hamburgerIcon

Orders

login

Profile

STORE
SkinHairFertilityBabyDiapersMore

Lowest price this festive season! Code: FIRST10

ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART
  • Home arrow
  • क्या होती है हाई रिस्क प्रेग्नेंसी? किन महिलाओं को होता है इसका अधिक खतरा? arrow

In this Article

    Pregnancy

    क्या होती है हाई रिस्क प्रेग्नेंसी? किन महिलाओं को होता है इसका अधिक खतरा?

    12 December 2022 को अपडेट किया गया

    हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को ख़ास देखभाल की ज़रूरत पड़ती है. इस दौरान उनके खान-पान से लेकर उठने-बैठने की हर चीज़ का खास ख्याल रखना पड़ता है, तभी माँ और बच्चा इस 9 माह के लंबे समय के दौरान हेल्दी रहते हैं. इस रिस्क के दौरान होने वाली छोटी-सी गलती माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.

    क्या होती है हाई रिस्क प्रेग्नेंसी?

    हाई रिस्क प्रेग्नेंसी यानी माँ और बच्चे से जुड़ी सेहत संबंधी समस्याओं का अधिक होना. यह रिस्क कई तरह के हो सकती हैं, जैसे- बच्चे का विकास धीमी गति से होना, समय से पहले लेबर पेन (प्रसव पीड़ा), खून ना बनना, डायबिटीज आदि. इसलिए इस दौरान महिला को अपना विशेष ध्यान रखने की ज़रूरत चाहिए. सही बचाव से ही वह अपने आने वाले बच्चे को सुरक्षित रख सकती है.


    किन महिलाओं को होता है हाई रिस्क प्रेग्नेंसी का खतरा?

    01. सेहत से जुड़ी दिक्कतें

    जिन महिलाओं को सेहत से जुड़ी ये समस्याएं पहले से ही होता है, जैसे- मधुमेह, कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी से जुड़ी समस्या, अस्थमा, दिल से जुड़ी समस्या या फिर मिर्गी के दौरे पड़ना या फिर महिला को एच.आई.वी या हेपेटाइटिस सी जैसे किसी भी प्रकार का संक्रमण हुआ हो. ऐसी महिलाओं की प्रेग्नेंसी हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की लिस्ट में ही आती हैं, क्योंकि यह बच्चे पर अपना बुरा प्रभाव डाल सकती है.

    02. हाई ब्लड प्रेशर

    हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त महिला कंसीव तो करती हैं लेकिन उन्हें कई तरह के जोखिमों का सामना करना पड़ता हैं और खुद का ख़ास ख़्याल भी रखना पड़ता है. अनियंत्रित उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) महिला व बच्चे के गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है.

    03. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)

    पीसीओएस एक ऐसा विकार है जो गर्भवती होने और गर्भवती रहने के लिए एक महिला की क्षमता को कम कर सकता है. वहीं पीसीओएस गर्भपात की उच्च दर, गर्भावधि मधुमेह, प्रीक्लेम्पसिया, और समय से पहले प्रसव के खतरे को बढ़ा सकता है.

    04. डायबिटीज

    अक्सर महिलाओं को गर्भवती होने से पहले पता ही नहीं होता है कि उनको डायबिटीज है. डायबिटीज गर्भावस्था के पहले कुछ हफ्तों के दौरान बर्थ डिफेक्ट पैदा कर सकता है. गर्भावधि के दौरान होने वाले मधुमेह से रक्त में शर्करा बहुत अधिक हो जाती है, जो अजन्मे बच्चे के लिए अच्छा नहीं होती. यहीं वजह एक हाई रिस्क प्रेग्नेंसी का कारण बन सकती है.

    05. गुर्दे (किडनी) की बीमारी

    किडनी की बीमारी के साथ महिलाओं को अक्सर गर्भवती होने में कठिनाई होती है, और इसमें गर्भपात का जोखिम अधिक होता है. गुर्दा रोग वाली गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त उपचार, आहार और दवा में परिवर्तन और डॉक्टर के पास सही समय पर चेकअप करवाना ज़रूरी हो जाता है.

    06. थायराइड की समस्या

    थाइराइड की समस्या भी महिला के गर्भधारण में मुश्किलें खड़ी करती है. अगर प्रेग्नेंसी हो भी जाए तो वह रिस्की लिस्ट में ही रहती है.

    07. नशीले पदार्थों का सेवन करने वाली महिलाएँ

    जो महिलाएँ धूम्रपाम, अल्कोहल या अन्य किसी तरह के नशीले पदार्थ का सेवन करती हैं, उनकी प्रेग्नेंसी भी हाई रिस्क में शामिल होती है. क्योंकि इन चीजों का माँ और बच्चा दोनों पर असर पड़ता है.

    08. ओवरवेट और मोटी औरतें

    ओवरवेट या मोटापे की शिकार महिलाओं की प्रेग्नेंसी भी हाई रिस्क होती है, क्योंकि इन महिलाओं को अक्सर हाई ब्लड प्रेशर, थाइरायड, डायबिटीज जैसे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

    09. एक से ज्यादा बच्चों को जन्म देना (मल्टीपल बर्थ)

    यदि महिला जुड़वां बच्चों की माँ बनने वाली हो तो यह बच्चे हाई रिस्क बेबी होते हैं, जिनके समय से पहले होने का खतरा अधिक रहता है.

    10. बार-बार गर्भपात

    महिला का पहले दो या उससे अधिक बार गर्भपात हुआ हो. इन महिलाओं का अधिक देर तक बच्चा गर्भ में टिक नहीं पाता है. इसी वजह से इनकी प्रेग्नेंसी भी हाई रिस्क में रहती है.

    11. उम्र के कारण हाई रिस्क प्रेग्नेंसी

    छोटी या बड़ी उम्र में प्रेग्नेंसी कंसीव करना भी हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में शामिल है. 18 से कम और 35 से ज़्यादा उम्र की महिलाओं में एनीमिया की कमी और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अधिक होने लगती हैं.

    Is this helpful?

    thumbs_upYes

    thumb_downNo

    Written by

    Loveleen Gupta

    A working mother with more than two decades of experience in writing for the publishing industry and digital space, Loveleen Gupta loves dabbling in creative writing also. A graduate from Miranda House, she uses her personal experiences to express herself.

    Read More

    Get baby's diet chart, and growth tips

    Download Mylo today!
    Download Mylo App

    RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

    our most recent articles

    foot top wavefoot down wave

    AWARDS AND RECOGNITION

    Awards

    Mylo wins Forbes D2C Disruptor award

    Awards

    Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022

    AS SEEN IN

    Mylo Logo

    Start Exploring

    wavewave
    About Us
    Mylo_logo

    At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

    • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
    • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
    • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.