Baby Massage
17 August 2023 को अपडेट किया गया
शरीर की मसाज करने से कई हेल्थ संबंधित फ़ायदे होते हैं. यही कारण है कि जन्म के बाद के शुरुआती कुछ सालों तक बच्चे की मसाज करने की सलाह दी जाती है. मसाज करने से बेबी एक्टिव रहता है, उसकी हड्डियों व मांसपेशियों को ताकत मिलती है और साथ ही उसका बेहतर तरीक़े से विकास होता है. तो चलिए अब डिटेल में जानते हैं कि बेबी की मसाज डेली करने से क्या फ़ायदे होते हैं.
रोज़ाना शिशु के हाथ, पैर, पीठ और शरीर के अन्य हिस्सों की मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, जिससे उसकी मांसपेशियों मज़बूत होती हैं. इसके अलावा, उन्हें अच्छी सेहत के साथ-साथ चलने में भी मदद मिलती है. मालिश से मांसपेशियों का लचीलापन भी बेहतर होता है.
सर्दियों के महीनों में, तेल से मालिश करने पर बच्चे के शरीर को गर्म रखने में मदद मिलती है. बच्चे की मालिश करते वक़्त, उसकी कई गतिविधियों में सुधार होता है.
शिशु की त्वचा बेहद नाज़ुक और कोमल होती है, जिस वजह से उनकी त्वचा में आसानी से रूखापन आ जाता है. रोज़ाना मसाज करने से बच्चे की त्वचा हाइड्रेट और मॉइस्चराइज़्ड रहती है.शिशु की त्वचा की नमी को बनाये रखने के लिए आप नारियल के तेल का उपयोग कर सकती हैं. नारियल का तेल बेहद कोमल और सौम्य होता है और इससे आपके बच्चे की त्वचा पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है. यह आपके बच्चे की त्वचा को हाइड्रेटेड रखने में और उसमें मौजूद नमी को बरक़रार रखने में मदद करता है.
मालिश से बच्चे के शरीर की थकी हुई मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे उन्हें काफ़ी अच्छा महसूस होता है. ऐसे में अगर शिशु को सुलाने से पहले भी उसकी हल्के हाथों से मालिश की जाये तो उसे ना केवल अच्छी नींद आती है; बल्कि बच्चा स्वस्थ होने के साथ अगले दिन तरोताज़ा भी महसूस करता है.
ये भी पढ़े : ये 8 बेहतरीन लोरियाँ, शिशु को चैन की नींद सुलाने में करेंगी मदद
शिशु के साथ रिश्ता मज़बूत बनाने में स्पर्श मुख्य भूमिका निभाता है. मालिश के वक़्त आपका स्पर्श ना केवल शिशु को आरामदायक और सुरक्षित महसूस करवाता है; बल्कि इससे आपके बच्चे के साथ बांडिंग भी मज़बूत होती है.
बेबी की नाज़ुक त्वचा को लिए आपको सौम्य चीज़ों को ही चुनना चाहिए. ध्यान रखें कि जिस भी मसाज ऑइल को आप चुनें उसमें पैराबेन, मिनरल ऑइल, बनावटी कलर और खुशबू का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. ये केमिकल बच्चे की त्वचा को रूखा बना सकते हैं. बेबी मसाज के लिए आपको बाज़ार में कई तरह के ऑइल मिल जाएँगे, लेकिन आपको अपने बच्चे के लिए एक ऐसे तेल का चुनाव करना चाहिए, जो नेचुरल चीज़ों से बना हो. आप चाहें तो आयु्र्वेदिक ऑइल भी चुन सकते हैं; जैसे कि माइलो लक्षादी ऑइल. इस आयुर्वेदिक ऑइल को चुनने के कई फ़ायदे हैं; जैसे-
उम्मीद है कि अब आप जान गए होंगे कि आपके बेबी के लिए मसाज कितनी ज़रूरी है. साथ ही, अब आपको अपने बच्चे के लिए मसाज ऑइल चुनने में कोई कंफ्यूजन भी नहीं होगा.
Yes
No
Written by
Priyanka Verma
Priyanka is an experienced editor & content writer with great attention to detail. Mother to an 11-year-old, she's a ski
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
Things to Do When Trying For a Baby in Hindi | फैमिली प्लानिंग के सफ़र को आसान बनाएँगी ये 5 बातें!
Sugar Pregnancy Test in Hindi | चीनी से भी कर सकते हैं आप प्रेग्नेंसी टेस्ट! यहाँ जानें सही तरीक़ा
5 Interesting Facts About International Women's Day in Hindi | देश से विदेश तक, नारी शक्ति सब पर भारी!
When Do Babies Start Crawling in Hindi | बच्चे घुटनों के बल चलना कब शुरू करते हैं?
How do Thermos flasks work in Hindi | जानिए कैसे थर्मस फ्लास्क बना सकता है आपकी लाइफ को आसान!
Diet During Third Trimester of Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में क्या खाएँ और क्या नहीं?
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |