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    Diaper Usage By Age in Hindi | बच्चे की उम्र के अनुसार डायपर का उपयोग कैसे करें, जानिए डायपर बदलने का समय

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    Diaper Usage By Age in Hindi | बच्चे की उम्र के अनुसार डायपर का उपयोग कैसे करें, जानिए डायपर बदलने का समय

    8 February 2024 को अपडेट किया गया

    छोटे बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना पैरेंट्स के लिए एक कड़ी चुनौती है, क्योंकि बच्चे, बदलते मौसम और बीमारियों के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं.बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे विकसित होती है, इस दौरान उनकी देखभाल में दो चीजें बहुत महत्वपूर्ण होती हैं, एक तो उन्हें ठंड और गीलेपन से बचाना और दूसरा हाइजीन का ध्यान रखना.इसी क्रम में उनकी देखभाल के लिए उम्र के अनुसार डायपर का उपयोग करना बहुत जरुरी हो जाता है.सही फिट वाले डायपर किसी भी तरह की लीकेज से बचाते हैं, हर साइज़ के डायपर की गीलापन सोखने की क्षमता अलग-अलग होती है.इन सभी बातों से बढ़कर एक सही फिट का डायपर बच्चे के लिए आरामदायक होता है.डायपर के सही साइज़ का चुनाव अब आपके लिए मुश्किल नहीं होगा क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगें कि बच्चे की उम्र के अनुसार डायपर का उपयोग कैसे करें (Diaper usage by age in hindi).साथ ही आप जानेंगें कि डायपर बदलने का समय कैसे निर्धारित करें और डायपर से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी यहाँ मौजूद है.

    डायपर कितने साइज़़ में उपलब्ध होते हैं? (What are the different diaper sizes available in Hindi)

    बाजार में नवजात शिशु से लेकर तीन-चार साल तक के बच्चे के लिए डायपर आसानी से मिल जाते हैं.उम्र के अलावा बच्चे का वजन भी एक महत्वपूर्ण पैरामीटर है जो डायपर चुनने में मदद करता है.पैरेंट्स को यह समझने की जरूरत है कि सभी बच्चे अलग-अलग वजन और आकार के साथ पैदा होते हैं, इसलिए यह जरुरी नहीं है कि सभी 1 साल के बच्चों को एक स्टैण्डर्ड साइज़ का डायपर आ जाए.आपको अपने बच्चे के आकार और उसकी डायपर की जरूरत को समझना होगा तभी आप एक सही डायपर का चुनाव कर सकेंगें.आमतौर पर छह तरह के डायपर आते हैं - नवजात शिशु डायपर, स्मॉल साइज़ डायपर, मीडियम साइज़ डायपर, लार्ज डायपर, एक्स्ट्रा लार्ज डायपर और जम्बो साइज़.चलिए, आगे बताते हैं आपको कि साइज़ चार्ट की मदद से इन सभी डायपर्स में से अपने बच्चे के लिए परफेक्ट साइज़ कैसे चुनें?

    डायपर साइज़़ चार्ट (Diaper size chart in Hindi)

    कुछ डायपर ब्रांड वजन के अनुसार तो कुछ बच्चे की उम्र के हिसाब से डायपर साइज़ निर्धारित करता हैं, वैसे ज्यादातर डायपर ब्रांड पर वजन और उम्र दोनों का लेबल लगा होता है.एक स्टैण्डर्ड डायपर साइज़ चार्ट कुछ इस तरह से होता है -

    बच्चे की उम्र

    बच्चे का वजन

    डायपर साइज़

    प्रीमैच्योर/न्यू-बॉर्न

    1.5-2.5 किलो

    न्यू-बॉर्न/नैनी/प्रिमी साइज़

    2 से 4 महीने

    2.5 - 5 किलो

    S - स्मॉल साइज़

    4 से 7 महीने

    5 - 8 किलो

    M - मीडियम साइज़

    7 से 12 महीने

    8-12 किलो

    L - लार्ज साइज़

    12 से 18 महीने

    12-18 किलो

    XL - एक्स्ट्रा लार्ज साइज़

    18 + महीने

    18 किलो से अधिक

    XXL - जम्बो साइज़

    बच्चे के वज़न के अनुसार डायपर साइज़़ (Diaper size chart in kg in Hindi)

    बच्चे के वजन के अनुसार डायपर साइज़ चुनना और भी बेहतर है, कुछ डायपर नम्बर के हिसाब से भी मिल सकते हैं.सही फिटिंग के लिए आप नीचे दी गयी वजन और डायपर साइज़ चार्ट की मदद ले सकते हैं और जान सकते हैं कि कितने अंतराल पर और कब बदलें डायपर (Kab badle diaper) -

    बच्चे का वजन

    डायपर साइज़

    2 से 2.5 किलो

    प्रीमी डायपर

    4 किलो

    न्यू बॉर्न डायपर

    4 से 6 किलो

    साइज़ 1 डायपर

    6 से 8 किलो

    साइज़ 2 डायपर

    8 से 12 किलो

    साइज़ 3 डायपर

    12 से 16 किलो

    साइज़ 4 डायपर

    16 से 20 किलो

    साइज़ 5 डायपर

    20 किलो से अधिक

    साइज़ 6 डायपर

    बच्चे के लिए सही डायपर चुनने में मदद करेंगे ये टिप्स (Tips for finding the perfect diaper size in Hindi)

    बच्चे के लिए सही डायपर चुनने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आप अपने बच्चे को वो सुरक्षा और आराम दे सकें जो आप असल में देना चाहते हैं -

    1. डायपर साइज़ चार्ट देखें (Refer to the diaper size chart)

    अपने बच्चे के लिए उम्र के अनुसार का डायपर उपयोग करना आपके लिए सरल हो सकता है, अगर आप डायपर साइज़ चार्ट देखें.हमने ऊपर चार्ट दिया हुआ है, जिसके आधार पर आप एक सही डायपर साइज़ चुन सकते हैं.डायपर के पैकेट पर भी ये चार्ट बना होता है, तो एक बार आपको डायपर पैक को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए.

    2. अपने बच्चे की बॉडी शेप पर ग़ौर करें (Consider your baby's body shape)

    सभी बच्चों का बॉडी शेप भी अलग–अलग होता है, उनका वजन भले कम हो लेकिन कमर और जांघ बड़ी भी हो सकती हैं, इसलिए आप गौर करें कि उनके लिए सुझाया गया ब्रैंड साइज़ कहीं उन्हें टाईट या ढीला तो नहीं आ रहा है.इस बात का ध्यान आपको खुद रखना होगा कि बच्चे को कमर पर निशान, डायपर रैशेज या लीकेज का प्रॉब्लम उनकी बॉडी शेप की वजह से तो नहीं है? अगर ऐसा है तो आप एक साइज़ बड़ा डायपर प्रयोग करके देख सकते हैं.

    3. संकेतों को ठीक से देखें (Check for red marks and leaks)

    बच्चों के डायपर पर कुछ संकेत होते हैं जैसे, डायपर किस ओर से सीधा है, या कहाँ से उसको निकालने के लिए टियर किया जा सकता है.कुछ डायपर वेटनेस इंडिकेटर के साथ आते हैं जो गीला होने पर रंग बदल देते हैं.इससे यह जानने में सुविधा हो सकती है कि डायपर बदलने का समय (Diaper badalne ka sahi samay) कब है? इन सभी संकेतों और निशानों के बारे में पढ़ें ताकि आपका बच्चा स्वच्छ रहे और उसे कोई असुविधा न हो.

    ये भी पढ़ें - How to Dispose Dirty Diapers in Hindi

    4. कमर की फिटिंग देखें (Observe the waistband fit)

    बच्चे के लिए डायपर चुनने के बाद हमेशा यह देखें कि डायपर कुछ समय बाद नीचे तो नहीं खिसक रहा.इसके अलावा ये जांच भी करें कि डायपर की इलास्टिक बहुत टाईट तो नहीं है, यह बच्चे के लिए मुसीबत का कारण बन सकती है.डायपर की कमर पर फिटिंग एकदम सही होनी चाहिए.

    5. लेग ओपनिंग को देखें (Check the leg openings)

    लेग ओपनिंग में किसी भी तरह का गैप लीकेज और गंदगी को बढ़ावा देता है.हमेशा डायपर का चुनाव करते हुए उसकी लेग ओपनिंग देखें कि यह आपके बच्चे को फिट होगी या नहीं.बहुत ढीली या बहुत तंग लेग ओपनिंग के चुनाव से यथासंभव बचें.

    6. अब्जॉर्बेंसी को मॉनिटर करें (Monitor the absorbency)

    प्रत्येक बच्चा अलग-अलग मात्रा में मल-मूत्र विसर्जन कर सकता है,और डायपर्स की गीलापन सोखने की क्षमता भी अलग-अलग हो सकती है, इसलिए डायपर का चुनाव करते समय इस बात का ध्यान रखें कि डायपर की अब्जॉर्बेंसी आपके बच्चे की टॉयलेट फ्रीक्वेंसी और वाल्यूम से मैच करे.डायपर के पैक पर अब्जॉर्बेंसी यूनिट भी लिखी होती है कि उत्पाद कितनी मात्रा में लिक्विड एब्जोर्व कर सकता है.

    7. अपने बच्चे की ग्रोथ और डेवलपमेंट को ध्यान में रखें (Keep track of growth spurts)

    डायपर बदलने का समय ध्यान रखें और सही समय पर बच्चे का डायपर साइज़ बदलते रहें, उसकी ग्रोथ और डेवलपमेंट के अनुसार आपको हर 3 से 4 महीने में डायपर साइज़ बढ़ाने की जरूरत हो सकती है.बच्चे की बढ़ती उम्र के साथ उसके बढ़ते वजन को भी डायपर खरीदते समय ध्यान में रखें, ताकि आप उसके लिए एक सही डायपर चुन सकें.

    ये थे कुछ सुझाव जो बच्चे की उम्र के अनुसार डायपर का उपयोग करने में आपकी मदद कर सकते हैं.आशा है आपके लिए यह आर्टिकल एक अच्छी डायपर गाइड साबित होगा.उम्र के अनुसार डायपर का उपयोग करने के साथ यह भी ध्यान रखें कि अगर आपके बच्चे की त्वचा संवेदनशील है, तो त्वचा की जलन या एलर्जी प्रतिक्रियाओं के जोखिम को कम करने के लिए हाइपोएलर्जेनिक और खुशबू रहित डायपर का चुनाव करें.अगर कोई भी एलर्जिक रिएक्शन दिखाई देता है तो डायपर का उपयोग तुरंत रोक दें और किसी अच्छे बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लें. अगर आप डेलीयूज डायपर्स का एक बेहतरीन और टिकाऊ विकल्प खोज रहे हैं तो माइलो के रीयूजेबल क्लॉथ डायपर्स भी ऑर्डर कर सकते हैं.ये डायपर्स न केवल किफायती है बल्कि बच्चे की नाजुक त्वचा की सुरक्षित रखने में भी उपयोगी हैं.

    आइए, अब एक नजर डालते हैं डायपर के साइज़ से जुड़े कुछ आम सवाल-जवाबों पर.

    डायपर के साइज़़ से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Diaper size FAQs in Hindi)

    बेबी का डायपर कितनी बार बदलना चाहिए? (How often should I change my baby's diaper)

    जब तक आपका बच्चा पूरी तरह पॉटी ट्रेनिंग नहीं हासिल कर लेता तब तक आपको कई बार उसका डायपर साइज़ चेंज करना पड़ सकता है.यह निर्भर करता है कि आपके बच्चे का वजन कितने अंतराल में बढ़ता है.आमतौर पर हर 3 से 4 महीने में बच्चे का वजन पर्याप्त बढ़ जाता है.जैसे ही आपको लगे कि डायपर टाईट होने लगा है या बच्चा गीलापन सोखने की क्षमता से अधिक पेशाब कर रहा है, तभी आपको डायपर का साइज़ बढ़ा देना चाहिए.

    क्या मैं बेबी के लिए लार्ज साइज़़ का डायपर इस्तेमाल कर सकती हूँ, ताकि बार-बार डायपर न बदलना पड़े? (Can I use a larger-sized diaper to avoid frequent changes?)

    नहीं, समय पर डायपर बदलना बहुत जरुरी है.एक डायपर को आप उसकी निर्धारित समय से ज्यादा नहीं पहना सकते, इससे स्किन इन्फेक्शन का खतरा बढ़ता है.साथ ही लार्ज साइज़ का डायपर पहनाने से लीकेज की समस्या हो सकती है, जिससे आपका बच्चा, कपड़े और घर गन्दा हो सकते हैं.हमेशा वही साइज़ का डायपर पहनाएं, जो आपके बच्चे की उम्र और वजन के लिए अनुशंसित है.डायपर बदलने का समय भी पैक पर लिखा होता है कि इसे कितने घंटे पहनाया जा सकता है, उसे भी ध्यान रखना चाहिए.डायपर चाहे सुपर लार्ज हो, अधिक समय तक नहीं पहनाया जा सकता है।

    अगर मेरे बच्चे का वज़न डायपर साइज़़ चार्ट के दो साइज़़ के बीच आता है, तो क्या करूँ? (What if my baby's weight falls between two sizes on the diaper size weight chart?)

    ऐसा हो सकता है कि आपके बच्चे का वजन दो साइज़ के बीच में हो और आप डिसाइड न कर पाएं कि कौन सा साइज़ बेहतर होगा, ऐसे में हम आपको सलाह देते हैं कि छोटा वाला साइज़ ही लें, क्योंकि एक तो छोटे डायपर किफायती होते हैं और दूसरा बहुत ढीला डायपर लीकेज का कारण बन सकता है.अब सवाल उठता है कि अगर ये डायपर टाईट हो जाए तो Bachcho ka diaper kab badle? इसके लिए अपने बच्चों की ग्रोथ का ध्यान रखें और जैसे ही उसके वजन में वृद्धि हो आप डायपर का साइज़ तुरंत बढ़ा दें.

    क्या सभी ब्रांड्स के डायपर का साइज़़ एक ही होता है? (Are diaper sizes the same across all brands?)

    प्रत्येक डायपर ब्रांड का साइज़ अन्य ब्रांड्स की तुलना में थोड़ा अलग हो सकता है, इसलिए सही फिट सुनिश्चित करने के लिए आप जिस पैकेज का उपयोग कर रहे हैं उस पर हमेशा साइज़ चार्ट को ध्यान से देख लें।

    ऐसे कौन-से संकेत हैं जो बताते हैं कि बच्चे को लार्ज साइज़़ के डायपर की ज़रूरत है? (What are the signs your baby needs a bigger diaper size?)

    अगर आपके बच्चे का डायपर लीक होना शुरू हो गया है, सुबह बच्चे की पैंट गीली मिलती है, बच्चे के पैर, जांघ और कमर पर लाल निशान हो रहें है या आपका बच्चा डायपर को खींच कर निकाल देने की कोशिश कर रहा है तो ये कुछ संकेत हैं जो बताते हैं कि आपको उसे लार्ज साइज़ का डायपर पहनाने की जरूरत है.

    लीकेज क्यों होता है? (Why do leaks and blowouts happen, and how to stop them?)

    लीकेज के कई कारण हो सकते हैं जैसे खराब क्वालिटी का डायपर, बच्चे का अधिक पेशाब करना, ऊपर के कपड़ों का टाईट होना, डायपर डैमेज होना इत्यादि.लीकेज का कारण पता करके ही इसे रोका जा सकता है.अच्छे ब्रांड के सही फिट वाले डायपर लेने से लीकेज के चांस बहुत कम किए जा सकते हैं.

    प्रो टिप (Pro Tip)

    Mylo की पैरेंटिंग एक्सपर्ट टीम का कहना है कि डायपर के लिए आप हमेशा एक अच्छे और विश्वसनीय ब्रांड से जुड़े रहें, बार-बार कम्पनी चेंज करने से बचें.ये थोड़े महंगे हो सकते हैं लेकिन बेहतर सुरक्षा और गुणवत्ता प्रदान कर सकते हैं.यदि आप पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं, तो बायोडिग्रेडेबल या सस्टेनेबल मैटेरियल जैसे रीयूजेबल क्लॉथ डायपर जैसे इकोफ्रेंडली विकल्प चुनें जो बच्चों के लिए भी सुरक्षित माने जाते हैं.

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    Written by

    Auli Tyagi

    Auli is a skilled content writer with 6 years of experience in the health and lifestyle domain. Turning complex research into simple, captivating content is her specialty. She holds a master's degree in journalism and mass communication.

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