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3 April 2024 को अपडेट किया गया
महिलाओं के हाइजीन प्रोडक्ट्स में इन दिनों काफी इनोवेशंस हो रहे हैं. इनमें से ही एक है, मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual cup hindi). जहां एक तरफ दुनिया भर में महिलाएं इन मेंस्ट्रुअल कप के साथ आज़ाद और सेहतमंद ज़िन्दगी जी रही, है वहीं हमारे देश में period me use karne wala cup या मेंस्ट्रुअल कप को लेकर अब भी कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं. मेंस्ट्रुअल कप वजाइना में ही रह जाता है, इन्हें इस्तेमाल करना काफी कठिन है और तो और कई लोगों का मानना है कि इसके इस्तेमाल के बाद लडकियां अपना कुंवारापन (virginity) खो देती हैं. चलिए आज सेनेटरी पैड से मुक्ति दिलाने वाले इन मेंस्ट्रुअल कप (pad free periods menstrual cup how to use in hindi) के बारे में बात करते हैं कि ये क्या है, इनका इस्तेमाल कैसे किया जाए और इसके क्या-क्या फायदे है
आंकड़ों की मानें तो एक महिला अपने पूरे जीवनकाल में पीरियड्स के दौरान 5000 से 10000 सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करती है. और गौरतलब बात यह है कि इनमें से ज़्यादातर पैड्स प्लास्टिक का इस्तेमाल कर के बनाए जाते हैं, जिन्हें डीकम्पोज़ होने में लगभग 800 साल का वक़्त लग जाएगा. जहां पीरियड्स के लिए हमारे देश की पहली पसंद ये सेनेटरी पैड्स पर्यावरण के लिए ख़तरा बन रहे हैं, वहीं इनके कारण महिलाओं में सर्विक्स कैंसर और अन्य संक्रमणों का जोखिम भी बहुत अधिक बना हुआ है.
पिछले कुछ वर्षों में फीमेल हाइजीन प्रोडक्ट्स के बाज़ार में बहुत बदलाव देखे गए हैं. इनमें से कुछ हैं, ईको-फ्रेंडली पैड्स, टैम्पॉन और मेंस्ट्रुअल कप्स. मेंस्ट्रुअल कप स्किन-फ्रेंडली, मेडिकल-ग्रेड सिलिकॉन से बनाया जाता है जो छोटा पर बेहद फ्लेक्सिबल होता है. यह पीरियड्स के दौरान निकलने वाले खून को सोखता नहीं, बल्कि कप के भीतर जमा करता है.
मेंस्ट्रुअल कप की बनावट एक घंटी की आकार की होती है, जिसे उलट कर वजाइना में अंदर की ओर डाला जाता है. और इसकी खासियत यह है कि यह अलग-अलग साइज और ब्लड के फ्लो के हिसाब से मार्केट में उपलब्ध है. तो आप भी अपनी ज़रूरत के हिसाब से अपने लिए मेंस्ट्रुअल कप खरीद सकती हैं.
जहां पैड्स और टैम्पॉन को एक बार इस्तेमाल कर के फेंकना पड़ता है, वहीं एक मेंस्ट्रुअल कप को 5 से 10 साल के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इस वजह से पर्यावरण में हाइजीन प्रोडक्ट्स का अम्बार नहीं, लगता, जिसे डीकम्पोज़ करने में कई सैंकड़ों वर्ष लगते हैं.
बजट फ्रेंडली है (budget friendly) :
जहां आपको हम महीने पीरियड्स होने पर अपने लिए नए सेनेटरी पैड्स खरीदने पड़ते हैं, वहीं एक ही मेंस्ट्रुअल कप आप कई साल तक हर बार अच्छे से धो कर इस्तेमाल कर सकती हैं. इसके इस्तेमाल से आपकी जेब भी हर महीने हल्का होने से बच जाती है.
अधिक समय के लिए इस्तेमाल होने वाला (longer use) :
जहां किसी भी लड़की या महिला को हर 5 से 6 घंटे में अपने सेनेटरी पैड को बदलना होता है, वहीं मेंस्ट्रुअल कप को ब्लड फ्लो के अनुसार आप 10 घंटे तक इस्तेमाल कर सकते हैं और इसमें लीकेज की आशंका भी कम होती है.
संक्रमणों से बचाता है (safety from infections) :
चाहे बात सेनेटरी पैड्स की करें या फिर टैम्पॉन की. इनके इस्तेमाल से अक्सर महिलाओं को वजाइना या उसके आस-पास संक्रमण होने का ख़तरा बना रहता है. जबकि मेंस्ट्रुअल कप और हाथों को अच्छे से धोकर इनका उपयोग करने से संक्रमण का ख़तरा नहीं होता।
दुर्गन्ध से बचाता है (no bad smell) :
पीरियड्स के दिनों में पैड्स के कारण अक्सर दुर्गन्ध आने लगाती है, जबकि मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करने से वजाइनल pH का लेवल बना रहता है और दुर्गन्ध भी नहीं आती.
टॉक्सिन्स को रोकता है (does not release toxins) :
महिलाओं में इन दिनों सर्विक्स कैंसर के मामले बहुत अधिक बढ़ रहे हैं, जिनकी एक वजह प्लास्टिक से बने सेनेटरी पैड्स भी हैं. इसीलिए सिलिकॉन से बने मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल एक बेहतर विकल्प है.
लीकेज को रोकता है (less chances of leakage)
टैम्पॉन हो या पैड, मेंस्ट्रुअल कप इन दोनों के मुकाबले लीकेज के मामले में बहुत बेहतर है और इन दोनों से ही कई अधिक मात्रा में यह खून को जमा कर सकता है.
मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करना थोड़ा-सा जटिल है, शायद यही वजह भी है कि आज भी महिलाएं मेंस्ट्रुअल कप को अपनी पहली पसंद नहीं बना पा रही हैं. आइए जानते हैं कि पहली बार मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल कैसे किया जाए (how to use menstrual cup for beginners).
अपने हाथों को एक माइल्ड सोप से धो लें.
मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करने के लिए आप टॉयलेट बैठ जाएँ या खड़े हो कर अपनी एक टांग को किसी स्टूल पर रखें.
अब अपने हाथ में मेंस्ट्रुअल कप को ऐसे पकड़ें कि उसका खुला हुआ मुंह ऊपर की तरफ हो. फिर अपनी दो उँगलियों को आपस में दबाते हुए उसके खुले हुए मुंह को बंद कर दें.
मेंस्ट्रुअल कप बहुत ही फ्लेक्सिबल होता है, इसलिए अब इसके फ्लैट मुंह को बीच में से मोड़ दें. इससे कप के किनारे एक-दूसरे के बहुत नज़दीक आ जाएंगे और इसका आकार बहुत ही छोटा हो जाएगा और यह आसानी से वजाइना में चला जाएगा.
जब आप इसे वजाइना में अंदर धकेल रही हों, तो इस बार का ख़्याल रखें कि यह सर्विक्स के नीचे ही रहे.
एक बात का ध्यान रखें कि शुरुआत में आपको कप को इस्तेमाल करने में परेशानी हो सकती है. इसके लिए आप कप के रिम पर पानी या फिर पानी वाला लुब्रीकेंट लगाएं और फिर इस्तेमाल करें. चिकना होने पर इसे वजाइना में डालना काफी आसान हो जाता है.
कप को निकालने के लिए अपने हाथों को अच्छे से धोएं।
टॉयलेट पर बैठ कर या खड़े होकर एक टांग को कुछ ऊपर रखें.
फिर मेंस्ट्रुअल कप के बेस के नीचे बने हुए तने (stem) को ऊँगली और अंगूठे की बीच में पकड़ें और धीरे-धीरे उसे नीचे की तरफ खींचे, जब तक आप बेस तक न पहुँच जाएँ.
ये कप अंदर एयरटाइट हो जाते हैं. इसकी सील को हल्का-सा खोलने के लिए अपनी एक ऊँगली का प्रयोग करते हुए कप के बेस को हल्का-सा अंदर की तरफ मोड़ें और फिर उसे धीरे से बाहर निकाल लें.
कप को टॉयलेट में खाली कर दें
कप को अच्छे से धोकर और उबाल कर उसे दोबारा इस्तेमाल करने से पहले पोंछ लें.
4 से 6 घंटे के बीच में आपको अगर महसूस हो कि आपका मेंस्ट्रुअल कप भर गया है तो टॉयलेट में जा कर इसे खाली करें और फिर से इस्तेमाल में लाएं.
जैसा कि लोगों की मान्यता है कि मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करने से लड़कियों की वर्जिनिटी ख़त्म हो जाती है, तो ऐसा बिलकुल भी नहीं है. वर्जिनिटी के लिए hymen को बहुत अधिक प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन यह बात भी उतनी ही सही है कि खेलते हुए, साइकिल चलाते हुए, चलते-चढ़ते या किसी भी अन्य शारीरिक गतिविधि के चलते भी यह hymen या वजाइनल मेम्ब्रेन खिच या टूट सकती है. इसलिए अविवाहित महिलाओं के लिए भी मेंस्ट्रुअल कप का प्रयोग न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि आवश्यक भी है.
Mylo की पैरेंटिंग एक्सपर्ट टीम का कहना है कि मेंस्ट्रुअल कप बेशक फीमेल हाइजीन प्रोडक्ट्स के लिहाज़ से काफी बेहतर हैं, जो महिलाओं की संक्रमणों के साथ-साथ सर्विक्स कैंसर जैसी समस्या से भी सुरक्षा कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल थोड़ा जटिल है और हो सकता है कि आपको अपने लिए सही मेंस्ट्रुअल कप ढूंढ़ने में कुछ वक्त लग जाए, लेकिन एक बार इनका इस्तेमाल करने लगेंगी तो आपको इससे बेहतर विकल्प मिल पाना मुश्किल ही होगा.
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Written by
Ruchi Gupta
A journalist, writer, & language expert, Ruchi is an experienced content writer with more than 19 years of experience & has been associated with renowned Print Media houses such as Hindustan Times, Business Standard, Amar Ujala & Dainik Jagran.
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