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Diapering
10 January 2024 को अपडेट किया गया
बच्चों के लिए डायपर का इस्तेमाल आज के समय में एक रोज़मर्रा की ज़रूरत बन गयी है. ख़ासतौर पर न्यूक्लियर फैमिली या वर्किंग पेरेंट्स के लिए यह काफ़ी सुविधाजनक होते हैं. हालाँकि, डिस्पोजेबल डाइपर्स (disposable diapers) से जमा होने वाला लैंडफिल वेस्ट हमारे वातावरण के लिए एक बड़ा खतरा भी है. इनके विकल्प के तौर पर आजकल कपड़े के डायपर आने लगे हैं जो धोकर बार-बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं और ईको फ्रेंडली होने के साथ ही कॉस्ट इफेक्टिव भी होते हैं. हालाँकि, इन्हें कई बार बदलने और धोने की ज़रूरत पड़ती है. डिस्पोज़ेबल और क्लॉथ डायपर्स (cloth diaper vs disposable diaper) दोनों के ही अपने-अपने फ़ायदे और नुकसान हैं.
आइये इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.
डिस्पोजेबल डायपर्स बच्चों के लिए सुविधाजनक और हाइजीन मेंटेन करने के लिए डिज़ाइन किये गए हैं. इनमें कई तरह की अब्जॉर्बेंट लेयर्स होती हैं जिनमें एक वॉटर रेसिस्टेंट लेयर भी होती हैं जिससे गीलापन डायपर से बाहर नहीं आ पाता है. ये गीलेपन को तुरंत सोख लेते हैं और बच्चा अंदर से तब तक सूखा रहता है जब तक कि ये अपनी क्षमता से अधिक न भर जाएँ. ये उपयोग में आसान होने के कारण बेहद लोकप्रिय हैं, लेकिन सुविधाजनक होने के बावजूद भी डिस्पोजेबल डायपर पर्यावरण के लिए एक खतरा (Disadvantages of disposable diapers in Hindi) माने जाते हैं.
डिस्पोजेबल डायपर के विकल्प के रूप में क्लॉथ डायपर्स को बाज़ार में उतारा गया है जिसका सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि ये एक (Benefits of cloth diapers in Hind) ईको फ्रेंडली ऑप्शन है. कपड़े के डायपर डिस्पोजेबल डायपर के बिल्कुल उलट बार-बार धो कर यूज़ किये जा सकते हैं. ये आमतौर पर सॉफ्ट कॉटन जैसे अब्ज़ॉर्बेंट कपड़े से बने होते हैं जिससे पर्यावरण पर इनका कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है. कपड़े के डायपर कई तरह के डिज़ाइन में आते हैं; जैसे कि प्रीफ़ोल्ड, फ़्लैट और मॉडर्न पॉकेट या फिर ऑल-इन-वन डिज़ाइन. इनकी कीमत खरीदते वक़्त थोड़ी ज़्यादा लग सकती है लेकिन लंबे समय तक उपयोग करने के कारण यह सस्ते पड़ते हैं और लैंडफिल वेस्ट को कम करने के मामले में बेस्ट ऑप्शन हैं. आइये अब दोनों तरह के डायपर्स के फ़ायदे और नुकसान के बारे में डिटेल में जानते हैं.
डिस्पोजेबल डायपर का पहला फ़ायदा यह (Benefits of disposable diapers in Hindi) है कि ये बेहद सुविधाजनक होते हैं. इनका इस्तेमाल और डिस्पोज़ल दोनों ही आसान है और इन के साथ गंदे नैपीज़ को धोने का झंझट ख़त्म हो जाता है.
डिस्पोजेबल डायपर के यूज़ के साथ पेरेंट्स का काफ़ी समय बच जाता है जो उन्हें कपड़े के नैपीज़ या डायपर को धोने में खर्च करना पड़ता. यह वर्किंग पेरेंट्स के लिए विशेष रूप से फ़ायदेमंद है.
आधुनिक डिस्पोजेबल डायपर्स की अब्ज़ॉर्बेंसी काफ़ी ज़्यादा होती है जिससे यह बच्चों को लंबे समय तक सूखा रखते हैं. इससे डायपर रैश और असुविधा को कम करने में मदद मिलती है और बच्चे का कंफ़र्ट बढ़ता है.
डिस्पोजेबल डायपर बेहद पोर्टेबल होते हैं जिससे उन्हें यात्रा के दौरान कैरी करना और इस्तेमाल करना बेहद सुविधाजनक होता है.
डिस्पोजेबल डायपर से हाइजीन मेंटेन करने में भी बहुत आसानी हो जाती है और इनके सही इस्तेमाल के साथ बच्चे की त्वचा सूखी रहती है जिससे उसे बैक्टीरिअल इन्फेक्शन के रिस्क से बचाने में भी मदद मिलती है.
डिस्पोजेबल डायपर लैंडफिल वेस्ट को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं और यह भी एक दिक्कत है कि इन्हें डिकम्पोज़ होने में बेहद लंबा समय लगता है.
लंबे समय तक डिस्पोजेबल डायपर का इस्तेमाल कपड़े के डायपर से कहीं अधिक महँगा पड़ता है.
कुछ डिस्पोजेबल डायपर्स में ऐसे केमिकल्स पाये जाते हैं जो बच्चे की सेंसिटिव त्वचा में जलन या एलर्जी पैदा कर सकते हैं.
कपड़े के डायपर्स के विपरीत, डिस्पोजेबल डायपर एक निश्चित साइज़ में ही आते हैं, और जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है वैसे-वैसे पेरेंट्स को बड़े साइज़ के डाइपर लेने पड़ते हैं.
डिस्पोज़ेबल डायपर पर निर्भरता के कारण बच्चे अक्सर पॉटी करते वक़्त शरीर में आने वाले प्राकृतिक संकेतों को समझना नहीं सीख पाते जिससे बड़े होने पर उनकी पॉटी ट्रेनिंग में भी चुनौतियाँ आती हैं.
कई डिस्पोजेबल डायपर में नॉन -बायोडिग्रेडेबल मटीरिअल का प्रयोग होता है जिससे पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ता है और कार्बन फुटप्रिंट को बढ़ावा मिलता है.
क्लॉथ डायपर के प्राइमरी बेनीफिट्स में से सबसे महत्वपूर्ण है पर्यावरण पर इनका सकारात्मक प्रभाव. इससे लैंडफिल वेस्ट का खतरा पूरी तरह ख़त्म हो जाता है क्योंकि इसे कई बार धो कर फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे नॉन-बायोडिग्रेडेबल वेस्ट की मात्रा काफ़ी कम हो जाती है.
हालाँकि, कपड़े का डायपर खरीदते वक़्त महँगा लग सकता है लेकिन लंबे समय तक यूज़ करते रहने के कारण इसके प्रयोग से काफ़ी पैसे बचते हैं. कई बार तो यह इतना चल जाते हैं कि इनका उपयोग परिवार के कई बच्चों के लिए किया जाता है.
क्लॉथ डायपर अक्सर डिस्पोजेबल डायपर की तुलना में केमिकल फ्री होते हैं क्योंकि ये कपड़े से बनाए जाते हैं. इन्हें जब हल्के डिटर्जेंट से धोया जाता है तो यह डायपरिंग का एक नेचुरल और केमिकल फ्री ऑप्शन बन जाते हैं.
कपड़े के डायपर कई तरह के आकर्षक रंग, पैटर्न और डिज़ाइन में आते हैं जिसे पेरेंट्स अपनी चाइस और बच्चे की ड्रेस के अनुरूप चुन सकते हैं. इनका साइज़ भी आसानी से एडजस्टेबल होता है.
कपड़े के डायपर के इस्तेमाल से डायपर रैश को कम करने में मदद मिलती है. इनमें प्रयोग होने वाला कपड़ा ब्रिथेबल होता है जिससे त्वचा को हवा लगती रहती है और सूखापन बना रहता है.
कुछ पेरेंट्स का मानना है कि कपड़े के डायपर का उपयोग करने से बच्चा पॉटी या सुसू होने पर तुरंत महसूस करता है जो डिस्पोज़ेबल डायपर में नहीं होता. इस अनुभव से उसे आगे चलकर पॉटी ट्रेनिंग देने में मदद मिलती है.
कपड़े से डायपर बनाने वाले कई ब्रांड छोटे और स्थानीय लोगों द्वारा ही चलाये जाते हैं और इन्हें खरीदने पर ऐसे इको फ्रेंडली बिज़नेस को सपोर्ट मिलता है.
यदि कपड़े के डायपर को ठीक तरह से मेंटेन किया जाए तो इनकी रीसेल वैल्यू भी बनी रहती है. नए इन्सर्ट्स के साथ इन्हें कोई भी दोबारा इस्तेमाल कर सकता है.
कपड़े के डायपर से जुड़ी कुछ मुख्य चुनौतियों में (Disadvantages of cloth diapers in Hindi) से पहली है इसे खरीदने में होने वाला शुरुआती खर्च डिस्पोजेबल डायपर की तुलना में कहीं अधिक लगता है हालाँकि, लंबे समय में ये आपकी डायपरिंग कॉस्ट को बचाने में बेहद मददगार साबित होते हैं.
कपड़े के डायपर को बार-बार धोने की आवश्यकता होती है. यह ख़ासतौर पर वर्किंग पेरेंट्स के लिए एक चुनौती हो सकता है क्योंकि कपड़े के डायपर को डिस्पोज़ेबल की तुलना में ज़्यादा बार बदलना और धोना पड़ता है.
हालाँकि, इस असुविधा से बचने के लिए आप माइलो के सिक्स लेयर इन्सर्ट्स और स्मार्ट कफ टेक्निक वाले एड्जस्टेबल क्लॉथ डाइपर ट्राई कर सकते हैं जो ज़ीरो लीक पैटर्न पर पाँच घंटे तक बच्चे को सूखा रखते हैं.
ट्रेवल के दौरान कपड़े के डायपर कम सुविधाजनक होते हैं क्योंकि यात्रा में गंदे कपड़े के डायपर को धोना एक मुश्किल भरा काम हो सकता है.
अक्सर कपड़े के डायपर डिस्पोजेबल डायपर की तुलना में अधिक भारी होते हैं, जिससे बच्चे को अन्य कपड़े पहनाना कुछ हद तक मुश्किल हो जाता है. इससे कई बार कपड़ों के ऑप्शन भी सीमित हो जाते हैं.
डिस्पोजेबल डायपर के विपरीत, कपड़े के डायपर को हवा में या मशीन में सुखाना पड़ता है जिसमें कुछ समय लगता है. इस वजह से आपको इनके कम से कम दो से तीन जोड़े रखने की ज़रूरत पड़ती है जिससे एक के सूखने तक दूसरा पहनाया जा सके.
कपड़े के डायपर पर दाग लगने का रिस्क ज़्यादा होता है और अक्सर इन दागों को हटाना एक मुश्किल काम होता है. इसके अलावा अगर ठीक तरह से साफ़ न किया जाए, तो कपड़े के डायपर में धोने के बाद भी बदबू बनी रह सकती है जिससे बच्चे के आस-पास मौजूद व्यक्तियों को परेशानी हो सकती है.
आइये अब जानते हैं कि बच्चे के लिए कौन से डायपर अच्छे हैं.
बेबी के लिए कौन-से डायपर्स अच्छे होते हैं : डिस्पोजेबल या क्लॉथ डायपर्स? (Which diapers are good for baby – disposable or cloth diapers in Hindi)
डिस्पोजेबल और कपड़े के डायपर के बीच का चुनाव असल में आपकी अपनी ज़रूरत, लाइफस्टाइल और प्राथमिकता पर निर्भर करता है. डिस्पोजेबल डायपर जहाँ सुविधाजनक, उपयोग में आसान और बिज़ी पेरेंट्स के लिए टाइम सेविंग हैं. वहीं, ट्रेवलिंग के दौरान भी इनका इस्तेमाल बेहद आसान है. इसमें आपको कई ऑप्शन मिल जाते हैं; जैसे कि डायपर पैंट या टेप्ड डायपर. आप माइलो के बेहद लाइटवेट ए डी एल टेक्नोलोजी और एलोवेरा के गुणों वाले डाइपर पैंट्स भी ट्राई कर सकती हैं जो बारह घंटे का प्रोटेक्शन देते हैं.
दूसरी ओर कपड़े के डायपर ईको फ्रेंडली हैं और लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर खर्च में आपकी बचत करा सकते हैं. ऐसे पेरेंट्स जो बच्चे की त्वचा के लिए नेचुरल प्रोडक्ट्स को प्रेफर करते हैं उनके लिए क्लॉथ डायपर्स एक बढ़िया ऑप्शन है. हालाँकि, इसके साथ आपको धोने और रखरखाव के मामले में अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होती है. पर अगर आप बच्चे की देखभाल के रूटीन में समय लगाने के इच्छुक हैं तो ये आपके लिए एक बढ़िया ऑप्शन हैं. कुल मिलाकर यह निर्णय पूरी तरह से पेरेंट्स की चाइस और ज़रूरत पर निर्भर करता है ताकि डायपरिंग उनकी पेरेंटिंग की यात्रा को आसान बना सके.
बच्चे के लिए डायपर चुनते हुए अपने बच्चे की स्किन टाइप और सेंसिटिविटी को भी ध्यान में रखें. सुविधा या असुविधा से जुड़े सभी फ़ैक्टर्स के अलावा अगर आपको ये लगता है कि बच्चे को डिस्पोज़ेबल डाइपर के प्रयोग से स्किन संबंधी दिक्कत हो रही है तो तुरंत इसके प्रयोग को बंद कर दें. एक या दो दिन बच्चे को डायपर फ्री रखें और फिर इसके अन्य विकल्पों के बारे में सोचें.
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Written by
Auli Tyagi
Auli is a skilled content writer with 6 years of experience in the health and lifestyle domain. Turning complex research into simple, captivating content is her specialty. She holds a master's degree in journalism and mass communication.
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