hamburgerIcon

Orders

login

Profile

SkinHairFertilityBabyDiapersMore

Lowest price this festive season! Code: FIRST10

ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART
  • Home arrow
  • Tenali Rama story in Hindi | तेनालीराम की कहानी इन हिंदी arrow

In this Article

    Tenali Rama story in Hindi | तेनालीराम की कहानी इन हिंदी

    Baby Care

    Tenali Rama story in Hindi | तेनालीराम की कहानी इन हिंदी

    8 January 2024 को अपडेट किया गया

    कहानी सुनाने से बच्चों को कई लाभ मिलते हैं. अगर आप अपने बच्चे का स्क्रीन टाइम कम करना चाहते हैं तो उन्हें कहानी सुनाकर भी उनका मनोरंजन कर सकते हैं. कहानियाँ बच्चों के सोशल और इमोशनल डेवलपमेंट में हेल्प करती हैं. कहानियों में आने वाले नए शब्दों को सुनने से उनकी वॉकब्लेरी भी मजबूत होती है और उनकी कल्पनाशीलता बढ़ती है. मैमोरी पॉवर और सूझ-बूझ बढ़ाने में भी कहानी बहुत मदद करती हैं. आज हम इस आर्टिकल में आपको चतुर तेनाली की कहानियाँ दे रहे हैं जो बच्चों को बहुत पसंद आती हैं. तेनालीराम को उनकी प्रॉब्लम साल्विंग स्किल्स के लिए जाना जाता है, और बच्चे उन्हें एक रोल मॉडल की तरह देखते हैं तो बच्चों को सबसे पहले उनके बारे में बता देना चाहिए. चलिए, सबसे पहले जानते हैं कि तेनालीराम (About Tenali Ramakrishna in Hindi) कौन थे?

    तेनाली राम कौन थे? (Who was Tenali Rama in Hindi?)

    तेनालीराम की कहानी (Tenali Raman stories in hindi) शुरू करने से पहले ये जान लेते हैं कि इतिहास में तेनालीराम कौन थे (About tenali ramakrishna in hindi) और किस कारण से वो प्रसिद्द हैं. तेनाली रामकृष्ण दक्षिण भारत के एक महान कवि, विद्वान, विचारक और विजयनगर के राजा कृष्णदेवराय के दरबार में विशेष सलाहकार थे, जिन्होंने 1509 से 1529 ई. तक विजयनगर में राज किया. वो राजा को न केवल राज्य चलाने के लिए बेहतरीन सलाह देते थे बल्कि अपनी चतुरता के कारण राज्य की किसी भी समस्या का समाधान करने की योग्यता रखते थे. उनकी तेज बुद्धि के कई किस्से और कहानियाँ हमारे देश में प्रसिद्द हैं. आगे पढ़ते हैं तेनालीराम की कहानी इन हिंदी (Tenali Rama story in Hindi).

    तेनालीराम स्टोरी इन हिंदी (Tenali Rama story in Hindi)

    तेनाली राम की कहानियां बहुत ही लोकप्रिय हैं और इन्हें हर एक जेनरेशन इनकों बहुत पसंद करती है. कहानियाँ जो उनकी चतुराई, बुद्धिमत्ता, और हाजिरजवाबी को दर्शाती हैं. यहाँ उनकी कुछ उनकी प्रसिद्ध कहानियां हैं:

    सबसे बड़ा मूर्ख कौन (Tenali Rama story - Sabse bada moorkh koun)

    राजा कृष्णदेवराय को घोड़े बहुत पसंद थे और उनके पास राज्य के घोड़ों की नस्लों का सबसे अच्छा संग्रह था. खैर, एक दिन, एक व्यापारी राजा के पास आया और उसे बताया कि वह अपने साथ अरब में सबसे अच्छी नस्ल का एक घोड़ा लाया है.

    उसने राजा को घोड़े का निरीक्षण करने के लिए बुलाया. राजा कृष्णदेवराय को घोड़ा बहुत पसंद आया ; तो व्यापारी ने कहा कि राजा इसे खरीद सकते हैं और उसके पास अरब में इस तरह के दो और हैं, जिन्हें लेने के लिए उसे वापस जाना पड़ेगा. राजा को घोड़े से इतना प्यार था कि वो उन दो घोड़ों को भी रखना चाहते थे. राजा ने घोड़ों के व्यापारी को 5000 सोने के सिक्के एडवांस दे दिए और व्यापारी को जल्दी घोड़े लाने को कहा. व्यापारी ने कहा कि वो दो दिन के अंदर लौट आएगा.

    दो दिन दो सप्ताह में बदल गए, और दो महीने हो गए, लेकिन राजा को व्यापारी और दोनों घोड़ों का कोई अता-पता नहीं चला. एक शाम, अपने मन को शांत करने के लिए, राजा अपने बगीचे में टहल रहे थे, वहां उन्होंने तेनालीराम को एक कागज के टुकड़े पर कुछ लिखते हुए देखा, उत्सुकतावश, राजा ने तेनालीराम से पूछा कि वह क्या लिख रहा है? तेनालीराम पहले तो थोड़ा झिझक रहे थे, लेकिन आगे की पूछताछ के बाद उन्होंने राजा को कागज दिखाया. कागज पर नामों की एक लिस्ट थी, राजा का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर था. तेनाली ने कहा कि ये विजयनगर साम्राज्य के सबसे बड़े मूर्खों के नाम हैं.

    ये सुनकर राजा कृष्णदेवराय बहुत क्रोधित हुए कि उनका नाम सबसे ऊपर था और उन्होंने तेनालीराम से स्पष्टीकरण मांगा. तेनालीराम ने घोड़े की कहानी का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा राजा मूर्ख है कि क्योंकि उन्हें लगता है कि एक अजनबी व्यापारी 5000 सोने के सिक्के प्राप्त करने के बाद वापस आ जाएगा. राजा ने फिर पूछा, यदि व्यापारी वापस आता है तो क्या होगा? इसका जवाब देते हुए तेनालीराम ने कहा कि ऐसी स्थिति में वो व्यापारी सबसे बड़ा मूर्ख होगा और मैं उसका नाम इस लिस्ट में सबसे ऊपर लिख दूंगा.

    कहानी की सीख - अजनबियों पर आंख मूंदकर विश्वास न करें.

    मुट्ठी भर अनाज (Tenali Rama story in Hindi - A handful of grains)

    एक बार की बात है विजयनगर साम्राज्य में विद्युलता नाम की एक अहंकारी महिला रहती थी . उसे अपनी उपलब्धियों पर बहुत गर्व था और वह हमेशा अपनी बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन करना पसंद करती थी. एक दिन उसने अपने घर के बाहर एक बोर्ड लगा दिया, और उस पर लिख दिया कि जो कोई भी बुद्धिमानी में उसे हरा देगा वो उसे 1000 रूपये इनाम में देगी.

    कई विद्वानों ने उनकी चुनौती स्वीकार की, लेकिन उसे हराया नहीं जा सका. फिर एक दिन जलाऊ लकड़ी बेचने वाला एक आदमी आया और उसके दरवाजे के बाहर जोर-जोर से चिल्लाने लगा. उसके चिल्लाने से चिढ़कर विद्युलता ने कहा चिल्लाते क्यूँ हो? आती हूँ, बताओ कितने की दोगे ये लकड़ी?

    उस आदमी ने कहा कि वह उसे 'मुट्ठी भर अनाज' के बदले में अपनी जलाऊ लकड़ी दे सकता है. वह सहमत हो गई और उसने कहा कि जलाऊ लकड़ी को पिछवाड़े में रख दें. उसके बाद विद्युलता को इतनी कम कीमत सुनकर अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ तो उसने कहा कि तुम क्या लोगे इन लकड़ियों का? अब आदमी ने जोर देकर कहा कि वह समझ क्यों नहीं पाई कि उसने वास्तव में क्या माँगा था. फिर उसने कहा कि यदि वह इतनी सी बात नहीं समझ सकती, तो उसे अपना चुनौती बोर्ड उतारना होगा और उसे 1000 सोने के सिक्के देने होंगे.

    क्रोधित होकर विद्युलता ने उस पर बकवास करने का आरोप लगाया. विक्रेता ने कहा कि यह बकवास नहीं है, और चूँकि वह उसकी कीमत नहीं समझ पाई है, इसलिए उसे हार मान लेनी चाहिए.ये बातें सुनकर विद्युलता लकड़ी विक्रेता से निराश होने लगी. घंटों बहस के बाद, उन्होंने अदालत में जाने का फैसला लिया. न्यायाधीश ने विद्युलता की बात सुनी और फिर जलाऊ लकड़ी विक्रेता से अपना स्पष्टीकरण देने को कहा. विक्रेता ने बताया कि वह 'मुट्ठी भर अनाज' चाहता था लेकिन विद्युलता उसकी बात समझ नहीं पाई और उसने दोबारा लकड़ियों के दाम के बारे में पूछा जिससे ये साबित होता है कि विद्युलता उतनी भी बुद्धिमान नहीं है जितना वो अपने आप को समझती है. न्यायधीश उसे लकड़ी बेचने वाले से सहमत हो गये और विद्युलता को अपनी हार स्वीकार करनी पड़ी. उसने लकड़ी बेचने वाले को 1000 रूपये इनाम स्वरूप दे दिए. फिर उसने सोचा एक लकड़ी बेचने वाला मेरा बेवकूफ नहीं बना सकता और उसके बारे में खोजबीन करने लगीं. विद्युलता को पता चला कि वो लकड़ी बेचने वाला कोई और नहीं बल्कि राज्य के सबसे चतुर व्यक्ति तेनालीराम थे.

    कहानी की सीख - अपनी प्रतिभाओं और ईश्वर द्वारा दिए गए उपहारों के लिए विनम्र रहें.

    अभी खुश रहें (Tenali Rama story in Hindi - Abhi khush rahen)

    एक दिन तेनाली राम और उसका मित्र झूले पर लेटे हुए थे और हल्की-हल्की हवा चल रही थी और दोनों आनंद ले रहे थे. यह एक खूबसूरत दिन था और दोनों व्यक्ति मन ही मन मुस्कुरा रहे थे. अपने मित्र को देखकर तेनालीराम ने पूछा कि उसके मुस्कुराने का कारण क्या है? उसके मित्र ने उत्तर देते हुए कहा कि वह उस दिन के बारे में सोच रहा है जब वह वास्तव में खुश होगा.

    "वह कब खुश होगा?" तेनाली राम ने पूछा. उसके मित्र ने उसे समझाया कि उसे वास्तव में खुशी होगी जब उसके पास समुद्र के किनारे एक घर होगा, जिसमें एक आरामदायक घोड़ागाड़ी, बहुत सारी मुद्राएं, एक सुंदर पत्नी और चार बेटे होंगे जो शिक्षित होंगे और बहुत सारा पैसा कमाएंगे.

    तेनालीराम ने कहा कि अच्छा फिर उसके बाद आप क्या करेंगें जनाब? तेनालीराम के दोस्त ने जवाब दिया कि उसके बाद वो आराम से समुन्दर के किनारे लेट लगाएगा और ठंडी-ठंडी हवा का आनंद लेगा.

    तेनालीराम ये सुनकर बहुत तेज-तेज हंसने लगे और बोले वो तो तुम अभी भी कर ही रहे हो, तुम्हारी सारी मेहनत फ़िज़ूल हो गयी. ये सुनकर तेनाली का दोस्त भी हंसने लगा और उसकी समझ में आ गया कि इस पल में खुश रहना ज्यादा जरुरी है और भविष्य की चिंता में समय नहीं गंवाना चाहिए.

    कहानी की सीख - हमें वर्तमान में खुश रहना सीखना चाहिए.

    मनहूस आदमी या राजा?(Tenali Rama story in Hindi - Manhoos Aadmi ya Raja)

    विजयनगर साम्राज्य में रामया नाम का एक व्यक्ति रहता था. अफवाह यह थी कि अगर किसी ने सुबह रामाया की शक्ल देख ली तो उसे दिनभर खाना नहीं मिलेगा. यह सुनकर राजा ने स्वयं इस सच्चाई को जानना चाहा. पहरेदारों ने रामाया के लिए व्यवस्था की और उसके लिए राजा के ठीक बगल में एक कमरा बनाया. अगली सुबह, राजा रामाया के कमरे में गया, ताकि वह सबसे पहले उसे देख सके और इस अफवाह का परीक्षण कर सके. उसके बाद ऐसा हुआ कि दोपहर के भोजन के समय, राजा ने अपने भोजन में एक मक्खी देखी और रसोइये से उसे हटाकर नया दोपहर का भोजन तैयार करने को कहा. जब दोपहर का भोजन परोसा गया, तब तक राजा की भूख ख़त्म हो चुकी थी और उन्हें एहसास हुआ कि यह अफवाह वास्तव में सच थी - सुबह सबसे पहले रामाया का चेहरा देखने से लोगों को श्राप लगता है. वह अपने लोगों के लिए यह नहीं चाहता था तो उसने रामाया को फाँसी देने के बारे में सोचा.

    परेशान होकर, रामाया की पत्नी मदद के लिए तेनालीराम के पास पहुंची क्योंकि वह अपने पति को खोना नहीं चाहती थी. पूरी कहानी सुनने के बाद, तेनालीराम रामाया के फांसी चढ़ने से ठीक पहले रामाया के पास जाता है और उसके कान में कुछ फुसफुसाता है. उसी दिन, गार्ड रामाया से पूछते हैं कि क्या उसकी कोई आखिरी इच्छा है. रामाया कहता है कि वो मरने से पहले राजा को एक चिट्ठी देना चाहता है. रामाया ने एक कागज़ पर वो बात लिखी जो तेनालीराम ने रामाया के कान में कही थी. राजा को ये चिट्टी पहुंचाई गयी जिसमें लिखा था कि मेरा चेहरा देखने से तो सिर्फ खाना नहीं मिलता लेकिन राजा का चेहरा सबसे पहले देखने से तो आदमी को मौत ही आ जाती है. तो सबसे बड़ा मनहूस कौन है? इस चिट्ठी को पढ़कर राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ और तेनालीराम की समझदारी से एक बेक़सूर की जान बख्शी गयी.

    कहानी की सीख : किसी अन्धविश्वास पर हमें यकीन नहीं करना चाहिए.

    गधों को प्रणाम (Tenali Rama story - Gadhon ko Pranam)

    राजा के दरबार में तथाचार्य नाम के एक बहुत ही रूढ़िवादी शिक्षक थे जो वैष्णव संप्रदाय के थे. वह अन्य लोगों को

    ,बहुत ही दीन-हीन मानते थे. किसी भी अन्य समुदाय के व्यक्ति को देखते तो अपना मुहँ ढक लेते थे.

    इस व्यवहार से तंग आकर राजा और अन्य दरबारी मदद के लिए तेनालीराम के पास गए. राजगुरु के के बारे में ऐसी बातें सुनकर तेनालीरामा तथाचार्य के घर गए. तेनाली को देखकर शिक्षक ने अपना चेहरा ढक लिया. यह देखकर तेनाली ने उससे पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया. उन्होंने समझाया कि तुम्हे देखने से मैं पापी कहलाऊंगा और अगले जन्म में गधा बनूँगा. तेनालीराम ने ये बात गांठ बाँध ली. एक दिन, तेनाली, राजा, तथाचार्य और अन्य दरबारी एक साथ पिकनिक पर गये. जब वे पिकनिक से लौट रहे थे, तेनाली को कुछ गधे दिखे. वह तुरंत उनके पास दौड़ा और उन्हें सलाम करने लगा. हैरान होकर राजा ने तेनाली से पूछा कि वह गधों को सलाम क्यों कर रहा है? तेनाली ने समझाया कि वह तथाचार्य के पूर्वजों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त कर रहा था, जो हम सबका चेहरा देखने की वजह से गधे बन गए हैं. ये सुनकर तथाचार्य को अपनी गलती अहसास हुआ. उन्होंने फिर कभी किसी को देखकर अपना चेहरा नहीं ढका.

    कहानी की सीख - लोगों को उनकी जाति या धर्म के आधार पर छोटा नहीं समझना चाहिए.

    इसे भी पढ़ें : दिल बहलाने के साथ ही ज़िंदगी की सीख भी देती हैं पंचतंत्र की ये कहानियाँ

    निष्कर्ष (Conclusion)

    तो आपने पढ़ीं कुछ मजेदार तेनालीराम की कहानियाँ, उम्मीद है आपको पसंद आई होंगी और आप अपने बच्चों को तेनालीराम के बारे में (About Tenali Ramakrishna in Hindi) जरुर बताएंगें. इन कहानियों को ज्यादा से ज्यादा पैरेंट्स के साथ शेयर करें.

    Is this helpful?

    thumbs_upYes

    thumb_downNo

    Written by

    Auli Tyagi

    Auli is a skilled content writer with 6 years of experience in the health and lifestyle domain. Turning complex research into simple, captivating content is her specialty. She holds a master's degree in journalism and mass communication.

    Read More

    Get baby's diet chart, and growth tips

    Download Mylo today!
    Download Mylo App

    Related Topics

    RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

    our most recent articles

    foot top wavefoot down wave

    AWARDS AND RECOGNITION

    Awards

    Mylo wins Forbes D2C Disruptor award

    Awards

    Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022

    AS SEEN IN

    Mylo Logo

    Start Exploring

    wavewave
    About Us
    Mylo_logo

    At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

    • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
    • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
    • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.