Lowest price this festive season! Code: FIRST10
Regular Doctor Checkups in Pregnancy
4 April 2023 को अपडेट किया गया
प्रसवपूर्व कक्षाओं (Prenatal classes) का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था, डिलीवरी के समय और शुरुआती पालन-पोषण के लिए तैयार करने में मदद करना है. यदि आप सोच रहे हैं कि प्रसवपूर्व क्लास में शामिल होना फायदेमंद होगा या नहीं, तो आप बिल्कुल ठीक लेख पर आए हैं. इस लेख के ज़रिए हम आपको प्रीनेटल क्लासेस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देंगे.अधिकांश प्रसवपूर्व कक्षाएं प्रसूति अस्पताल के ही भीतर या मातृत्व क्लीनिक के सहयोग से चलाई जाती हैं. आपके डॉक्टर अच्छे रिजल्ट के लिए आपको अपने साथी के साथ इन कक्षाओं को अटेंड करने की सलाह देंगे. इन कक्षाओं की अवधि कम रखी जाती है ताकि महिलाएँ थक न जाए और दंपति कक्षाओं के लिए आसानी से समय निकाल सकें.
प्रसवपूर्व कक्षाओं से माता-पिता को अपने विचार अपने आने वाले शिशु की आवश्यकताओं के अनुरूप मोड़ने में मदद मिलती है.
अलग-अलग कक्षाएं गर्भावस्था और प्रसव के विभिन्न पहलुओं को कवर करती हैं. हालांकि, इनका प्राथमिक लक्ष्य जोड़े को होने वाले बच्चे के लिए भावनात्मक और शारीरिक दोनों रूप से भी तैयार करना है. मोटे तौर पर ये कक्षाएं नीचे बताए गए कुछ ख़ास विषयों को कवर करती हैं -
मतली, पीठ दर्द, एसिडिटी और गर्भावस्था से जुड़ी अन्य समस्याओं को कम करने के लिए घरेलू उपचार सिखाये जाते हैं.
इनसे लोचता और स्टेमिना बढ़ाने में मदद मिलती है. कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं-
इस भाग में निम्न विषयों को कवर किया जाता है -
इसमें शामिल महत्वपूर्ण बातें है -
इस भाग में कुछ महत्वपूर्ण बातों पर निम्न सूचनाएं दी जाती हैं –
आपकी कक्षाएं आपको गर्भावस्था, डिलीवरी के बाद की देखभाल, दंत स्वच्छता, बर्थिंग के तरीकों, दर्द से मुक्त प्रसव के लिए विकल्प और डिलीवरी के दौरान होने वाली जटिलताओं आदि के बारे में शिक्षित करने के लिए की जाती हैं. आपके संदेह को दूर करने के लिए डॉक्टरों और विशेषज्ञों को बुलाया जा सकता है.
प्रसवपूर्व कक्षाओं की एक सारणी उपलब्ध होती है, वहां से आप कार्यदिवस या सप्ताहांत कक्षाओं, साथ ही एकल या युगल वर्गों से चुन सकते हैं. यहां शामिल होने से पहले निम्न बातों पर विचार कर लें -
ये कक्षाएं महिलाओं की गर्भावस्था के शुरुआती चरण (पहली या दूसरी तिमाही) में आयोजित की जाती हैं. कक्षाओं का लक्ष्य मां के आहार और पोषण, नियमित जांच और स्क्रीनिंग परीक्षणों पर होता है. इसके साथ ही यह भी देखा जाता है कि इससे अल्ट्रासाउंड, श्रोणि व्यायाम और गर्भावस्था के वर्कआउट के दौरान क्या उम्मीद की जाए. प्रारंभिक गर्भावस्था कक्षाएं महिलाओं को उनमें होने वाले शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तनों के बारें में शिक्षित करती हैं और ये बताती हैं कि वे आगे की सुचारू यात्रा कैसे सुनिश्चित कर सकती हैं.
ये कक्षाएं उन महिलाओं या जोड़ों के लिए आयोजित की जाती हैं जो गर्भावस्था की अंतिम तिमाही में हैं. इन कक्षाओं का ध्यान जोड़े को जन्म देने की नवीनतम तकनीक और प्रगति के बारे में शिक्षित करने पर होता है. साथ ही डिलीवरी, सांस लेने की तकनीक, अस्पताल में रहने, और डिलीवरी के बाद की देखभाल के लिए तैयार करने के सुझावों के बारे में भी चर्चा करते हैं. ये वर्ग दो प्रकार के होते हैं -
ये कक्षाएं पहली बार माँ बन रही महिलाओं के लिए आयोजित किए गए कार्यक्रम की तुलना में कम विस्तृत हैं और दूसरी बार माता-पिता के लिए पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों (रिफ्रेशर कोर्सेस- पहले सिखाई हुई बातें याद दिलाने वाले पाठ्यक्रम) की तरह काम करती हैं. यहाँ केवल ख़ास विषयों पर चर्चा की जाती है. इनका उद्देश्य किसी भी हाल में हुई प्रसव तकनीक प्रगति से माता-पिता को शिक्षित करना होता है क्योंकि यह नया ज्ञान उनके काम आ सकता है.
कई प्रसूति क्लीनिक और अस्पताल अपनी नियमित प्रसवपूर्व कक्षाओं के अलावा अलग से समर्पित सत्र प्रदान करते हैं. ये सत्र गर्भावस्था के मामलों से संबंधित ख़ास मुद्दों पर चर्चा करने पर केन्द्रित होते हैं. इन सत्रों में जिन बातों पर चर्चा हो सकती है उनमें शामिल हो सकते हैं, मल्टीपल जन्म, सिजेरियन के बाद योनि से जन्म, वाटर बर्थिंग, घर पर डिलीवरी, प्राकृतिक प्रसव, गर्भकालीन मधुमेह और इसे कैसे प्रबंधित करें, कम प्लेसेंटा और अन्य जटिलताओं का प्रबंधन करना आदि.
जिन महिलाओं के पास किसी विशेष विषय से संबंधित कोई प्रश्न है, वे इन कक्षाओं को अटेंड कर सकती हैं. इन सत्रों में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से संदेह को हटाया जाता है. कई जोड़े भी सूचना और अपडेट का आदान-प्रदान करने के लिए सहायता समूहों का हिस्सा बन जाते हैं.
प्रसवकालीन कक्षाएं होने वाली माँ को अच्छी तरह से सूचित और जागरूक करती है, ताकि वे अपने और अपने शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प चुन सकें. इन कक्षाओं से जीवन की सबसे सुंदर मानी जाने वाली गर्भावस्था की यात्रा को सुगम करने में मदद मिलती है.
Yes
No
Written by
Priyanka Verma
Priyanka is an experienced editor & content writer with great attention to detail. Mother to an 11-year-old, she's a ski
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
पुरुषों में बांझपन का क्या मतलब है?
मिसकैरेज होने के बाद गर्भधारण में देरी न करें
प्रीमैच्योर बेबी होने के कारण और लक्षण
प्रीमेच्योर बेबी का ध्यान रखने के लिए अपनाएं ये टिप्सआपके प्रीमैच्योर बेबी की देखभाल के लिए पाँच काम के टिप्स. पढ़िये इस लेख में प्रीमैच्योर बेबी की देखभाल किस तरह करनी चाहिए? इससे जुड़ी कुछ सलाह आपके प्रीमैच्योर बेबी की एक्सट्रा केयर से जुड़ी हुई कुछ बेहद काम की बातें.
क्या आपको गर्भधारण करने में समस्या आ रही है? तो अपनाएँ ये छोटे-छोटे बदलाव!
माँ का स्पर्श बच्चे के लिए क्यों जरूरी है?
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |