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    Benefits of Putrajeevak Beej in Hindi | गर्भधारण में मदद कर सकता है 'पुत्रजीवक बीज'

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    Benefits of Putrajeevak Beej in Hindi | गर्भधारण में मदद कर सकता है 'पुत्रजीवक बीज'

    26 September 2023 को अपडेट किया गया

    भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में फर्टिलिटी की समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग किया जाता है. पुत्रजीवक के बीज (putrajeevak beej in Hindi) इन्हीं में से एक है जो फर्टिलिटी को बढ़ाने और प्रेग्नेंसी में सपोर्ट देने का एक आयुर्वेदिक उपचार है. आइये इस औषधि के गुणों बारे में विस्तार से जानते हैं.

    पुत्रजीवक बीज क्या होता है? (Putrajeevak Beej in Hindi)

    पुत्रजीवक (Barringtonia acutangula) नाम के पेड़ से ये बीज मिलते हैं और इंफर्टिलिटी के इलाज़ में इनका प्रयोग किया जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर्स के अनुसार, पुत्रजीवक के बीजों को रिप्रोडक्टिव सिस्टम, हार्मोनल संतुलन और ओवरऑल हेल्थ को मज़बूत करने वाला माना जाता है. पुत्रजीवक बीज विशेष रूप से उन महिलाओं को दिये जाते हैं जिन्हें गर्भधारण करने में कठिनाई आ रही हो. माना जाता है कि इसमें ऐसे गुण होते हैं जो रिप्रोडक्टिव सिस्टम (reproductive system) को मज़बूत बनाते हैं जिसे गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है.

    आइये जानते हैं पुत्रजीवक के कई सारे (putrajeevak beej ke fayde in Hindi) फ़ायदों के बारे में.

    पुत्रजीवक बीज के फ़ायदे क्या होते हैं? (Putrajeevak Beej benefits in Hindi)

    पुत्रजीवक के बीज ख़ासतौर पर ऐसे कपल्स के लिए एक बढ़िया उपचार है जिन्हें प्रेग्नेंसी में दिक्कतें आ रही हैं. इंफर्टिलिटी के मामलों में इसके प्रयोग अद्भुद लाभ (putrajeevak beej benefits in Hindi) देते हैं; जैसे कि-

    1. गर्भाशय की मांसपेशियों को मज़बूत करे (Strengthens uterine muscles)

    आयुर्वेदिक डॉक्टर्स के अनुसार पुत्रजीवक बीज यूट्रीन मसल्स (uterine muscles) को मज़बूत करते हैं. इंफर्टिलिटी से जूझ रही महिलाओं में इसके सेवन से रिप्रोडक्टिव हेल्थ को इंप्रूव करने में मदद मिलती है, क्योंकि यह गर्भाशय की मांसपेशियों को मज़बूत करके प्रेग्नेंसी एस्टेब्लिश होने और शिशु के नौ महीनों तक के विकास में मदद करता है.

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    2. स्पर्म सेल्स के प्रोडक्शन में मदद करे (Aids production of sperm cells)

    पुत्रजीवक बीजों में स्पर्मेटोजेनिक (spermatogenic) गुण होते हैं यानी कि ये टेस्टीकल्स में स्पर्म सेल्स बनने वाली प्रक्रिया को मज़बूत और सही तरह से होने में मदद करते हैं जिससे पूरी तरह से मैच्योर और गतिशील (Motile) स्पर्म सेल्स का प्रोडक्शन हो सके. इससे ओलिगोस्‍पर्मिया के इलाज़ में भी मदद मिलती है.

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    3. सेक्स के प्रति रुचि बढ़ाए (Works as an aphrodisiac)

    आयुर्वेद में पुत्रजीवक के बीजों को सेक्स ड्राइव बढ़ाने भी वाला माना जाता है. पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए इसका प्रयोग उनकी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने में किया जा सकता है जिससे वह अपनी सेक्शुअल हेल्थ में सुधार ला सकें.

    4. महिला और पुरुष की फर्टिलिटी में सुधार करे (Treats male and female infertility)

    आयुर्वेद में पुत्रजीवक बीज को पुरुष और महिला दोनों क फर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए फ़ायदेमंद माना गया है. यह दोनों के रिप्रोडक्टिव सिस्टम से जुड़े विकारों को दूर करता है. महिलाओं में जहाँ यह यूटरस को स्वस्थ बनाता है वहीं मेल फर्टिलिटी और स्पर्म से जुड़े दोषों को भी दूर करता है.

    5. मिसकैरेज के रिस्क को कम करे (Reduces risk of miscarriage)

    पुत्रजीवक के बीजों का सेवन मिसकैरेज के खतरे को कम करता है. इससे यूट्रीन मसल्स में मज़बूती आती है जिससे एक हेल्दी प्रेग्नेंसी में मदद मिलती है. इसके अलावा महिलाओं में हेल्दी और मैच्योर एग्स के निर्माण और फर्टिलाइज़ेशन में भी इससे मदद मिलती है जिससे प्रेग्नेंसी के चांसेज बढ़ते हैं.

    पुत्रजीवक बीज को कैसे करें इस्तेमाल? (Putrajeevak Beej use in Hindi)

    पुत्रजीवक के बीजों का प्रयोग (putrajeevak beej uses in Hindi) सावधानी से करना ज़रूरी है. सेवन शुरू करने से पहले इसकी सही मात्रा और प्रयोग के सही तरीक़े के बारे में किसी अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. यहाँ हम आपको इसके सेवन से जुड़ी कुछ सामान्य जानकारी देंगे. पुत्रजीवक साबुत बीज और पाउडर के रूप में बाज़ार में आसानी से मिल जाता है. इसकी ख़ुराक रोगी की उम्र और रोग के लक्षणों के आधार पर अलग हो सकती है. प्रेग्नेंसी से जुड़ी दिक्कतों के लिए अक्सर इसे शिवलिंगी के बीजों के पाउडर के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर प्रयोग कराया जाता है. इसके पाउडर को पानी, दूध या शहद के साथ लिया जाता है और एक ख़ुराक में लगभग एक से दो ग्राम मात्रा से ज़्यादा नहीं लेना चाहिए. हमेशा किसी अच्छी कंपनी द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे पुत्रजीवक बीज ही खरीदें ताकि आपको इसका पूरा फ़ायदा मिल सके.

    इसे भी पढ़ें : फर्टिलिटी को नेचुरल तरीक़े से बूस्ट करते हैं शिवलिंगी बीज!

    पुत्रजीवक बीज के साइड इफेक्ट्स (Side effects of Putrajeevak Beej in Hindi)

    पुत्रजीवक बीज या इसके पाउडर के कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं है लेकिन किसी भी अन्य आयुर्वेदिक औषधि की तरह ही इनका उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह और सही मात्रा की जानकारी लेना आवश्यक है. हालाँकि, कभी-कभी इसके कुछ मामूली साइड इफ़ेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं; जैसे कि-

    1. एलर्जिक रिएक्शन (Allergic Reactions)

    कुछ व्यक्तियों को कुछ ख़ास तरह ही जड़ी-बूटियों से एलर्जी होती है और ऐसे में इसके सेवन से खुजली, दाने या ब्रीदिंग इशूज़ जैसे एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं.

    2. डाइजेस्टिव इशू (Digestive Issues)

    ज़रूरत से ज़्यादा मात्रा में या लंबे समय तक इसे लेने पर पेट खराब होने या दस्त जैसी डाइजेस्टिव प्रॉब्लम भी देखने में आती हैं.

    3. अन्य दवाओं के साथ रिएक्शन (Interactions with other medicine)

    पुत्रजीवक बीज कुछ अन्य दवाओं या अन्य हर्बल सप्लीमेंट के साथ रिएक्शन कर सकता है.

    4. हार्मोनल प्रभाव (Hormonal Effects)

    रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर पुत्रजीवक बीज का हार्मोनल प्रभाव हो सकता है इसलिए गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके उपयोग से बचना चाहिए.

    प्रो टिप (Pro Tip)

    पुत्रजीवक के बीज या इसका पाउडर एक आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट है और इसे हमेशा एक अनुभवी डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही शुरू करें. डॉक्टर आपके लक्षणों के अनुसार उचित सलाह और प्रयोग का सही तरीक़ा बताएँगे. इस दौरान अगर एलर्जिक रिएक्शन के लक्षण दिखाई दें तो इसका उपयोग तुरंत बंद कर दें. प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफ़ीडिंग माँओं को इन सावधानियों का विशेष ख्याल रखना चाहिए.

    रेफरेंस

    1.Balkrishna A, Nain P, Joshi M, Khandrika L, Varshney A. (2021). Supercritical Fluid Extract of Putranjiva roxburghii Wall.

    2. Balkrishna A, Sharma VK, Das SK, Mishra N, Bisht L, Joshi A, Sharma N. (2020). Characterization and Anti-Cancerous Effect of Putranjiva roxburghii Seed Extract Mediated Silver Nanoparticles on Human Colon (HCT-116), Pancreatic (PANC-1) and Breast (MDA-MB 231) Cancer Cell Lines: A Comparative Study. Int J Nanomedicine.

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    Putrajeevak Beej in English

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