पैर की नसों में देखी जाती हैं, हालाँकि, इससे कोई दर्द तो महसूस नहीं होता है, लेकिन यह आपकी ख़ूबसूरती को थोड़ा कम कर सकती हैं.
प्रेग्नेंसी का चौथा माह (Pregnancy 4th month symptoms in Hindi) आने तक महिलाओं का बेबी बंप बाहर की ओर दिखने लगता है. शरीर में खिंचाव होने के कारण स्ट्रेच मार्क्स दिखने लगते हैं. जहाँ कुछ महिलाओं को स्ट्रेच मार्क्स से कोई परेशानी नहीं होती है, तो वहीं कुछ महिलाओं को स्ट्रेच मार्क्स के कारण त्वचा पर खुजली महसूस होने लगती है. इस डिसकंफर्ट से बचने के लिए आप एक अच्छी स्ट्रेच मार्क्स क्रीम, ऑइल या स्ट्रेच मार्क्स किट का इस्तेमाल कर सकती हैं.
प्रेग्नेंसी के चौथे महीने (4 mahine ki pregnancy) में कुछ महिलाएँ नाक बंद होने की शिकायत भी करती हैं. हार्मोनल बदलाव के चलते ऐसा होना आम है. आप स्टीम लेकर इस समस्या से राहत पा सकते हैं. ज़्यादा परेशानी महसूस होने पर आप डॉक्टर से भी परामर्श कर सकती हैं.
प्रेग्नेंसी के चौथे माह के दौरान (4th month of pregnancy in Hindi) महिलाओं को यूरिन पास करने में भी तकलीफ़ होती है. बता दें कि इस दौरान (14 week pregnancy in Hindi) यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) का रिस्क अधिक होता है. इस समस्या से बचने के लिए आप ख़ुद को हाइड्रेटेड रखें. दिन में कम से कम 8 से 9 गिलास पानी पिएँ, कंफर्टेबल अंडरवियर पहनें और वेजाइनल हाइजीन का ध्यान रखें.
प्रेग्नेंसी के चौथे माह (13 week pregnancy in Hindi)में महिलाओं को अजीबोगरीब सपने भी आते हैं. दरअसल, चौथे माह के आते-आते महिलाएँ अपनी प्रेग्नेंसी और गर्भ में पल रहे बेबी के बारे में अधिक सोचने लगती हैं. ऐसे में कुछ हद तक ये सपने हार्मोन्स और मन की स्थिति के प्रभाव से भी आने लगते हैं. अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आपको सपने परेशान करते हैं (Dreams during pregnancy in Hindi), तो आप इस बारे में अपने पार्टनर, घर के बड़े सदस्यों या अपने किसी क़रीबी व्यक्ति से बात कर सकते हैं.
दूसरी तिमाही के शुरू होने के साथ ही महिलाओं को बेबी की मूवमेंट महसूस होने लगती है. 16 वाँ हफ़्ता समाप्त होने तक आपको बेबी की किक्स ज़्यादा महसूस होने लगती है. बता दें कि अगर आप पहली बार माँ बनने जा रही हैं, तो आपको बेबी की किक्स 18 से 20 हफ़्तों के बीच महसूस होगी. वहीं, अगर आपकी दूसरी या तीसरी प्रेग्नेंसी है, तो आपको बेबी की किक्स 16 से 18 हफ़्ते के बीच महसूस हो सकती है.
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पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही (Pregnancy ke 4 mahine ke lakshan) में आपको क्रैम्प और पेट दर्द अधिक महसूस हो सकता है. दरअसल, इसका मुख्य कारण यूटरस का बढ़ना होता है. अधिक दर्द महसूस होने पर आपको डॉक्टर से बात करना चाहिए.
अब तो आप समझ गए होंगे कि आख़िर प्रेग्नेंसी के चौथे महीने (Chauthe mahine mein) में किस तरह के लक्षण महसूस होते हैं. इनके अलावा, कुछ लक्षण (Fourth month pregnancy symptoms in Hindi) ऐसे भी हैं, जो आमतौर पर महिलाओं को महसूस हो सकते हैं; जैसे कि-
1. उल्टी और मतली (Vomiting and morningi sickness)
2. चक्कर आना (Dizziness)
3. स्तनों में बदलाव महसूस करना (Breast changes)
4. मूड स्विंग्स (Mood swings)
5. थकान (Fatigue)
6. सीने में जलन (Heartburn)
7. पेट फूलना या गैस (Bloating and gas)
8. वज़न बढ़ना (Weight gain)
9. साँस लेने में परेशानी (Shortness of breath)
10. कमर दर्द (Back pain)
11. बालों का बढ़ना (hairgrowth), आदि.
प्रेग्नेंसी के चौथे माह के लक्षण (4 month pregnancy symptoms signs in Hindi) जानने के बाद आपको इन टिप्स (4 month pregnancy tips in Hindi) पर ग़ौर करना चाहिए.
1. इस दौरान अपनी डाइट से बिल्कुल भी समझौता न करें. हेल्दी डाइट फॉलो करें, तली और मसालेदार चीज़ों से परहेज़ करें. पानी पीते रहें.
2. हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें. अगर आपकी प्रेग्नेंसी में कोई कॉम्प्लिकेशन है, तो कोई भी एक्सरसाइज या योगासन करने से पहले अपने डॉक्टर की राय लें.
3. अच्छी नींद लें.
4. पॉजीटिव और स्ट्रेस-फ्री रहें.
1. Pascual ZN, Langaker MD. (2023). Physiology, Pregnancy.
2. Fowler JR, Mahdy H, Jack BW. (2023). Pregnancy.
3. Lee NM, Saha S. (2011). Nausea and vomiting of pregnancy.
4. Foxcroft KF, Callaway LK, Byrne NM, Webster J. (2013). Development and validation of a pregnancy symptoms inventory.
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Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
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