Lowest price this festive season! Code: FIRST10
Baby Massage
18 October 2023 को अपडेट किया गया
न्यूबोर्न बेबी की मसाज उसकी देखभाल के रूटीन का एक इम्पोर्टेन्ट हिस्सा है. बच्चे की नियमित मालिश से उसके शरीर के विकास में मदद मिलती है. इसके अलावा भी बच्चे की मालिश (Newborn baby massage in Hindi) कई तरह से लाभकारी है; जैसे कि-
बच्चे की मसाज (Newborn baby massage in Hindi) करते हुए पेरेंट्स का उसके साथ आई टू आई कॉटेक्ट होता है और माँ के प्यार भरे स्पर्श से दोनों के बीच की बॉडिंग मज़बूत होती है. न्यूबोर्न बेबी के साथ पेरेंट्स के रोज़ इस तरह समय बिताने से बच्चे की मेंटल और फिज़िकल ग्रोथ में मदद मिलती है.
मसाज से बच्चे की बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और डाइजेस्टिव सिस्टम को रिलेक्स होने में मदद मिलती है. इससे बच्चे को गैस, पेट दर्द और कब्ज़ जैसी दिक्कतों में आराम मिलता है. साथ ही, दाँत निकलने की तकलीफ़ भी कम हो जाती है.
बेबी मसाज से बच्चे के शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है. इससे बच्चे को साँस लेने में आसानी होती है और फेफड़े मज़बूत बनते हैं. मसाज से ब्रेन में ब्लड सप्लाई बढ़ती है जिससे न्यूरॉन्स को बढ़ने में मदद मिलती है और इस कारण बच्चा हेल्दी महसूस करता है.
न्यूबोर्न बेबी की मसाज से उसे फिज़िकल और मेंटल रिलेक्सेशन मिलता है. इससे बच्चे के इमोशनल डेवलपमेंट को भी बढ़ावा मिलता है और उसका चिड़चिड़ापन और रोना कम हो जाता है. साथ ही, बच्चे के स्लीपिंग पैटर्न में भी सुधार आता है.
इसे भी पढ़ें : बच्चे की मालिश कब करनी चाहिए- नहलाने से पहले या नहलाने के बाद?
नवजात शिशु बेहद नाज़ुक होते हैं और उनकी मसाज से पहले कुछ बातों का ख़ास ख्याल रखना ज़रूरी है.
1. मालिश तभी करें जब बच्चा शांत हो और आप भी स्ट्रेस फ्री हों.
2. सुबह के वक़्त बच्चे के सोकर उठने के बाद, जब वो पूरी तरह से फ्रेश और एक्टिव हो तब मसाज करें और रात को सुलाने से पहले का वक़्त मालिश के लिए बेस्ट होता है.
3. बच्चे के कपड़े हटाने से पहले ध्यान रखें कि कमरा गर्म हो.
4. मसाज शुरू करने से पहले एक कंबल या तौलिया, और एक कंटेनर में मसाज ऑइल निकाल लें.
5. कोई भी नया मसाज ऑइल लगाने से पहले बच्चे की स्किन पर पैच टेस्ट ज़रूर करें.
6. फ़ीडिंग के तुरंत बाद मसाज कभी ना करें.
7. मसाज के लिए अपने पैरों के तलवों को एक साथ मिलाकर फर्श पर बैठें और कम्बल या तौलिये को अपने पैरों के ऊपर और घुटनों के बीच में बिछा लें. अब बच्चे के कपड़े उतारकर उसे कम्बल पर लिटायें और उसका सिर अपने पैरों पर रखें.
8. बच्चे के सिर से पैर तक हल्के हाथ से तेल लगाते हुए मसाज की शुरुआत करें.
9. अगर मालिश करते हुए बच्चा रोये या चिड़चिड़ा हो जाए तो मसाज रोक दें और अगले दिन करें.
10.अधिकतर बच्चे मसाज को एन्जॉय करते हैं और ऐसे में उनकी बॉडी के एक-एक हिस्से की धीरे-धीरे मालिश करनी चाहिए.
अब आपको बताएँगे न्यूबोर्न बेबी की बॉडी मसाज (Newborn baby massage in Hindi) का सही तरीक़ा.
न्यूबोर्न बेबी की मसाज करने के लिए अपनी हथेलियों को हल्का गरम करें और ऑइल या लोशन को हाथों में लगाकर धीमे-धीमे स्ट्रोक देते हुए मालिश शुरू करें.
बच्चे की पसलियों के बीच में दोनों हाथों को इस तरह रखें कि आपके हाथ उसके पेट पर चप्पू की तरह चल सकें. पसलियों के नीचे से शुरू करते हुए अपनी उँगलियों के पोरों से धीरे-धीरे गोल घुमाते हुए बच्चे के पेट की क्लॉकवाइज मसाज करें. इसके बाद अपनी उँगलियों को नाभि के चारों ओर क्लॉकवाइज घुमाएँ. अब बच्चे के घुटनों और पैरों को एक साथ पकड़कर धीरे से पेट की ओर दबाएँ. इससे पेट की गैस निकल जाएगी. अंत में अपना हाथ बच्चे के पेट पर रखकर कुछ देर बायें से दाहिनी तरफ़ हल्के हाथों से मलें.
बच्चे के सिर को अपने दोनों हाथों में पकड़कर उँगलियोंं से स्कैल्प की मालिश करें बिल्कुल उसी तरह जैसे आप शैम्पू करते हैं. बच्चे के सिर पर बीच में स्थित मुलायम जगह पर मालिश न करें. अंगूठे और तर्जनी के बीच में लेकर बच्चे के कानों की मालिश करें. इसके बाद अपने अंगूठे को बच्चे की भौंहों के बीच में रखें और बाहर की ओर लाएँ. फिर अपने अंगूठे से बच्चे की बंद पलकों को भी धीरे-धीरे सहलाएँ. नाक से गालों के ऊपर तक हल्का स्ट्रोक देते हुए मालिश करें. अंत में अपनी उंगलियों से गोलाई में स्ट्रोक देते हुए जबड़े की मालिश करें.
अपने दोनों हाथों को बच्चे की छाती पर रखें और स्टरनम (sternum) से कंधों तक बाहर की ओर स्ट्रोक दें. स्टरनम से शुरू करते हुए, दोनों हाथों को कंधों तक ऊपर ले जाएँ, फिर आगे और पीछे एक साथ नीचे की ओर लाते हुए हार्ट का आकार बनाएँ. बारी-बारी से बच्चे के पैरों को ऊपर उठाएँ और क्रिसक्रॉस पैटर्न में विपरीत कंधे की तरफ़ ले जाएँ.
सबसे पहले एक हाथ से बच्चे की कलाई को पकड़ें और उसकी ऊपरी बाँह को हल्के से थपथपाएँ. अब बच्चे की कलाई को एक हाथ से थाम कर अपने दूसरे हाथ से उसकी बाँह को अंगुलियों से C-आकार में पकड़कर कंधे से कलाई तक स्ट्रोक दें.
अब बच्चे की एक-एक बाँह को पकड़कर एक-दूसरे के ठीक ऊपर रख दें और फिर दोनों हाथों को विपरीत दिशाओं में ऊपर से नीचे की ओर 4 से 5 बार ले जाएँ. अपने अंगूठों से बच्चे की हथेलियों और उँगलियों की मसाज करें. फिर कलाई से उँगलियों तक नीचे की ओर स्ट्रोक दें और हरेक उंगली को धीरे से दबाएँ और हल्के से खींचें. अब अपनी अंगुलियों को गोलाई में घुमाकर कलाई की मालिश करें और अंत में बच्चे के दोनों हाथों को अपने दोनों हाथों के बीच में घुमाएँ.
बच्चे को अपने पैरों पर पेट के बल लिटायें और उसके हाथ सामने रखें. अब अपने दोनों हाथों को बच्चे की पीठ पर रखें और गर्दन के नीचे की ओर हिप्स तक आगे पीछे मालिश करें. उँगलियोंं से बच्चे की रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ़ मालिश करें लेकिन रीढ़ की हड्डी पर सीधे प्रेशर ना डालें. अब हल्के स्ट्रोक देते हुए कंधों की सर्कुलर मोशन में मसाज करें. फिर हिप्स की गोलाई में मसाज करें और अंत में अपनी उँगलियों के पोरों से बच्चे की पीठ सहलाएँ.
सबसे पहले बच्चे के एक पैर को टखने से उठाएँ और ऊपरी जाँघ को हल्के से थपथपाएँ.
एक हाथ से बच्चे के घुटने को पकड़ें और दूसरे हाथ से C-आकार बनाते हुए बच्चे की ऊपरी जाँघ से नीचे पैर तक मालिश करें. बच्चे की जाँघ को दोनों हाथों से पकड़ें और कूल्हे से पैर तक दोनों हाथों को एंटी क्लॉक वाइज़ घुमाते हुए हल्के हाथों से स्ट्रोक दें; जैसे कि आप तौलिया निचोड़ रहे हों. एड़ी से पैर की उँगलियों की मसाज के लिए पैर के तलवे पर अंगूठों का प्रयोग करें. फिर एड़ी से लेकर पंजों तक की मालिश के लिए अपने पूरे हाथ का उपयोग करें. अब पैर के ऊपरी हिस्से को भी सहलाएँ और सभी उँगलियों को धीरे से खींचें. घुटने के चारों ओर सर्कुलर मोशन में मसाज करें. अंत में बच्चे के पैरों को अपने हाथों के बीच में ऐसे धीरे-धीरे ऐसे घुमाएँ; जैसे कि आप आटा गूँथ रहे हों.
इसे भी पढ़ें : बच्चे के लिए किस तरह का मसाज ऑइल है बेस्ट?
भारत में नवजात बच्चों की मालिश करने का रिवाज़ पीढ़ी-दर-पीढ़ी चला आ रहा है जो आमतौर पर घर की अनुभवी महिलाएँ जैसे दादी-नानी आदि करती हैं. माना जाता है कि डिलीवरी के बाद की ये मालिश न केवल बच्चे के लिए; बल्कि उसकी माँ के लिए भी की जानी चाहिए. आयुर्वेद के अनुसार बच्चे की मालिश पहले दिन से ही करनी चाहिए और इसके लिए ख़ास तरह के जड़ी बूटियों से बनाए गए नेचुरल ऑइल इस्तेमाल किये जाते हैं. जिनसे न केवल शरीर में मजबूती आती है; बल्कि त्वचा की रंगत भी निखरती है.
भारत के कई हिस्सों में न्यूबोर्न बच्चे की मसाज के लिए केवल देसी गाय के घी का इस्तेमाल किया जाता है जिससे बच्चे की हड्डियाँ मज़बूत बनती हैं और मसल्स को ताकत मिलती है और त्वचा स्वस्थ रहती है. साथ ही इसमें हल्दी, अश्वगंधा और दही के पानी जैसे इंग्रिडिएंट्स को इंफ्यूज किया जाता है जिससे इसके गुणों में कई गुना बढ़ोत्तरी हो जाती है. (Baby Massage Oil Product Link)
इसके अलावा बच्चे की मालिश के लिए नारियल तेल भी एक अच्छा ऑप्शन है जो अपने एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों के कारण बच्चे की कोमल त्वचा से ड्राइनेस और घमौरियों से बचाता है. आप इसमें जोजोबा ऑइल भी मिला सकते हैं.
सर्दियों में सरसों के तेल की मसाज बेस्ट है जो बच्चे के शरीर को गर्माहट देती है. बच्चे को खाँसी और सर्दी से बचाने के लिए इसमें अजवायन भी मिलाया जाता है.
इसके साथ ही बादाम तेल जो विटामिन A, B1, B2, B6 और E और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. यह बच्चे की त्वचा और नाखूनों को स्वस्थ, मज़बूत और चमकदार तथा बालों को रेशमी और मुलायम बनाता है.
आयुर्वेद में बच्चों की मसाज के लिए तिल के तेल का प्रयोग भी किया जाता है. एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर यह ऑइल बच्चों की ड्राई स्किन को सॉफ्ट बनाता है और उसे हानिकारक यूवी किरणों से बचाता है.
आप इनमें से कोई-सा भी तेल अपने बच्चे की स्किन टाइप और बजट के अनुसार प्रयोग कर सकते हैं.
बच्चे का मसाज़ टाइम उसके लिए एक जॉयफुल फन टाइम होना चाहिए. इसके लिए ये ज़रूरी है कि उसे इस दौरान किसी तरह की तकलीफ़ या दर्द न हो. मसाज़ हमेशा हल्के हाथों से करें और तभी करें जब बच्चा अच्छे मूड में हो.
1. Mrljak R, Arnsteg Danielsson A, Hedov G, Garmy P. (2022). Effects of Infant Massage: A Systematic Review. Int J Environ Res Public Health.
2. Chaturvedi S, Randive B, Pathak A, Agarkhedkar S, Tillu G, Darmstadt GL, Patwardhan B. (2020). Prevalence and perceptions of infant massage in India: study from Maharashtra and Madhya Pradesh states. BMC Pediatr.
How to massage newborn baby in English
Yes
No
Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
Dry Lips During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में क्यों सूखते हैं होठ?
Diarrhea During Pregnancy in Hindi | प्रेग्नेंसी में बार- बार पॉटी करके हो गई है हालत खराब? यहाँ जानें डायरिया से राहत पाने के उपाय!
Pregnancy Se Bachne Ke Upay | सिर्फ़ कॉन्डम और बर्थ कंट्रोल पिल्स ही नहीं, ये उपाय भी करते हैं अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने में मदद!
Pregnancy Se Bachne Ke Upay | सिर्फ़ कॉन्डम और बर्थ कंट्रोल पिल्स ही नहीं, ये उपाय भी करते हैं अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने में मदद!
Birth Control Options While Breastfeeding in Hindi | ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान किस तरह के बर्थ कंट्रोल विकल्प अपना सकते हैं आप?
Fertisure M Tablet Uses in Hindi | क्या फर्टिश्योर एम टैबलेट पुरुषों की रिप्रोडक्टिव हेल्थ में सुधार करती है?
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |