hamburgerIcon

Orders

login

Profile

STORE
SkinHairFertilityBabyDiapersMore

Lowest price this festive season! Code: FIRST10

ADDED TO CART SUCCESSFULLY GO TO CART
  • Home arrow
  • Postnatal Care arrow
  • Postpartum Diet in Hindi | डिलीवरी के बाद ऐसी होनी चाहिए आपकी डाइट arrow

In this Article

    Postpartum Diet in Hindi | डिलीवरी के बाद ऐसी होनी चाहिए आपकी डाइट

    Postnatal Care

    Postpartum Diet in Hindi | डिलीवरी के बाद ऐसी होनी चाहिए आपकी डाइट

    8 August 2023 को अपडेट किया गया

    इंट्रोडक्शन

    हम जिस दिन से बच्चे को जन्म देने के बारे में सोचते हैं, उसी दिन से हमें अपनी सेहत का ख्याल रखना शुरू कर देना चाहिए. जब एक महिला गर्भवती होती है, तो उसके फीटस को हर संभव तरह से पोषण की जरूरत पड़ती है. ऐसे वक्त में अगर महिला अपनी डायट के लिए सतर्क है, तो इससे महिला और उसके बच्चे को पूरी उम्र फायदा मिलेगा. यह एक शक्ति या तत्व है, महिला जो कुछ भी खाती या पचाती है उसका असर सीधा उसके अंदर पल रहे बच्चे पर पड़ता है.

    बच्चे को जन्म देने के बाद भी यह जारी रहना चाहिए, क्योंकि आप अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं. स्तनपान के दौरान आपका बच्चा संपूर्ण पोषण के लिए आप पर ही निर्भर होता है. बच्चे बहुत तेज़ी से बढ़ते हैं. मां का पौष्टिक आहार बच्चे की सेहत और विकास में सुधार लाता है. बढ़ते हुए बच्चे के लिए यह लंबे समय तक काम आता है. साथ ही, पौष्टिक आहार मां को भी अपने शरीर की ताकत वापस लाने और अपने सामान्य जीवन को फिर से शुरू करने में मदद मिलती है.

    पोस्टनेटल डायट का महत्व

    बच्चे को जन्म देने के बाद, आपकी 45 दिनों की पोस्टपार्टम डायट मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद ज़रूरी है. नीचे दिए कारणों से इसका खास महत्व है :

    1. संतुलित और पौष्टिक डायट जल्दी ठीक होने में मदद करती है, खास तौर पर सी-सेक्शन में, आपको जल्द ठीक होने के लिए अपनी डायट पर खास ध्यान देना चाहिए.

    2. ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के लिए भी कुछ खास तरह के पौष्टिक आहार की जरूरत पड़ती है, जो बच्चे के विकास के लिए बेहद ज़रूरी हैं.

    3. नई मां 24*7 अपने बच्चे की देखरेख करती है, इसलिए ज्यादा ताकत और क्षमता के लिए उसे पौष्टिक और सेहतमंद डायट की जरूरत पड़ती है.

    पोस्टपार्टम के लिए कुछ बेहतरीन आहार

    सामान्य सेहतमंद संतुलित डायट और पोस्टपार्टम डायट में ज्यादा फ़र्क नहीं है. आपको बस यह देखना चाहिए कि कौन से वह ज़रूरी पोषक तत्व हैं जिन्हें आपको अपनी डायट में रोजाना शामिल करना चाहिए-

    1. हरी और पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, गाजर, कद्दू, लौकी, ब्रोक्ली, एवाकाडो, पत्तागोभी.

    2. मौसमी और ताज़े फल जैसे, आम, केला, संतरा वगैरह. सेब और अनार अनिवार्य हैं, आपको इन्हें रोजाना खाना चाहिए.

    3. साबुत अनाज जैसे साबुत गेंहू, कुनोआ, ओट्स, ब्राउन राइस.

    4. लो फ़ैट डेरी जैसे, दूध और दही. ब्रेस्टमिल्क बढ़ाने के लिए दूध भी जरूरी होता है.

    5. अगर आप मांसाहार हैं, तो आप लो फ़ैट प्रोटीन जैसे लीन मीट और अंडों को डायट में शामिल करें.

    आपकी गायनाकोलॉजिस्ट कुछ दवाओं के साथ ओमेगा 3, आयोडीन, फ़ैटी एसिड और क्लोरीन का सेवन करने की सलाह भी दे सकती हैं. उन्हें खाना न भूलें.

    पोस्टनेटल डायट चार्ट बनाते समय ध्यान रखने वाली बातें

    अपना डायट चार्ट बनाते वक्त, आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आपको अपने डायट चार्ट में क्या शामिल करना है और क्या नहीं -

    1. जीवनशैली - वर्किंग वुमेन जो बच्चे को जन्म देने के बाद काम पर वापस लौटना चाहती हैं, उनका डायट चार्ट ज्यादा पौष्टिक होना चाहिए.

    2. स्तनपान कराने पर- जो मां स्तनपान कराती है उन्हें स्तनपान न कराने वाली या कम स्तनपान कराने वाली माओं की तुलना में ज्यादा पोषण चाहिए होता है.

    3. डायट के चुनाव पर- शाकाहारी, मांसाहारी, एगिटेरियन और वेगन डायट चार्ट अलग अलग तरह से बनता है क्योंकि उनके पोषण के स्रोत अलग होते हैं.

    पोस्टनेटल डायट प्लान का सैंपल

    ब्रेकफ़ास्ट - आप ओट्स और फ़ाइबर, पोटेसियम और विटामिन से भरपूर फल खा सकती हैं. साथ ही आप एक ग्लास दूध या एक कप दही भी ले सकती हैं.

    लंच- आप सब्ज़ियां, दाल, रोटी और सलाद खा सकती हैं. इसके अलावा आप बेसन चीला, दही और अंकुरित अनाज का सेवन भी कर सकती हैं. रवा इडली, सांभर और सलाद भी एक विकल्प है.

    डिनर- आप कम तला हुआ लीन चिकन कट और सॉटे वेजिटेबल जैसे ब्रोक्ली, पत्तागोभी और बेल पेपर खा सकती हैं. आप दाल, चावल, रोटी और सब्ज़ी भी खा सकती हैं. दाल खिचड़ी के साथ मौसमी सब्ज़ियां भी एक विकल्प है.

    मिड मील स्नैक्स - ग्रीक योगर्ट या स्मूदी, भुना चना, खाखरा, पॉपकॉर्न, मेवा.

    निष्कर्ष

    इनके अलावा कुछ भारतीय भोजन ऐसे हैं जो बहुत सेहतमंद होते हैं और नई मां को प्रसवके बाद ताकत देते हैं. इनमें अजवाइन, अंकुरित अनाज, गोंद (मारिंगा की पत्तियां) मेवा, मेथी, जीरा और अदरक के बीज, लहसुन, सीसम के बीज, हल्दीआदि शामिल हैं. चूंकि यह रोजाना इस्तेमाल होने वाली सामग्री है, आप इन सभी को अपनी डायट में आसानी से शामिल कर सकते हैं. इस दौरान आपको शराब, कैफ़ीन, तले और मसालेदार भोजन और एलर्जी करने वाले से बचना चाहिए.

    Is this helpful?

    thumbs_upYes

    thumb_downNo

    Written by

    Parul Sachdeva

    A globetrotter and a blogger by passion, Parul loves writing content. She has done M.Phil. in Journalism and Mass Communication and worked for more than 25 clients across Globe with a 100% job success rate. She has been associated with websites pertaining to parenting, travel, food, health & fitness and has also created SEO rich content for a variety of topics.

    Read More

    Get baby's diet chart, and growth tips

    Download Mylo today!
    Download Mylo App

    RECENTLY PUBLISHED ARTICLES

    our most recent articles

    foot top wavefoot down wave

    AWARDS AND RECOGNITION

    Awards

    Mylo wins Forbes D2C Disruptor award

    Awards

    Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022

    AS SEEN IN

    Mylo Logo

    Start Exploring

    wavewave
    About Us
    Mylo_logo

    At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:

    • Mylo Care: Effective and science-backed personal care and wellness solutions for a joyful you.
    • Mylo Baby: Science-backed, gentle and effective personal care & hygiene range for your little one.
    • Mylo Community: Trusted and empathetic community of 10mn+ parents and experts.