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White Discharge
31 January 2024 को अपडेट किया गया
पहले पीरियड्स की शुरुआत के साथ ही लड़कियों में व्हाइट डिस्चार्ज होने लगता है. इसे आम बोल-चाल की भाषा में सफ़ेद पानी या सफ़ेद स्त्राव भी कहते हैं. आमतौर पर व्हाइट डिस्चार्ज का होना एक स्वस्थ शरीर की पहचान होता है, जो हमारे हार्मोनल बदलावों के कारण होता है. महिलाओं के शरीर की खूबी है कि वह खुद-ब-खुद अपनी साफ़-सफाई और सुरक्षा कर सकता है. व्हाइट डिस्चार्ज महिलाओं के प्राइवेट पार्ट की सफाई करने और उसकी विभिन्न संक्रमणों से सुरक्षा करने में मददगार होता है. आमतौर पर पीरियड्स के पहले और बाद में व्हाइट डिस्चार्ज एक सामान्य प्रक्रिया है. आप कहेंगी कि अगर पीरियड्स के पहले या बाद में ही व्हाइट डिस्चार्ज होता है तो फिर प्रेग्नेंसी में व्हाइट डिस्चार्ज (White Discharge During Pregnancy in Hindi) नहीं होता होगा. चलिए इस आर्टिकल के ज़रिये प्रेग्नेंनसी और व्हाइट डिस्चार्ज से जुड़ी कुछ अहम बातों के बारे में जानते हैं.
प्रेग्नेंसी के दौरान व्हाइट डिस्चार्ज होना आम बात है. यह एक प्रकार का सफेद, गाढ़े या तरल पदार्थ की तरह होता है, जिसमें न के बराबर या फिर कोई गंध नहीं होती. हां, अक्सर प्रेग्नेंसी के दौरान हॉर्मोन्स में होने वाले असंतुलन की वजह से गर्भवती महिला को थोड़ा अधिक मात्रा में भी व्हाइट डिस्चार्ज हो सकता है. डिस्चार्ज की मात्रा और उसका टेक्सचर कैसा होगा यह कई कारणों पर निर्भर करता है, लेकिन अगर हम यह कहें कि व्हाइट डिस्चार्ज हर प्रेग्नेंसी में होता है तो यह बिलकुल सही है. यही कारण है कि यह कोई शारीरिक समस्या नहीं है, जिसके बारे में बहुत अधिक चिंता की जाए. बल्कि इसके होने के कारण महिलाओं के शरीर से बैक्टीरिया और पुराने सेल या कोशिकाएं शरीर से सफ़ेद स्त्राव के रूप में बाहर निकलते रहते हैं और गर्भ में पल रहा शिशु भी इन बैक्टीरियल संक्रमणों से सुरक्षित रहता है.
प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही व्हाइट डिस्चार्ज देखा जा सकता है. प्रेग्नेंसी की शुरुआत के मुकाबले अंतिम दौर में व्हाइट डिस्चार्ज की मात्रा भी काफी बढ़ जाती है और इसका टेक्सचर भी बहुत गाढ़ा हो जाता है, जो म्यूकस की तरह दिखाई देने लगता है. प्रेग्नेंसी जैसे-जैसे अपने आखिरी सप्ताह की तरफ बढ़ती है, इस समय व्हाइट डिस्चार्ज की जगह हल्का गुलाबी रंग का म्यूकस जैसा डिस्चार्ज हो सकता है, जो इस बात की और संकेत करता है कि माँ का शरीर बच्चे के जन्म के लिए तैयार हो रहा है.
प्रेग्नेंसी के दौरान अगर व्हाइट डिस्चार्ज होता है तो यह बिलकुल भी चिंता का विषय नहीं है. लेकिन यह ज़रूरी भी नहीं है कि हमेशा ही डिस्चार्ज नॉर्मल स्थिति में ही हो. कई बार यह अलग-अलग शारीरिक समस्याओं की तरफ इशारा भी करता है.
ऐसा डिस्चार्ज जो रंग में सफ़ेद हो, लेकिन जैली की तरह तरल न हो कर, उसमें ढेले दिखाई देते हों तो यह यीस्ट इन्फेक्शन होने की ओर संकेत करता है. यीस्ट इन्फेक्शन के लक्षणों में प्राइवेट पार्ट में सूजन, टॉयलेट के दौरान दर्द, खुजली या फिर जलन का अनुभव करना शामिल है.
हरा या पीला रंग का डिस्चार्ज सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन की ओर संकेत करता है. प्रेग्नेंसी को देखते हुए यह काफी गंभीर समस्या हो सकती है, जिसमें प्रेग्नेंसी में ही माँ और बच्चे, दोनों को मुश्किल आ सकती है. इसमें कई बार जनान्गों पर खुजली या उनका रंग लाल हो जाना, जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं.
अगर किसी महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान बैक्टीरिया वेजिनोसिस की समस्या हो तो ऐसे में उसके डिस्चार्ज का रंग ग्रे हो जाता है. सिर्फ इतना ही नहीं, शारीरिक संबंध बनाने के बाद महिला के डिस्चार्ज में से बहुत ही तेज़ बदबू भी आती है.
अगर किसी महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान डार्क पिंक या लाल रंग का और तरल डिस्चार्ज हो रहा हो और अभी उसकी डिलीवरी में समय हो तो यह गर्भपात का भी संकेत हो सकता है. इसके अलावा प्रेग्नेंसी के शुरूआती और अंतिम दिनों में भी हल्का पिंक रंग का डिस्चार्ज होता है, जिसका कारण इम्प्लांटेशन या इन्फेक्शन भी हो सकता है.
प्रेग्नेंसी के साथ ही महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है. यह भी एक कारण है कि इस दौरान सफ़ेद रंग का गाढ़ा या पतला डिस्चार्ज होता है.
इसके अलावा प्रेग्नेंसी में कभी-कभी ब्राउन डिस्चार्ज भी होता है. अगर यह काम मात्रा में है तो यह शरीर में से पुराने खून के बाहर निकलने का संकेत है और अगर इसकी मात्रा अधिक है तो यह गंभीर विषय हो सकता है. इसके अलावा डिलीवरी के अंतिम दौर में कुछ महिलाएं व्हाइट डिस्चार्ज और वॉटर लीकेज में आसानी से अंतर नहीं कर पातीं.अगर आपको बहुत अधिक मात्रा में और अधिक तरल डिस्चार्ज हो रहा हो तो हो सकता है कि आपकी डिलीवरी बहुत जल्द होने वाली हो.
प्रेग्नेंसी के समय अगर आपको सामान्य रंग और मात्रा में ही डिस्चार्ज हो रहा हो तो कुछ अलग या ख़ास करने की ज़रूरत नहीं होती. हाँ, कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं व्हाइट डिस्चार्ज से बहुत अधिक असहज और चिड़चिड़ी हो जाती हैं. क्योंकि वे बहुत अधिक गीलापन महसूस कर रही होती हैं, अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा हो रहा हो तो उसके लिए आप इन उपायों को अपना सकती हैं.
अधिक मात्रा में व्हाइट डिस्चार्ज हो रहा हो तो आप पैंटी लाइनर्स या हल्के पैड्स का प्रयोग कर सकती हैं.
आप सूती अंडरवीयर पहने और दिन में दो से तीन या आपकी ज़रुरत के हिसाब से इन्हें बदलें.
आप चाहें तो नहा भी सकती हैं, इससे आपको फ्रेश भी लगेगा और गीलापन भी कम महसूस होगा.
भूल से भी टैम्पोन का इस्तेमाल न करें.
सुगंधित साबुन, टैम्पोन, पैड्स या फिर हाइजीन से जुड़े हुए हुए उत्पादों का प्रयोग न करें. इससे योनि और उसके आसपास का बैक्टीरियल संतुलन बिगड़ जाता है.
अपने प्राइवेट पार्ट को बहुत अधिक धोने (Douching) से बचें. इससे वजाइनल बैक्टीरिया ख़त्म हो जाते हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
इसे भी पढ़ें : क्या प्रेग्नेंसी के दौरान ब्राउन डिस्चार्ज होना नॉर्मल है?
प्रेग्नेंसी के दौरान नॉर्मल व्हाइट डिस्चार्ज होने पर आपको चिंता करने की ज़रुरत नहीं है, लेकिन अगर आप डिस्चार्ज के रंग या मात्रा में किसी प्रकार का भारी बदलाव देखें तो इसकी अनदेखी करना सही नहीं. अगर डिस्चार्ज का रंग पीला, हरा, ग्रे या फिर लाल हो तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से बात करनी चाहिए.
अगर आप अपने प्राइवेट पार्ट में किसी भी प्रकार की सूजन, जलन, खुजली या वहां का रंग लाल होता देखें तो यह चिंता का विषय है और आपको इस बारे में अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श लेना चाहिए. इसके अलावा अगर आप 1 या 2 दिन से अधिक समय से आपके डिस्चार्ज में पिंक या या लाल रंग देखने को मिल रहा हो तो आपको अपने डॉक्टर को यह बात ज़रूर बतानी चाहिए.
Mylo की पैरेंटिंग एक्सपर्ट टीम का कहना है कि प्रेग्नेंसी को देखते हुए व्हाइट डिस्चार्ज के रंग और उसके टेक्सचर पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है. अगर आप कुछ असहज या किसी प्रकार की दर्द आदि महसूस कर रही हों तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. अगर आपकी प्रेग्नेंसी बिलकुल नॉर्मल चल रही है तो व्हाइट डिस्चार्ज पर बहुत अधिक चिंता करने के ज़रूरत नहीं है, क्योंकि यह एक सामान्य प्रक्रिया है.
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Written by
Auli Tyagi
Auli is a skilled content writer with 6 years of experience in the health and lifestyle domain. Turning complex research into simple, captivating content is her specialty. She holds a master's degree in journalism and mass communication.
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