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Pregnancy Journey
24 April 2024 को अपडेट किया गया
प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ना उन महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ा विषय होता है जो माँ बनने वाली होती हैं. हालांकि इस समय हर महिला यही चाहती हैं कि उनके होने वाले बच्चे को भरपूर पोषण मिलता रहे, लेकिन साथ में वह यह भी सोचती हैं कि बच्चे के जन्म के बाद वह अपना वजन कैसे कम करेगी. बता दें कि यह हॉर्मोन के असंतुलन की वजह से भी हो सकता है, जिसकी वजह से आपको बहुत ज़्यादा खाने की इच्छा होने लगती है. यह इच्छा न सिर्फ़ हेल्थी फूड के लिए होती है; बल्कि बाहर के खाने की वजह से भी होने लगती है,और फिर इस तरह आपका वजन बढ़ जाता है या सामान्य रूप से आप कम खाने लगते हैं.
सामान्य वजन की महिला के लिए गर्भावस्था के दौरान वजन 11-15 किलोग्राम होना चाहिए. 40 हफ्ते की प्रेग्नेंसी होती है, जिसका मतलब है कि आपका वजन एक हफ्ते में 0.3 से 0.5 किलोग्राम से ज़्यादा नहीं होना चाहिए. हर जगह भारतीय बच्चे का सामान्य वजन 2.5-2.8 किलोग्राम होता है. इसके अलावा ऐसी और भी चीज़ें हैं, जिनकी वजह से आपका वजन और बढ़ जाता है. इसमें गर्भाशय (0.9 किलोग्राम), प्लेसेंटा (0.5 किलोग्राम) ब्रेस्ट (0.4 किलोग्राम), ब्लड का स्तर (1.2 किलोग्राम) एमनिओटिक फ्लूड (2.6 किलोग्राम) और कुछ अन्य फैट (2.5 किलोग्राम के आसपास).
एक्सपर्ट्स के अनुसार, महिला को अपने बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) के अनुसार ही वजन बढ़ाना चाहिए. जैसे-
कई महिलाओं के लिए, वजन बढ़ाना बेहद आसान होता है. गर्भावस्था के दौरान एक्सट्रा वजन बढ़ने के कई कारण हैं, जो आपके और बच्चे दोनों के लिए सही नहीं है. ज़रूरत से ज़्यादा वजन बढ़ने पर आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे- गेस्टेशनल हाइपरटेंशन, प्रीक्लेम्पसिया या गेस्टेशनल डायबिटीज़ आदि. इतना ही नहीं, इसका असर आपके बच्चे पर भी दिख सकता है या आपकी डिलीवरी में भी परेशानी आ सकती है, जैसे- सिजेरियन, प्रीटर्म बेबी या आपके बच्चे का सामान्य वजन से अधिक वजन होना. इसकी वजह से बच्चे में स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं.
अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आपका वजन काफी बढ़ गया है तो परेशान न हो. अभी देर नहीं हुई है और आप अभी भी कुछ चीज़ों को नियंत्रण में कर सकती हैं. बस आपको हफ्ते में वजन बढ़ने वाले चार्ट पर ध्यान देना है, जैसे- हफ्ते में सिर्फ़ 0.3-0.5 किलो वजन बढ़ना चाहिए और इसी पर अड़े रहें. इसके साथ ही आप नीचे बताई गई बातों पर भी ध्यान दे सकती हैं. जैसे-
दिन में आधे घंटे के लिए हल्के व्यायाम करें. फिर चाहे वो प्रीनेटल योग हो, पार्क में अपने पार्टनर के साथ घूमना हो. अगर आपके लिए रोजाना आधा घंटा व्यायाम करना मुश्किल है, तो आप दस मिनट भी व्यायाम कर सकते हैं. इससे न सिर्फ़ आपका बच्चा स्वस्थ रहेगा ; बल्कि बढ़ता हुआ फैट भी कम होगा.
अगर आप न्यूट्रिशनिस्ट की सर्विस ले सकते हैं तो बहुत अच्छी बात है या फिर आपके डॉक्टर भी आपको कुछ फायदेमंद टिप्स देंगे. कोशिश करें कि आप संतुलित आहार लें और अपने बच्चे को सही पोषण दें. इस बात का ध्यान रखें कि जब आप प्रेग्नेंट हो तब आपको प्रतिदिन 300 कैलोरी की जरूरत होती है, तो इस बात को सुनिश्चित कर लें कि आपको दो लोगों का खाना नहीं खाना है.
अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान सही मात्रा में कैलोरी ले रहे हैं और लेकिन फिर भी आपका वजन नहीं बढ़ रहा है, तो आपको खाना खाने से पहले कुछ चीज़ों के बारे में ग़ौर करना चाहिए. जैसे- अगर आपको भूख नहीं लगती है, तो छोटे-छोटे टुकड़ों में सही मात्रा में कैलोरी लेने के बारे में सोचें.
नाश्ता दिन का बेहद ज़रूरी आहार होता है और अगर आप इसे छोड़ते हैं, तो एसिडिटी और गैस की संभावना बढ़ जाती है, जिससे आपकी भूख बढ़ जाती है और इस तरह अन्य गेस्टेशनल इंटेटस्टाइन ट्रैक की समस्या होने लगती है.
रोज़ाना अपनी डाइट में मुट्ठी भर नट्स, स्वस्थ सलाद और एवोकाडो मिलाएँ, ताकि आपका शरीर ज़रूरत के मुताबिक वजन प्राप्त कर सके.
पूरे दिन में तीन बार खाना खाने के बजाए, हर दो घंटे में टुकड़ों में खाना खाएं, ताकि खाना आसानी से पच सके. आप पूरे दिन में तीन बार खाना खाने के साथ, बीच में स्नैक और शाम में स्नैक ले सकते हैं.
अपने मल्टीविटामिन और मिनरल सप्लीमेंट लेना न छोड़ें, यह सप्लीमेंट्स बच्चे के विकास के लिए आवश्यक होते हैं. प्रेगनेंसी के बाद वजन बढ़ भी जाता है तो आप माइलो वेट लॉस टी की मदद से सुरक्षित रूप से वजन कम कर सकती हैं.
जंक फूड और प्रेसेस्ड फ़ूड से आपके शरीर को बहुत ज़्यादा कैलोरी मिलती है, लेकिन उनमें किसी भी तरह का पोषण नहीं होता है और उनमें कई प्रकार के आर्टिफिशियल स्वीटनर और अन्य तत्व भी मिले होते हैं, जिससे शरीर को हानि पहुंचती है.
चूँकि सभी महिलाएँ अलग होती हैं और हर प्रेग्नेंसी अलग है.हर महिला द्वारा लिया जाने वाला फैट भी अलग होता है. इसलिए आपको अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से समय- समय पर परामर्श करते रहना चाहिए, ताकि आप और बच्चा दोनों स्वस्थ रहे.
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Written by
Charu Pratap
Charu has been a seasoned corporate professional with over a decade of experience in Human Resource Management. She has managed the HR function for start-ups as well as established companies. But aside from her corporate career she was always fond of doing things with a creative streak. She enjoys gardening and writing and is an experienced content expert and linguist. Her own experiences with motherhood and raising a baby made her realize the importance of reliable and fact-based parenting information. She was engaged in creating content for publishing houses, research scholars, corporates as well as for her own blog.
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