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Conception Myths & Facts
12 December 2022 को अपडेट किया गया
माँ बनना हर महिला का सपना होता है. लेकिन यह बेहद जरूरी है कि बच्चा सही समय और उम्र में पैदा किया जाए. विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चे को जन्म देने की सही उम्र 20 से 35 वर्ष के बीच होती है. इससे पूर्व या बाद में गर्भधारण करने पर गर्भस्थ शिशु में विकृति की आशंका ज़्यादा होती है. ये विकृतियां क्रोमोज़ोम जीन में हुई किसी गड़बड़ी के कारण आ सकती हैं. इसलिए अधिक या कम उम्र में गर्भ धारण करने से बचना चाहिए. शोध के अनुसार न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों ने भी इस बात का खुलासा किया है, जो महिलाएँ शादी के तुरंत बाद बच्चे पैदा कर लेती हैं, उन्हें गर्भधारण में तो समस्याएं आती ही हैं, उनका बच्चा भी अस्वस्थ पैदा होता है।
न्यूजीलैंड में ऑकलैंड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने शोध के दौरान पाया कि जो महिलाएँ शादी के कुछ दिनों या कुछ हफ्तों के बाद ही गर्भवती हो जाती हैं, उनकी और उनके बच्चे की जान को तीन गुना खतरा बढ़ जाता है. इस अवस्था को प्री-एक्लेमप्सिया कहते हैं. इसके कारण न्यूजीलैंड में हर साल एक हजार नवजात बच्चों और दस माँओं की मृत्यु हो जाती है.
ब्रिटिश अखबार 'द डेली टेलीग्राफ' के मुताबिक शोधकर्ताओं ने पहली बार गर्भधारण करने वाली 2,507 महिलाओं से इस बारे में बात की. उन्होंने इन महिलाओं से पूछा कि वह बच्चे के पिता के साथ कितने समय से हैं. उसके बाद परिणामों से पता लगा कि जो महिलाएँ शादी के छह महीने बाद गर्भवती हुई थीं, उनके बच्चे अपेक्षाकृत स्वस्थ थे और उनमें प्री-एक्लेमप्सिया की संभावना भी कम पाई गई.
इससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि शादी के बाद कुछ समय रुक कर बच्चा पैदा करना माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है. इस शोध के परिणाम जर्नल ऑफ रिप्रोडक्टिव इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित किए गए हैं.
जो महिलाएँ 35 की उम्र के बाद या 18 साल की उम्र से पहले गर्भधारण करती हैं, उनके बच्चों में मानसिक कमजोरी आ सकती है. साथ ही ऐसे बच्चे सामान्य पैदा हुए बच्चों की तुलना में शारीरिक और मानसिक तौर पर कमजोर भी होते हैं. यूं तो गर्भधारण की सही उम्र का कोई सटीक अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, लेकिन कम से कम 30 की उम्र से पहले गर्भधारण कर लेना चाहिए, क्योंकि 35 की उम्र के बाद गर्भधारण करने के अवसर भी कम हो जाते हैं.
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक वर्ष 18 वर्ष से कम उम्र की करीब 73 लाख लड़कियां माँ बनती हैं, जिसकी वजह से माँ और बच्चा दोनों के स्वास्थ्य के लिए कई चुनौतियां पैदा हो जाती हैं. इन 73 लाख में से भी तकरीबन 20 लाख लड़कियां वे होती हैं जिनकी उम्र 14 वर्ष या उससे भी कम होती है. ऐसी लड़कियों को भविष्य में कई स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती हैं, जिसके सामाजिक कुपरिणाम भी होते हैं और इन लड़कियों की मौत होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
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Written by
Loveleen Gupta
A working mother with more than two decades of experience in writing for the publishing industry and digital space, Loveleen Gupta loves dabbling in creative writing also. A graduate from Miranda House, she uses her personal experiences to express herself.
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