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24 August 2023 को अपडेट किया गया
आपने अक्सर सुना होगा कि एक व्यक्ति जो बिलकुल स्वस्थ दिख रहा था वह अचानक से चलते चलते गिर पड़ा और कुछ ही सेकेंड्स में उसकी मृत्यु हो गयी. ऐसा दिनभर के दौरान या फिर नींद में भी हो सकता है. असल में इसका कारण है किसी व्यक्ति के दिल का अचानक से धड़कना बंद कर देना और मेडिकल भाषा में इसे कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) या सडन कार्डियक अरेस्ट (sudden cardiac arrest) कहते हैं. अधिकतर मामलों में कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) बिना किसी पूर्व चेतावनी या संकेत के आता है और तुरंत ट्रीटमेंट न मिलने की स्थिति में कुछ ही मिनट्स में इससे व्यक्ति की जान चली जाती है. आइये विस्तार से जानते हैं कि कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest kya hota hai) क्या है और क्यों होता है.
कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) बिना किसी लक्षण के भी हो सकता है लेकिन अधिकतर इससे ठीक पहले कुछ असामान्य लक्षण दिखते हैं. कार्डियक अरेस्ट में अक्सर जान बचाने के लिए कुछ ही मिनट का समय मिलता है और ऐसे में इसके लक्षणों को पहचान कर तुरंत एमेर्जेंसी मेडिकल हेल्प के द्वारा व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है. इससे जुड़े लक्षण कुछ इस प्रकार हैं.
थकान महसूस होना और चक्कर आना - कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) दिल से जुड़ी एक एमेर्जेंसी कंडीशन है जिसमें हृदय असामान्य तरीके से खून पंप करना बंद कर देता है. ऐसा होते ही ऑक्सीजन की कमी के कारण व्यक्ति को तेज़ थकान और चक्कर आने लगते हैं.
जी मिचलाना या मितली आना - कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) के दौरान कई बार उल्टी भी होने लगती है. इस दौरान ऑक्सीजन लेवल घटते ही पेट के अंदर मौजूद इस्फिंक्टर नाम की मांसपेशी, जो पचे हुए खाने को वापस फूड पाइप में लौटने से रोकती है वो ढीली पड़ जाती है जिससे भोजन वापस मुँह की तरफ आता है और इससे मितली आती है. इस स्थिति को गैस्ट्रोइसोफेजियल रीफ्लक्स (Gastroesophageal reflux disease - GERD) कहते हैं.
छाती में दर्द और सांस लेने में कठिनाई - ऑक्सीजन की कमी होते ही व्यक्ति को सीने में दर्द होता है और वह सांस लेने की कोशिश करते हुए हाँफने लगता है.
व्यक्ति का अचानक बेहोश हो कर गिर जाना – कार्डियक अरेस्ट में हार्ट बीट की सामान्य रिदम लड़खड़ा जाने के कारण ब्रेन को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण मिलना बंद हो जाता है. ऐसा होते ही न्यूरॉन्स और सिनाप्सेस के काम में रुकावट आती है और ऐसे में अगर व्यक्ति को तुरंत ऑक्सीजन न मिले तो वह बेहोश हो कर ज़मीन पर गिर जाता है. यह कार्डिएक अरेस्ट का सबसे कॉमन लक्षण है.
व्यक्ति का प्रतिक्रिया ना देना - कार्डियक अरेस्ट के दौरान बेहोशी आने पर व्यक्ति अपनी चेतना खो देता है और ब्रेन के शिथिल पड़ जाने के कारण वह हिलाने डुलाने या आवाज लगाने पर भी कोई रेस्पोंस नहीं देता है.
ये जानने के बाद कि कार्डियक अरेस्ट क्या (Cardiac arrest kya hota hai) होता है और इसके क्या लक्षण हैं आइये अब बात करते हैं कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) के कारणों के बारे में.
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वैसे तो हार्ट का अचानक काम करना बंद कर देना ही कार्डियक अरेस्ट का मुख्य कारण है लेकिन इस स्थिति के पीछे कुछ अंडरलाइन कारण भी हो सकते हैं जैसे कि,
कोरोनरी आर्टरी डिसीज (CAD) – ये धमनियों में चरबी जमने के कारण होती है जिसे प्लाक (Plaques) कहा जाता है. आर्टरी में प्लाक बनने से वह मोटी और संकरी हो जाती है जिससे हृदय में खून का फ्लो कम हो जाता है. कई बार प्लाक (Plaques) के कारण ब्लड सर्क्युलेशन पूरी तरह से बंद भी हो जाता है जिससे कार्डियक अरेस्ट आ सकता है.
आरिथ्मिया (Arrhythmias) – यानि हार्ट की रिदम का असामान्य हो जाना. ऐसा होने पर हार्ट की पंपिंग को कोओर्डिनेट करने वाले इलेक्ट्रिकल सिगनल्स के काम में बाधा आने लगती है. वेंट्रिकल फिब्रिलेशन (VF) जैसे आरिथ्मिया (Arrhythmias) कार्डियक अरेस्ट के लिए खास तौर पर खतरनाक माने जाते हैं.
कार्डियोमायोपैथी (cardiomyopathy)– यह हार्ट की मसल्स से जुड़ी हुई स्थिति है जिसमें मांसपेशियाँ असामान्य रूप से फैल जाती हैं या मोटी हो जाती है. खास तौर पर डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी (dilated cardiomyopathy) या हाइपरट्रोफिक कार्डियोमायोपैथी (hypertrophic cardiomyopathy) जैसी स्थितियों में हृदय पर बेहद दबाव पड़ता है जिससे कार्डियक अरेस्ट आ सकता है.
हृदय वाल्व की बनावट में खराबी - वाल्व के आकार या संरचना में किसी भी तरह की असामान्यता आ जाने या फिर जन्मजात रूप से हृदय में विकार होने पर भी कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है.
इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस - पोटेशियम, सोडियम, और कैल्शियम ऐसे तत्व हैं जो हार्ट के स्वस्थ और सामान्य रूप से काम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लेकिन अगर इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) में असंतुलन पैदा हो जाए तो इससे हार्ट की रिदम गड़बड़ा सकती है जो कार्डियक अरेस्ट का एक बड़ा कारण है.
तो अब तक हमने जाना कि कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest kya hota hai) क्या होता है और इसके पीछे कौन से कारण होते हैं. अब बात करते हैं इसके इलाज़ के बारे में.
कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest) एक एमेर्जेंसी की स्थिति है जिसमें व्यक्ति को तुरंत मेडिकल हेल्प चाहिए. कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest) के लक्षणों को देखते ही व्यक्ति को बिना समय गँवाए अस्पताल ले जाएँ. लेकिन डॉक्टरी सहायता मिलने तक रोगी के आस पास के व्यक्तियों को उसे लगातार सीपीआर (cardiopulmonary resuscitation CPR) देना चाहिए. इस प्रोसेस में रेस्क्यू ब्रीदिंग (rescue breathing) के साथ छाती को लगातार दबाने से व्यक्ति के हार्ट को कोलेप्स करने से बचाया जा सकता है. अगर सही तरह से सीपीआर दी जाए तो उससे फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचने लगती है और जब ऑक्सीजन युक्त ब्लड शरीर में जाता है तो इससे धीरे धीरे साँस और दिल की धड़कन सामान्य हो जाती है.
कार्डियक अरेस्ट एक जानलेवा स्थिति है जिसमें मेडिकल हेल्प के लिए समय गंवाना रोगी को मौत के मुँह में डाल सकता है. ऐसी स्थिति में रोगी को तुरंत अस्पताल ले जाएँ और उचित मेडिकल हेल्प मिलने तक उसे रेस्क्यू ब्रीदिंग के साथ सीपीआर देते रहें ताकि हार्ट को कोलेप्स होने से बचाया जा सके.
रेफरेंस
1. Patel K, Hipskind JE. (2023). Cardiac Arrest. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing
2. Yow AG, Rajasurya V, Sharma S. (2023) Sudden Cardiac Death. In: StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing
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