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Growth & Development
8 August 2023 को अपडेट किया गया
बेबी ग्रोथ चार्ट एक स्टैंडर्ड रिफरेंस चार्ट है. इनको हजारों बच्चों के वजन और माप से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बनाया गया था. राष्ट्रीय निकाय ने इन वजन और पैमानों का उनकी नस्लों और जातीयता के साथ संतुलन करने के लिए मानकीकरण किया है. उदाहरण के लिए एशिया में पैदा हुए बच्चे के वजन की अफ्रीका में पैदा हुए बच्चे के साथ तुलना नहीं की जा सकती है. वो बच्चों की ग्रोथ के चरणों की तुलना अलग-अलग उम्र पर करते हैं.
ये आर्टिकल आपको बेबी ग्रोथ प्लान को विस्तृत रूप से समझने में मदद करेगा. इसमें बेबी ग्रोथ के चरण, इसके फायदे और ग्रोथ चार्ट के साथ बच्चे के हिसाब से ग्रोथ चार्ट में निवेश करने की अहमियत शामिल है.
बच्चे अपने जीवन के पहले 12 महीनों में बड़े बदलावों का सामना करते हैं. बच्चे की ग्रोथ में हफ्ते दर हफ्ते बहुत से विकास होते हैं. इन विकास को मील का पत्थर कहा जाता है. बच्चा लगातार सीखता है और बढ़ते हुए नई गतिविधियों में पारंगत होता जाता है. कुछ बच्चे आठवें महीने में बात करना शुरू कर देते है तो कुछ 1 साल होने तक इंतजार नहीं करते हैं. ऐसा होने पर माता-पिता को शायद ही चिंता होती हो.
ग्रोथ में तेजी वो अवधि है जिसके दौरान बच्चे में अचानक वृद्धि होती है. उस वक्त उनको ज्यादा ख्याल रखे जाने की जरूरत होती है, वो ज्यादा उग्र होते हैं और उनके सोने के तरीकों में भी बदलाव हो सकते हैं. बेबी ग्रोथ में तेजी कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक हो सकती है हालांकि ऐसा लगता है कि ये हमेशा के लिए है. ये वो अवधि है, जब आप ग्रोथ में तेजी देख सकते हैं:
· 1-3 हफ्ते
· छह हफ्ते
· तीन महीने
· छह महीने
· नौ महीने
बालरोग विशेषज्ञ इसका इस्तेमाल ग्रोथ का अंदाजा लगाने में करते हैं; व्यस्कों और किशोरों के लिए 0-36 महीनों के अलग-अलग चार्ट हैं.
· वजन (आउंस, पाउंड या किलोग्राम में)
· ऊंचाई (3 साल से कम उम्र के बच्चों में लेटना और 3 साल से ऊपर में खड़ा होना)
· सिर की परिधि (टेप का उपयोग करके सिर का व्यास)
इससे बच्चे के बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) का निर्धारण करने में मदद मिलती है. इससे बच्चे के शरीर में फैट का अनुमान लगाया जाता है.
इन माप को ग्रोथ चार्ट पर रखकर उसी उम्र और लिंग के मानक चार्ट से तुलना की जाती है. इससे बच्चे के स्वास्थ्य और ग्रोथ में बढ़त का अंदाजा हो जाता है.
माता-पिता को तब चिंता होती है जब उनके बच्चे की ग्रोथ उसी आयुवर्ग के दूसरे बच्चों की तुलना में कम होती है.
बेबी ग्रोथ चार्ट के बारे में इनमें से कुछ चीजें सीखकर पेरेंट्स बेबी की ग्रोथ में हुए उतार-चढ़ाव को समझ पाएँगे.
· माप गलत हो सकती है.
· एक माप अहम निर्धारण नहीं कर सकती है. बच्चों को कई बार दस्त लग जाते हैं या उनकी भूख कम हो जाती है. इसकी वजह से वजन में बदलाव हो सकते हैं.
· माप आमतौर पर व्यापक होती है; जो कई बार कम लग रहा होता है, जरूरी नहीं वो सामान्य जैसा ही हो. इसका मतलब ये नहीं है कि बच्चा ठीक नहीं है.
· एक बच्चे की माप हमेशा उनकी भविष्य में ऊंचाई और वजन नहीं बताती है. इसका मतलब नहीं है कि भविष्य में वो दुबले होंगे या मोटे, छोटे होंगे या लंबे.·
ये “प्रतिशत” की मापन ईकाई में दिए गए हैं.
अगर बच्चे का वजन 50वें प्रतिशत पर है, इसका मतलब ये है कि उसकी उम्र के 100 सामान्य बच्चों में 50 उनसे बड़े होंगे और 50 उनसे छोटे होंगे.
ठीक इसी तरह, बच्चा अगर 10 प्रतिशत पर है तो 100 बच्चों में से 90 पर ज्यादा विचार किया जाना है और उनमें से 10 उनसे छोटे हैं.
· जब माप 10 प्रतिशत से कम या 90 प्रतिशत से अधिक पर हो.
· अगर सिर बहुत धीमे या बहुत तेजी से बढ़ रहा हो.
· जब आकार पास की एक पंक्ति तक नहीं जाते हैं या जब ग्राफ़ पर महत्वपूर्ण बदलाव होता है.
ऐसी असामान्य ग्रोथ स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी की ओर इशारा करती हैं. फिजिशियन या बालरोग विशेषज्ञ स्वास्थ्य से जुड़ी इस दिक्कत की वजह का पता लगा सकते हैं.
ग्रोथ चार्ट हमें ज्यादा कुछ नहीं बताते हैं. लेकिन ये हमें बच्चे में हुई ग्रोथ की दर दिखा देते हैं.
· सामान्य ग्रोथ की दर के मामले में, हर स्तर पर ग्रोथ का चक्र एक जैसे पैटर्न को ही मानता है.
· चिंता केवल तब तक है जब तक ग्रोथ की रेखा 2 प्रतिशत की रेखा से आगे ना निकल जाए.
· बड़े बदलाव स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी दिखाते हैं, जिनको ठीक किया जाना चाहिए.
बच्चे की ग्रोथ की चिंता माता-पिता करेंगे ही. कई बार ऐसा हो सकता है कि बच्चे की ग्रोथ वैसी न हो रही हो जैसा दिख रही होती है.
· कभी-कभी, छोटी अंदरुनी कमियां उन्हें बीमार नहीं करती हैं लेकिन उनकी ग्रोथ को कम कर देती हैं. यहीं पर ग्रोथ चार्ट मॉनिटरिंग मदद करती है.
· ये दिखाता है कि बच्चा सामान्यरूप से बढ़ रहा है.
· बच्चे के स्वास्थ्य को मापने का ये सबसे आसान तरीका है.
· ये पोषण की स्थिति के बारे में भी बता देता है.
· ये खास स्थितियों जैसे ज्यादा वजन, कम वजन और मोटापे के साथ अनुवांशिक और इंडोक्राइन डिसऑर्डर के बारे में बताता है.
बेबी ग्रोथ चार्ट को बनवाना और उसको देखना साधारण लेकिन फायदेमंद प्रक्रिया है. बाल रोग विशेषज्ञ इसका पालन करते हैं क्योंकि वो इसके परिणाम की अहमियत समझते हैं. माता-पिता को उन पर ध्यान देना चाहिए. इस जानकारी के साथ गंभीर देखभाल में मदद मिलेगी. ये जरूरी है कि इन पर अत्यधिक ध्यान न दिया जाए क्योंकि ग्रोथ चार्ट पर लिखी वैल्यू सिर्फ संभावनाएं हैं. बच्चे की जरूरतों को समझने के लिए एक योग्य बालरोग विशेषज्ञ की तलाश कर लें.
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Written by
Parul Sachdeva
A globetrotter and a blogger by passion, Parul loves writing content. She has done M.Phil. in Journalism and Mass Communication and worked for more than 25 clients across Globe with a 100% job success rate. She has been associated with websites pertaining to parenting, travel, food, health & fitness and has also created SEO rich content for a variety of topics.
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