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Conception
6 October 2023 को अपडेट किया गया
जब नेचुरल तरीक़े से गर्भधारण नहीं हो पाता है, तो कपल्स फर्टिलिटी ट्रीटमेंट आईवीएफ (IVF) और आईयूआई (IUI) की तरफ़ रूख करते हैं. लेकिन कुछ मामलों में यह दोनों ही फर्टिलिटी ट्रीटमेंट फेल हो सकते हैं. इस आर्टिकल के ज़रिये हम आपको आईयूआई के फेल होने के कारण (IUI fail hone ke karan) और लक्षणों के बारे में डिटेल में बताएँगे.
इससे पहले कि हम आईयूआई के फेल होने के कारण और लक्षणों पर बात करें, उससे पहले जानते हैं कि आख़िर आईयूआई का सक्सेस रेट क्या होता है!
आईयूआई यानी कि इंट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन (Intrauterine insemination) एक ऐसा फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है, जो गर्भधारण में मदद करता है. इस फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के दौरान पुरुष पार्टनर के स्पर्म को सीधे महिला के गर्भाशय में डाला जाता है, जिससे फर्टिलाइजेशन और प्रेग्नेंसी की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं. आईयूआई फर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे कपल्स के लिए एक उम्मीद की किरण होता है.
औसतन, आईयूआई (IUI) का सक्सेस रेट 10% से 20% प्रति साइकल होता है. हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि IUI के कई साइकल के साथ सफलता दर बढ़ सकती है. कुछ आंकड़ों की मानें तो 6 साइकलल के बाद आईयूआई का सक्सेस रेट 60% तक हो सकता है.
आईयूआई का सक्सेस रेट कई फैक्टर्स से प्रभावित हो सकता है. महिला पार्टनर की उम्र, फर्टिलिटी से संबंधित समस्या, और स्पर्म क्वालिटी, आदि आईयूआई के सक्सेस रेट को प्रभावित कर सकते हैं.
जब आईयूआई फेल होता है, तो कपल्स निराश हो जाते हैं, उन्हें समझ नहीं आता है कि आख़िर उनके साथ ऐसा क्यों हुआ है. लेकिन इस समय निराश होने से बेहतर है कि आप उन कारणों को समझें जो आईयूआई की असफलता के कारण बनें. आईयूआई फेल होने के कई कारण हो सकते हैं; जैसे कि-
हार्मोनल असंतुलन और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसी समस्या के कारण ओव्यूलेशन को अनियमित कर सकते हैं, और अनियमित ओव्यूलेशन के कारण आईयूआई फेल हो सकता है.
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने या खराब होने पर इम्प्लांटेशन की प्रोसेस प्रभावित हो सकती है, क्योंकि ऐसी स्थिति में स्पर्म एग तक नहीं पहुँच पाते हैं और आईयूआई फेल हो जाता है.
गर्भाशय की संरचनात्मक असामान्यताएं; जैसे- फाइब्रॉए और पॉलीप्स के कारण भी इम्प्लांटेशन में समस्या आ सकती है और आईयूआई फेल हो सकता है.
आईयूआई और आईवीएफ जैसे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में स्पर्म क्वालिटी का बहुत बड़ा रोल होता है. ऐसे में स्पर्म की क्वाटिंटी, क्वालिटी और मोटिलिटी कम होने पर होने पर आईयूआई के सफल नहीं हो पाता है.
इसे भी पढ़ें : स्पर्म मोटिलिटी का क्या होता है फर्टिलिटी से कनेक्शन?
वास डेफेरेंस वह ट्यूब होता है, जो स्पर्म को टेस्टिकल्स से मूत्रमार्ग (यूरेथ्रा) तक ले जाता है. इस ट्यूब में रुकावट या ब्लॉकेज होने पर स्पर्म को सीमेन तक पहुँचने में कठिनाई होती है, जिसके कारण आईयूआई के सफल होने की गुंजाइश कम हो जाती है.
प्रोजेस्टेरोन प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, ऐसे में अगर इसमें कमी होने पर भी आईयूआई असफल हो सकता है.
अगर महिला पार्टनर की उम्र अधिक होती है, तो ऐसी स्थिति में भी आईयूआई के सफल होने की गुंजाइश कम हो जाती है.
तो ये थे वे कारण जिनके कारण आईयूआई फेल हो जाता है. हालाँकि, इसके अलावा अन्य मेडिकल कारण भी आईयूआई को असफल बना सकते हैं. आर्टिकल में आपको आगे बताएँगे कि आईयूआई फेल होने पर आख़िर किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं.
आईयूआई के फेल होने पर कुछ इस तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं;
पीरियड मिस होना प्रेग्नेंसी का पहला संकेत होता है. ऐसे में समय पर पीरियड्स आना आईयूआई के फेल होने का लक्षण माना जाता है.
अगर प्रेग्नेंसी टेस्ट से चेक करने पर रिज़ल्ट नेगेटिव आता है, तो इसका अर्थ है कि आईयूआई फेल हो चुका है.
आईयूआई फेल होने पर महिला पार्टनर को प्रेग्नेंसी के लक्षण; जैसे कि उल्टी, मतली, चक्कर आना, पैरों में सूजन और पेट दर्द, आदि लक्षण महसूस नहीं होते हैं.
यह ज़रूरी नहीं है कि आईयूआई फेल होने पर ऊपर बताए गए लक्षण ही दिखाई दें, कुछ महिलाओं के केस में इनमें कुछ बदलाव भी हो सकता है. साथ ही, ये सभी लक्षण आईयूआई के फेल होने की गारंटी नहीं देते हैं. ऐसे में ज़रूरी है कि आप प्रेग्नेंसी कंफर्म करने के लिए प्रेग्नेंसी टेस्ट करें. आप इस बारे में अपने डॉक्टर से भी बात कर सकते हैं.
अगर आपको आईयूआई के फेल होने की शंका है, तो नीचे बताए गए टेस्ट करवा सकते हैं. ऐसे में अगर आईयूआई के फेल होने से आपको कोई समस्या हुई होगी तो उसका समय रहते पता लगाया जा सकता है.
ऐसा नहीं है कि आईयूआई फेल होने के बाद उम्मीद के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं. आईयूआई के अलावा भी कई ऐसे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट होते हैं, जो प्रेग्नेंसी की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं; जैसे कि- इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) (In Vitro Fertilization (IVF), इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई) (Intracytoplasmic Sperm Injection (ICSI), डोनर स्पर्म या डोनर एग्स (Donor Sperm or donor Eggs), आदि. धैर्य रखें और पॉजीटिव रहें. ध्यान रखें अक्सर अच्छी चीज़ों में समय लगता है!
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Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
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