Ayurveda & Homepathy
26 September 2023 को अपडेट किया गया
आयुर्वेद जड़ी-बूटियों का खजाना है. इसमें ऐसी-ऐसी जड़ी-बूटियाँ हैं, जो हमारी सेहत के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद हैं. शिवलिंगी बीज इन्हीं में से एक है. चलिए इस आर्टिकल के ज़रिये आपको डिटेल में जानकारी देते हैं!
शिवलिंगी बीज एक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है. इसका साइंटिफिक नाम (Bryonia laciniosa) है और यह इंडिया का नेटिव प्लांट है जो मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में पाया जाता है.शिवलिंगी के बीजों का उपयोग (shivlingi beej uses in Hindi) ख़ास तौर पर फ़ीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम की प्रॉब्लम को दूर करने और फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए किया जाता है. इनके सेवन से पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतों में आराम आता है और ओवरऑल रिप्रोडक्टिव हेल्थ में बेहतरी आती है.
शिवलिंगी बीज न केवल फर्टिलिटी से जुड़ी परेशानियों में काम आता है बल्कि; अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में भी इसके कई प्रयोग किए जाते हैं. आइये पहले आपको महिलाओं और पुरुषों से जुड़ी रिप्रोडक्टिव प्रॉब्लम में इसके फ़ायदों (shivlingi beej ke fayde) के बारे में बताते हैं.
आयुर्वेद में शिवलिंगी के बीजों को एक नेचुरल यूट्रीन टॉनिक माना गया है जिसमें ऐसे गुण होते हैं जो मेंस्ट्रूअल साइकिल को रेग्युलेट करने में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा ये फ़ीमेल हार्मोन को संतुलित करने में सहायता करते हैं.
शिवलिंगी बीज में यूट्रीन टिशूज़ को मज़बूत करने वाली नरिशिंगग प्रॉपर्टीज़ होती हैं जिससे यूटरस को स्ट्रांग बनाया जा सकता है. ये बीज यूट्रीन लाइनिंग को हेल्दी बनाते हैं जिससे प्रेग्नेंसी के चांसेज को बढ़ाने में मदद मिलती है.
आयुर्वेदिक दवाओं में हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए शिवलिंगी के बीजों को कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है. इसे एक प्राकृतिक एडाप्टोजेन (adaptogen) माना गया है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर को स्ट्रेस के दौरान अनुकूल रहने में मदद करता है और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में कारगर है.
शिवलिंगी बीज को कामोत्तेजक (aphrodisiac) गुणों वाला माना जाता है. आयुर्वेद में ऐसा कहते हैं कि यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में सेक्स ड्राइव को बढ़ाता है और सेक्शुअल वाइटेलिटी में सुधार करता है. इसके बीज एक नेचुरल स्टिम्युलेंट का काम करते हैं और पुरुषों में सेक्शुअल परफ़ोर्मेंस को बेहतर बनाने में कारगर हैं.
शिवलिंगी के बीज टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ाने में भी उपयोगी पाये गये हैं. यह माना जाता है कि मेल रिप्रोडक्टिव हेल्थ (male reproductive health) में सुधार लाने में ये बेहद फ़ायदेमंद हैं. इसके अलावा हार्मोनल इंबैलेंस को ठीक करने, स्पर्म काउंट और स्पर्म क्वालिटी में सुधार लाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है.
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रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए इसके फ़ायदों (shivlingi beej ke fayde) के अलावा आप शिवलिंगी को कुछ अन्य समस्याओं में भी आज़मा सकते हैं जैसे कि -
शिवलिंगी बीज से बुख़ार में राहत मिलती है. आयुर्वेद में माना जाता है कि इन बीजों में ज्वरनाशक गुण (antipyretic properties) होते हैं और बुख़ार और उससे जुड़े लक्षणों के लिए बनाई जाने वाले आयुर्वेदिक फॉर्मूलों में अक्सर शिवलिंगी बीज का उपयोग अन्य जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर किया जाता है.
शिवलिंगी के बीजों में हल्के रेचक गुण (laxative properties) होते हैं, जिसे पेट साफ़ हो जाता है और इस तरह क़ब्ज़ को कम करने में मदद मिलती है. अगर सही मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो यह आंतों में जमा कठोर मल को सॉफ्ट बनाकर आसानी से बाहर निकालने में बेहद कारगर है.
यह जड़ी-बूटी डाइज़ेस्टिव हेल्थ को मज़बूत बनाने में बेहतरीन तरीक़े से काम करती है. क्योंकि वेट बढ्ने की एक बड़ी वजह ख़राब डाइज़ेशन होता है इसलिए इसके सेवन से डाइजेस्टिव सिस्टम मज़बूत करके मेटाबॉलिज्म बैलेंस होता है और वेट कंट्रोल में मदद मिलती है.
शिवलिंगी के बीज लेक्सेटिव (laxative) प्रॉपर्टीज़ वाले होते हैं जिनसे पेट साफ़ होने लगता है और क़ब्ज में राहत मिलती है. इसके अलावा इनमें कार्मिनेटिव (carminative) प्रॉपर्टीज़ होती हैं जो ब्लोटिंग और गैस को कम करने में भी मदद करती हैं.
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शिवलिंगी बीज का प्रयोग (shivlingi beej uses in Hindi) सावधानी से और डॉक्टर के निर्देश के अनुसार ही करना चाहिए. हम यहाँ आपके साथ इसके सेवन से जुड़ी कुछ सामान्य जानकारी शेयर करेंगे. शिवलिंगी बीज आमतौर पर सूखे बीज या पाउडर के रूप में मिलता है और इसकी मात्रा रोग की स्थिति और रोगी की उम्र जैसे फ़ैक्टर्स पर निर्भर करती है. अगर आप इसे बीज के रूप में लेना चाहते हैं तो उन्हें नरम करने के लिए रात भर पानी में भिगो दें. भीगे हुए बीज या पाउडर को पानी के अलावा शहद, घी, मक्खन या फिर दूध के साथ भी मिला कर लिया जा सकता है.
हालाँकि, शिवलिंगी के बीजों के सेवन से किसी भी तरह का बड़ा हेल्थ रिस्क नहीं देखा गया है लेकिन किसी भी अन्य हर्बल दवा की तरह इसके भी कुछ साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं जैसे;
उचित सावधानी से शिवलिंगी बीज का सेवन करने पर इसके साइड इफ़ेक्ट देखने में नहीं आते हैं. लेकिन अगर आपको इसके सेवन के बाद किसी भी तरह की असुविधा महसूस हो तो तुरंत इसका सेवन रोक दें. प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफ़ीडिंग माँओं को ख़ास तौर पर डॉक्टर की सलाह से ही इसका प्रयोग करना चाहिए.
1.Balkrishna A, Nain P, Joshi M, Kumar B, Varshney A. (2022). Super-critical fluid extract of Bryonopsis laciniosa (Shivlingi) seeds restores fertility in zebrafish models through revival of cytological and anatomical features.
2. Balkrishna A, Nain P, Joshi M, Khandrika L, Varshney A. (2021). Supercritical Fluid Extract of Putranjiva roxburghii Wall.
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