Care for Baby
8 January 2024 को अपडेट किया गया
हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां लोग अक्सर परफेक्ट दिखने और स्किन के गोरे होने के बारे में बात करते हैं, यह भी कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कुछ माता-पिता अपने बच्चे के स्किन कलर को लेकर चिंता में रहते हैं. बहुत से पैरेंट्स अपने बेबी को गोरा करने का साबुन उपयोग करने के बारे भी सोचते हैं. बाजार में बहुत से बेबी को गोरा करने का साबुन और क्रीम मौजूद हैं जो आपके बच्चे का रंग सुधारने का दावा कर सकते हैं, लेकिन क्या वे आपके नन्हे-मुन्नों के लिए सुरक्षित हैं?
इस आर्टिकल में हम पता लगाएंगे कि बाजार में मिलने वाला बेबी को गोरा करने का साबुन बच्चे की त्वचा पर क्या प्रभाव डाल सकता है और इसका सबसे अच्छा विकल्प कौन सा है?
बच्चों को गोरा करने वाला साबुन भले ही कितना भी महंगा और खुशबूदार हो लेकिन ये शिशुओं की नाजुक और संवेदनशील त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है. बड़ों के मुकाबले बेबी की स्किन पतली और अधिक नाजुक होती है, जो उन्हें जलन और नुकसान के प्रति ज्यादा सेंसटिव बना सकती है.आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि बच्चे का रंग जेनिटिक्स के हिसाब से तय होता है, बाहरी प्रयास से इसमें कोई बदलाव नहीं लाया जा सकता है.
ऐसे प्रोडक्ट्स बेबी स्किन के लिए बहुत हार्श हो सकते हैं, जिनसे एलर्जी, रेडनेस, ड्राईनेस, यहां तक कि रैशेज भी हो सकते हैं. इसके अलावा ये प्रोडक्ट्स बेबी स्किन पर बाद में क्या प्रभाव डालेंगें, इसका पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है. अगर आप ऐसा ही कोई बच्चों को गोरा करने वाला साबुन इस्तेमाल करते हैं तो एक बार बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
इसे भी पढ़ें : बेबी के लिए साबुन का इस्तेमाल कब से करें?
बच्चों को गोरा करने वाला साबुन एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसके बारे में बहुत से ऐसे दावे किये जाते हैं जो सच नहीं हैं. आइए कुछ मिथ्स पर एक नज़र डालें:
बच्चों को गोरा करने वाला साबुन बच्चे की त्वचा का रंग नहीं बदल सकता. ये प्रोडक्ट्स कुछ टाइम के लिए स्किन में चमक या गोरापन जरुर दिखा सकते हैं लेकिन ये बच्चे की नैचुरल स्किन को चेंज नहीं कर सकते हैं.
सभी पैरेंट्स के लिए ये समझना बहुत जरुरी है कि हर एक बच्चे की स्किन अलग-अलग प्रकार की होती है, और जो चीज एक बच्चे के लिए काम करती है वह दूसरे के लिए भी काम करेगी ऐसा जरुरी नहीं है. बच्चों को गोरा करने वाला साबुन ऐसे तत्वों से बना हो सकता हैं जो कुछ प्रकार की त्वचा के लिए कठोर हो सकते हैं, जिससे जलन या एलर्जी हो सकती है.
इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई मेडिकल रिसर्च नहीं है कि गोरेपन को बढ़ाने के लिए किसी साबुन या क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है. असल में आपके बच्चे की स्किन का जो नैचुरल कलर है वो एकदम सही है और आपको स्किन कलर को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए.
नवजात शिशुओं की त्वचा बेहद नाजुक होती है और ये अभी डेवलप हो रही होती है, ऐसे में किसी भी हार्श प्रोडक्ट का प्रयोग नहीं करना चाहिए. डॉक्टर से सलाह लेकर आप कोई माइल्ड बेबी क्लींजर इस्तेमाल कर सकते हैं.
बच्चों की त्वचा को गोरा करने वाले साबुन का उपयोग करने से अस्थायी परिणाम मिल सकते हैं, लेकिन यह त्वचा को गोरा करने का लॉन्ग लास्टिंग उपाय नहीं है. बच्चे की स्किन के लिए हेल्दी रूटीन बनाना चाहते हैं तो उसकी त्वचा को आप एनवायरमेंटल डैमेज से बचाएं जैसे पॉल्युशन और तेज धूप.
इसे भी पढ़ें : बेबी के लिए किस तरह की साबुन इस्तेमाल करना चाहिए?
हालाँकि ऐसा कोई साबुन नहीं है जो आपके बच्चे की त्वचा को गोरा कर सके, कुछ बेबी सोप, बेबी की स्किन टेक्सचर को हेल्दी बनाने में मदद कर सकते हैं. जब आपके बच्चे के लिए साबुन चुनने की बात आती है, तो सुरक्षा को प्राथमिकता देना और ऐसे प्रोडक्ट्स को चुनना महत्वपूर्ण है जो विशेष रूप से छोटे बच्चों के लिए तैयार किए जाते हैं.
कुछ साबुन हैं जो एक्सपर्ट्स द्वारा सुझाए गए हैं जैसे -
ऐसे सोप ख़ास तौर पर बच्चों के लिए बने होते हैं. इनसे त्वचा में जलन-रूखापन या खुजली होने का जोखिम कम होता है. ये साबुन बेबी की स्किन से उसका नैचुरल मौइस्चर नहीं खींचते हैं.
ऑर्गेनिक साबुन प्राकृतिक तत्वों से बने होते हैं और इनमें हार्श केमिकल या एडिटिव्स नहीं होते हैं. ये बेबी की स्किन को कोमलता से साफ़ करते हैं.
कुछ बेबी सोप में मिल्क, शहद या हल्दी जैसे प्राकृतिक तत्व होते हैं, जो त्वचा को चमकदार बनाने वाले गुणों के लिए जाने जाते हैं. ये तत्व बिना कोई नुकसान पहुंचाए त्वचा को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं.
किसी भी रंग बदलने वाले साबुन का प्रयोग सुनने में जितना सेफ लगता है उतना है नहीं.इसके कुछ साइड इफ़ेक्ट तुरंत नजर आ सकते हैं तो कुछ साइड इफेक्ट्स कुछ समय बाद दिखाई दे सकते हैं.
1. त्वचा में जलन और एलर्जी (Skin irritation and allergies)
बेबी को गोरा करने का साबुन केमिकल युक्त हो सकता है, इसके प्रयोग से बेबी की स्किन में इरीटेशन,रेडनेस, ड्राईनेस या एलर्जी हो सकती है.
2. पीएच संतुलन बिगड़ना (Disturbance in pH balance)
बेबी की स्किन का एक नैचुरल पीएच बैलेंस होता है जो इसे बैक्टीरिया और इन्फेक्शन से बचाने में मदद करता है. बेबी को गोरा करने का साबुन उसकी स्किन के पीएच बैलेंस को बिगाड़ सकता है जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है.
3. रूखापन (Dryness)
केमिकल वाला बेबी को गोरा करने का साबुन बेबी की नाजुक स्किन को बहुत ड्राई कर सकता है, स्किन पर फ्लेकिंग हो सकती है और बच्चा खुजली से परेशान हो सकता है.
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4. स्किन सेन्सटिवटी (Skin Sensitivity)
बेबी को गोरा करने का साबुन अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (एएचए) युक्त हो सकता है, जो त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है. इससे सनबर्न और धूप में एलर्जी होने की समस्या पैदा हो सकती है.
5.लॉन्ग टर्म इफेक्ट (Long term effects)
बेबी व्हाइटनिंग सोप्स के इस्तेमाल से बच्चे को भविष्य में भी स्किन प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. आपके शिशु की त्वचा संवेदनशील हो सकती है और उसे बड़े होने पर स्किन डिजीज़ तक का सामना करना पड़ सकता है.
एक छोटे बच्चे के माता-पिता होने के नाते आपको अपने बच्चे के रंग को बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए बल्कि उसकी सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए. बच्चों के लिए बने उत्पादों का प्रयोग करें. इसके लिए आप माइलो का हेड टू टो बेबी वाश या माइलो बेबी बाथ सोप खरीद सकते हैं. ये प्रोडक्ट्स पूरी तरह केमिकल फ्री हैं और स्किन को हेल्दी बनाने में आपकी मदद कर सकते हैं. यहाँ से खरींदे
निष्कर्ष के तौर पर, बेबी को गोरा करने का साबुन किसी भी तरीके से बेबी के लिए सुरक्षित उत्पाद नहीं है. बेबी की स्किन का ख्याल रखने के लिए आपको बहुत सोच-समझ कर प्रोडक्ट खरीदने चाहिए. सबसे महत्वपूर्ण बात ये हैं कि बच्चे का नैचुरल रंग ही उसके लिए बेस्ट है, सबसे पहले आप इस बात को लेकर निश्चिन्त हो जाएं और किसी भी व्यक्ति की कोई सलाह ना मानें जब तक कि वो स्किन एक्सपर्ट ना हो. किसी भी स्किन केयर प्रोडक्ट को शुरू करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें. अगर आपको ये जानकारी पसंद आई हो तो इसे बाकि नए पैरेंट्स के साथ शेयर करें.
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Written by
Auli Tyagi
Auli is a skilled content writer with 6 years of experience in the health and lifestyle domain. Turning complex research into simple, captivating content is her specialty. She holds a master's degree in journalism and mass communication.
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