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Breastfeeding & Lactation
12 December 2022 को अपडेट किया गया
जन्म के तुंरत बाद शिशु के लिए मां का पीला गाढ़ा दूध अमृत के समान होता है, इसलिए जन्म के एक घंटे के भीतर शिशु को स्तनपान करवाना बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि स्तनपान शिशु के पूरे जीवन की नींव को तैयार करता है. ऐसे में अगर आप शिशु को स्तनपान करवाने की शुरूआत कर रही है तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि उस वक्त आप आरामदायक स्थिति में हो और स्तन तक आपका शिशु आसानी तक पहुंच पाएं. वहीं, पहली बार मां बनी महिलाओं के लिए स्तनपान करवाना इतना आसान नही होता. ऐसे में हम आपको ये बताएंगें कि आप किन अलग-अलग अवस्थाओं में अपने शिशु को आरामदायक तरीके से स्तनपान करवा सकती हैं.
इस अवस्था में आप अपने शिशु के शरीर को समानांतर रखते हुए लेट जाएं और शिशु को अपने से सटाते हुए, उसके पास अपने स्तन को लेकर जाएं. शिशु को आरामदायक स्थिति में स्तनपान करवाने के लिए ये अवस्था सबसे बेहतर है. ऐसे में इस बात का ये ध्यान रखें कि बच्चे को स्तन के इतने समीप भी न रखें कि उसका नाक स्तन से दबें, जिस वजह से उसे सांस लेने में दिक्कत हो.
इस अवस्था में शिशु को दूध पिलाने के लिए पहले एक कुर्सी पर आरामदायक स्थिति में सीधा होकर बैठ जाएं. फिर अपने शिशु को आराम से उठाकर अपने शरीर के पास लाएं. ध्यान रखें कि बच्चे का पेट आपके पेट से चिपका हुआ हो. इसके बाद अपने हाथ से शिशु के सिर को सहारा दें और उसी हाथ की भुजाओं या कोहनी से शिशु के पैरों को टिकाएं. फिर इसके बाद अपने दूसरे हाथ से स्तन को पकड़े और शिशु के मुहं में स्तन का निप्पल डालते हुए स्तनपान करवाएं.
इस मुद्रा में अपने शिशु के सिर को अपनी भुजाओं पर रखते हुए, हाथ की कलाई से उसकी पीठ को सहारा देते हुए नीचे से पकड़े और दूसरे हाथ से अपने स्तन को उठाकर बच्चे के मुहं में डाले और स्तनपान करवाएं. इस अवस्था में अगर परेशानी हो रही हो तो आप तकिए का सहारा ले सकती है.
इस पोज़ीशन में फ़र्क सिर्फ हाथ के सहारा देने की पोज़ीशन में होता है. ऐसे में अगर आप बाएं स्तन से स्तनपान करवा रही हो तो आप स्तन को बाएं हाथ से सहारा देंगी और शिशु को दाएं हाथ से पकड़ेगी. ऐसे में बच्चे का सिर आपकी तर्जनी उंगली और अंगूठे के बीच की जगह में रहेगा और उसका मुख आपके निप्पल के समक्ष होगा.
अगर आपकी डिलवरी सीजेरियन हुई है तो इस अवस्था में शिशु को स्तनपान करवाना सर्वोतम है. इस मुद्रा में आप शिशु के शरीर को उस तरह से पकड़ें, जिस तरह से कोहनी और कलाई के सहारे फुटबाल को पकड़ते हैं. ऐसे में बच्चे के पैरों को अपनी भुजाओं के नीचे सहारा देकर टिकाएं और बच्चे के सिर के नीचे अपने एक हाथ की कलाई रखें और दूसरे हाथ से अपने स्तन को पकड़कर बच्चे के मुंह में डालें. इस अवस्था में शिशु को खड़े होकर भी दूध पिलाया जा सकता है.
इस मुद्रा में मां को लेटते वक्त अपने सिर के नीचे एक तकिया रखना होता है या फिर अगर आप बाएं ओर स्तनपान करवा रही है तो आपका बायां हाथ आपके सिर के नीचे इस तरह से हो जैसे तकिया रखा जाता है. इस दौरान आपके शिशु की पोज़ीशन ऐसी होनी चाहिए कि उसका पैर आपके सिर की तरफ हो और मुख निपल के समक्ष हो.
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Written by
Jyoti Prajapati
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