hamburgerIcon

Orders

login

Profile

SkinHairFertilityBabyDiapersMore

Lowest price this festive season! Code: FIRST10

ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART
  • Home arrow
  • Scans & Tests arrow
  • Testicular Ultrasound in Hindi | टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड क्या होता है जानें इसकी कंप्लीट प्रोसेस arrow

In this Article

    Testicular Ultrasound in Hindi | टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड क्या होता है जानें इसकी कंप्लीट प्रोसेस

    Scans & Tests

    Testicular Ultrasound in Hindi | टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड क्या होता है जानें इसकी कंप्लीट प्रोसेस

    22 August 2023 को अपडेट किया गया

    टेस्टीकल अल्ट्रासाउंड एक नॉन इनवेसिव डायग्नोस्टिक इमेजिंग टेक्निक (non-invasive diagnostic imaging technique) है जो टेस्टिकल्स और उसके आसपास के अंगों की संरचना की भीतरी इमेज लेने के लिए प्रयोग की जाती है. अक्सर इसे टेस्टिकुलर पेन, सूजन और इनफर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं में प्रयोग किया जाता है. आइये टेस्टीकुलर अल्ट्रासाउंड (Testicular ultrasound in Hindi) बारे में विस्तार से जानते हैं.

    टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड क्या है? (What is testicular ultrasound in Hindi)

    टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड (Testicular ultrasound in Hindi) में हाई फ्रीक्वेंसी साउंड वेव के द्वारा टेस्टीकल्स की डिटेल्ड इमेज ली जाती हैं. इस प्रोसेस के दौरान, ट्रांसड्यूसर (transducer) नाम की एक हैंडहेल्ड डिवाइस को स्किन की सतह पर रखा जाता है जिससे साउंड वेव्स निकलती हैं. यह साउंड वेव्स टिशूज़ पर पड़ते ही बाउन्स करती हैं. इस प्रक्रिया में मॉनिटर पर रियल टाइम इमेजेज़ बनती रहती हैं जिन्हें देखकर डॉक्टर्स को ट्यूमर, सिस्ट और सूजन जैसी असामान्यताओं की पहचान करने और लाइन ऑफ ट्रीटमेंट डिसाइड करने में मदद मिलती है. यह एक पूरी तरह से सेफ प्रोसेस है जिससे मेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम की हेल्थ और फंक्शनिंग को जाँच में बेहद मदद मिलती है.

    इसे भी पढ़ें: स्पर्म मोटिलिटी का क्या होता है फर्टिलिटी से कनेक्शन?

    किसे पड़ती है टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड की ज़रूरत? (Who needs a testicular ultrasound in Hindi)

    टेस्टीकल अल्ट्रासाउंड की ज़रूरत कई तरह के मामलों में पड़ती है; जैसे कि-

    1. टेस्टीकुलर पेन या असुविधा होने पर.

    1. टेस्टीकल्स में सूजन, गाँठ या अब्नोर्मलिटीज़ होने पर.

    1. उन पुरुषों में जो इंफर्टिलिटी या रिप्रोडक्टिव सिस्टम से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं.

    1. टेस्टीकुलर कैंसर (testicular cancer) या टेस्टीकल से जुड़ी किसी अन्य तरह की असामान्यता की हिस्ट्री होने पर.

    1. टेस्टीकल टौर्शन (torsion) या स्पर्मेटिक कॉर्ड (spermatic cord) के ट्विस्ट हो जाने के कारण होने वाले दर्द में.

    1. टेस्टीकुलर मास (testicular masses) या ट्यूमर की ग्रोथ से जुड़ी मॉनिटरिंग के लिए.

    1. टेस्टीकुलर ब्लड फ्लो को चेक करने के लिए.

    1. टेस्टीकल्स पर किसी भी तरह की चोट (trauma to the scrotum) के प्रभाव को चेक करने के लिए.

    इसे भी पढ़ें: पुरुषों में बांझपन का क्या मतलब है?

    टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड के फ़ायदे (Benefits of testicular ultrasound in Hindi)

    टेस्टीकुलर अल्ट्रासाउंड कई तरह से उपयोगी टेक्निक है और इसके कुछ ख़ास फ़ायदे इस प्रकार हैं.

    1. नॉन इन्वेसिव (Non-Invasiveness):

    टेस्टीकुलर अल्ट्रासाउंड एक नॉन इन्वेसिव आरामदायक प्रक्रिया है जिसमें किसी कट या इंजेक्शन की आवश्यकता नहीं होती है न ही किसी एनेस्थीसिया या रिकवरी टाइम की ज़रूरत होती है.

    2. सटीक डायग्नोसिस (Accurate Diagnosis):

    यह टेस्टीकल्स और उसके आसपास की संरचनाओं की डिटेल्ड इमेज निकाल सकता है जिससे ट्यूमर, सिस्ट, सूजन और अन्य असामान्यताओं के सही और सटीक ट्रीटमेंट में मदद मिलती है.

    3. शुरुआती जाँच में मददगार (Early Detection):

    टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड बेहद शुरुआती स्टेज में ही असामान्यताओं का पता लगा सकता है जिसे समय रहते ट्रीटमेंट संभव हो जाता है, खासकर टेस्टिकुलर कैंसर के मामलों में.

    4. रियल टाइम इमेजिंग (Real-Time Imaging):

    इस टेक्निक में रियल टाइम इमेजिंग की जाती है जिससे डॉक्टर्स को उसी वक़्त स्क्रीन में देखकर टेस्टीकल्स और स्क्रोटम की सही स्थिति का मूल्यांकन करने में मदद मिलती है.

    5. अन्य ज़रूरी प्रोसेस के लिए गाइडेंस (Guidance for Procedures):

    यह बायोप्सी और किसी भी अन्य सर्जरी की ज़रूरत के लिए एक गाइडेंस की तरह काम करता है.

    6. रिप्रोडक्टिव हेल्थ असेसमेंट (Reproductive Health Assessment):

    टेस्टीकुलर अल्ट्रासाउंड, मेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम की हेल्थ और फंक्शन का मूल्यांकन करके इंफर्टिलिटी का पता लगाने में भी मदद करता है.

    7. सुरक्षित और रेडिएशन फ्री (Safe and Radiation-Free):

    कुछ अन्य इमेजिंग टेक्निक के विपरीत, टेस्टीकुलर अल्ट्रासाउंड में रेडिएशन का प्रयोग नहीं होता है जिससे यह पूरी तरह से सेफ है.

    8. कम खर्चीला (Cost-Effective):

    अधिक कॉम्प्लेक्स टेक्निक्स की तुलना में टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड अपेक्षाकृत सस्ती प्रोसेस है.

    ये सभी फायदों के साथ टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड कई तरह की टेस्टीकुलर असमान्यताओं का पता लगाने और सही ट्रीटमेंट के लिए एक सुरक्षित और कारगर टेक्निक है.

    आइये अब जानते हैं टेस्टकुलर अल्ट्रासाउंड कैसे किया जाता है.

    टेस्टिकुलर अल्ट्रासाउंड कैसे किया जाता है? (Testicular ultrasound process in Hindi)

    टेस्टीकुलर अल्ट्रासाउंड प्रोसेस में कई स्टेप शामिल हैं जो इस प्रकार हैं:

    स्टेप 1

    पेशेंट के टेस्टीकुलर एरिया तक आसानी से पहुँचने के लिए उसे ढीले-ढाले कपड़े पहनने के लिए कहा जाता है. कई बार उसे यूरिन से भरे हुए ब्लैडर के साथ आने के लिए भी कहते हैं जिससे ज़्यादा साफ़ इमेज लेने में मदद मिलती है.

    स्टेप 2

    पेशेंट को एग्जामिनेशन टेबल पर आरामदायक स्थिति में लिटाया जाता है और एक ट्रांसपेरेंट जेल टेस्टीकुलर एरिया में लगाते हैं. इससे साउंड वेव को संचारित होने में मदद मिलती है.

    स्टेप 3

    अल्ट्रासाउंड टेक्नोलॉजिस्ट या रेडियोलॉजिस्ट एक हैंडहेल्ड डिवाइस का उपयोग करता है जिसे ट्रांसड्यूसर (transducer) कहते हैं, जिसे वह टेस्टीकुलर एरिया के ऊपर धीरे-धीरे घुमाता है. इस इन्स्ट्रुमेंट से हाई फ्रीक्वेंसी साउंड वेव निकलती हैं.

    स्टेप 4

    जैसे ही साउंड वेव टेस्टीकल्स के भीतर के सेल्स और स्ट्रक्चर को छूकर बाउन्स करती हैं कंप्यूटर उन्हें कैप्चर और सेव करता जाता है. इससे मॉनिटर पर रियल टाइम पिक्चर्स मिलती जाती हैं जिनमें स्क्रोटम की अंदरूनी संरचनाएँ साफ़-साफ़ दिखाई देती हैं.

    स्टेप 5

    इन इमेजेस को देखकर डॉक्टर्स किसी भी तरह की असामान्यता; जैसे कि सिस्ट, ट्यूमर, सूजन, या ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ी समस्याओं को पहचान लेते हैं और आगे के ट्रीटमेंट के बारे में निर्णय लेते हैं. यदि किसी असामान्यता का पता चलता है, तो आगे और भी ज़रूरी टेस्ट करने की सलाह दी जाती है.

    स्टेप 5

    एक बार इस प्रोसेस के पूरी हो जाने पर, जेल को हटा दिया जाता है, और पेशेंट वापस अपने सामान्य रूटीन में लौट सकता है.

    प्रो टिप (Pro Tip)

    टेस्टीकल्स अल्ट्रासाउंड प्रोसेस पूरी तरह से पेनलैस होती है और इसके लिए आपको अपने काम से ब्रेक लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती है. इस प्रोसेस को पूरा होने में आमतौर पर लगभग 15 से 30 मिनट लगते हैं और इसके बाद आप अपने सामान्य काम-काज पर जा सकते हैं. सही रिसल्ट्स और स्पष्ट इमेजेज़ के लिए टेस्ट से पहले अपने डॉक्टर द्वारा दी गयी गाइडलाइंस और निर्देशों को ज़रूर फॉलो करें.

    रेफरेंस

    1. Tyloch JF, Wieczorek AP. (2016). Standards for scrotal ultrasonography.

    2. Yusuf GT, Sidhu PS. (2013). A review of ultrasound imaging in scrotal emergencies.

    Tags

    Testicular ultrasound in English

    Is this helpful?

    thumbs_upYes

    thumb_downNo

    Written by

    Kavita Uprety

    Get baby's diet chart, and growth tips

    Download Mylo today!
    Download Mylo App

    RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

    our most recent articles

    foot top wavefoot down wave

    AWARDS AND RECOGNITION

    Awards

    Mylo wins Forbes D2C Disruptor award

    Awards

    Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022

    AS SEEN IN

    Mylo Logo

    Start Exploring

    wavewave
    About Us
    Mylo_logo

    At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

    • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
    • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
    • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.