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     Karela in Pregnancy in Hindi| प्रेग्नेंसी में क्यों नहीं खाना चाहिए करेला?

    Diet & Nutrition

    Karela in Pregnancy in Hindi| प्रेग्नेंसी में क्यों नहीं खाना चाहिए करेला?

    28 November 2023 को अपडेट किया गया

    प्रेग्नेंसी के दौरान एक महिला को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि इस दौरान वह जो कुछ भी खाती है, उसका सीधा असर गर्भ में पल रहे बेबी पर होता है. ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ भी खाने से पहले हर महिला के मन में यह सवाल ज़रूर आता है कि वह जो कुछ भी खा रही है, वह सुरक्षित है या नहीं. आज के इस आर्टिकल में हम एक ऐसी सब्ज़ी के बारे में बात करेंगे, जो स्वाद में तो कड़वी है लेकिन इसके फ़ायदे लाजवाब होते हैं. इस सब्ज़ी का नाम है- करेला. करेला (Bitter gourd in Hindi) विटामिन सी, विटामिन ए, पोटेशियन, आयरन, फाइबर और कैल्शियम जैसे गुणों से भरपूर होता है. लेकिन करेले के इतने गुण होने के बावजूद भी अक्सर इसे प्रेग्नेंसी में न खाने की सलाह दी जाती है.

    प्रेग्नेंसी के दौरान करेले खाने के नुक़सान (Is it safe to eat karela during pregnancy in Hindi)

    प्रेग्नेंसी के दौरान सामान्य तौर पर खायी जाने वाली सब्ज़ियाँ भी समस्या का कारण बन सकती है. करेले के साथ भी कुछ ऐसा ही है. चलिए आपको डिटेल में बताते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान आपको करेले के सेवन से क्यों बचना चाहिए या प्रेग्नेंसी में आपको करेला खाना चाहिए या नहीं (karela pregnancy me khana chahiye)!

    1. लो ब्लड शुगर का खतरा (Low blood sugar level risk)

    करेला ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान करेला आपके ब्लड शुगर लेवल को नीचे ला सकता है, जो कि माँ और बेबी दोनों के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. इसलिए अगर आपको जेस्टेशनल डायबिटीज या शुगर से संबंधित कोई और समस्या है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के करेले का सेवन न करें.

    इसे भी पढ़ें : क्या प्रेग्नेंसी में अरबी खा सकते हैं?

    2. पाचन से संबंधित दिक्कत (Digestive problems)

    प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को पाचन से संबंधित समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. ऐसे में करेला इस समस्या को और भी बढ़ा सकता है. इसमें मौजूद फाइबर कब्ज़ या एसिडिटी का कारण बन सकता है.

    3. हाइड्रेशन से संबंधित समस्या (Hydration problem)

    करेले में डिहाइड्रेट करने वाले तत्व भी होते हैं. इसका असर गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे पर और भी गंभीर हो सकता है. डिहाइड्रेशन के चलते प्रेग्नेंसी में कई तरह के कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं.

    4. मिसकैरेज का रिस्क (Risks of miscarriage)

    करेले के बीज में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो प्रेग्नेंसी में मिसकैरेज का रिस्क बढ़ा देते हैं. यही कारण है कि प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में (Bitter gourd during pregnancy first trimester) करेला न खाने की सलाह दी जाती है.

    ऊपर बताए गई समस्याओं के अलावा प्रेग्नेंसी में करेले के सेवन से एनीमिया की शिकायत भी हो सकती है.

    इसे भी पढ़ें : प्रेग्नेंसी की नाज़ुक पहली तिमाही में क्या खाएँ और क्या नहीं?

    प्रेग्नेंसी में करेला कैसे खा सकते हैं? (How to eat bitter gourd during pregnancy in Hindi)

    प्रेग्नेंसी में करेले का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करें. दरअसल, हर महिला अलग होती है. इसलिए हर महिला की प्रेग्नेंसी भी अलग होती है. यहाँ हम आपको कुछ ऐसे तरीक़ों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको ज़रूर ध्यान में रखना चाहिए.

    1. बीज निकाल दें

    अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान करेले का सेवन करना चाहते हैं, तो सबसे पहले इसके बीजों को निकाल दें.

    2. अच्छी तरह से पकाएँ

    करेले को अच्छी तरह से पकाएँ, ताकि उसमें मौजूद बैक्टीरिया नष्ट हो जाये.

    3. सीमित मात्रा में खाएँ

    करेले का सेवन सीमित मात्रा में ही करें. अधिक मात्रा में इसका सेवन न करें. साथ ही, किसी भी तरह की एलर्जी महसूस होने पर तुरंत इसका सेवन बंद कर दें और डॉक्टर से बात करें.

    इसे भी पढ़ें : प्रग्नेंसी में मूली खाने के फ़ायदे

    प्रो टिप (Pro Tip)

    प्रेग्नेंसी के दौरान अगर आप सावधानी के साथ अपने खान-पान का ध्यान रखेंगे तो आप अपना और अपने बेबी का बेहतर तरीक़े से ख़्याल रख पाएँगी.

    रेफरेंस

    1. Uche-Nwachi EO, McEwen C. (2009). Teratogenic effect of the water extract of bitter gourd (Momordica charantia) on the Sprague Dawley rats. Afr J Tradit Complement Altern Med.

    2. Khan MF, Abutaha N, Nasr FA, Alqahtani AS, Noman OM, Wadaan MAM. (2019). Bitter gourd (Momordica charantia) possess developmental toxicity as revealed by screening the seeds and fruit extracts in zebrafish embryos.

    3.Joseph B, Jini D. (2013). Antidiabetic effects of Momordica charantia (bitter melon) and its medicinal potency.

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    Written by

    Jyoti Prajapati

    Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more

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