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Diet & Nutrition
26 July 2023 को अपडेट किया गया
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिलाओं को अपनी डाइट को लेकर अधिक सतर्क होना पड़ता है, क्योंकि हो सकता है कि जिन फलों और सब्ज़ियों को आप पसंद करते हो, वह प्रेग्नेंसी के लिए ठीक न हो. आज के इस आर्टिकल में हम एक ऐसे ही फल के बारे में बात करेंगे और यह फल है- 'खरबूज़ा'! प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाएँ खरबूज़े को एक स्नैक के तौर पर खाना पसंद करती हैं. इसका कारण है इसमें कम कैलोरी होना. तो चलिए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान आपको खरबूज़ा खाना चाहिए या नहीं.
इससे पहले कि हम आपको ये बताये कि प्रेग्नेंसी में आपको खरबूज़ा खाना चाहिए या नहीं, पहले हम आपको बता देते हैं कि आख़िर खरबूज़े की न्यूट्रिशन वैल्यू क्या होती है. खरबूज़े में आयरन, कैल्शियम और फ़ॉस्फ़ोरस जैसे कई ज़रूरी विटामिन और मिनिरल मौजूद होते हैं. इस फल में बहुत सारा फ़ोलिक एसिड भी होता है जिसे विटामिन बी9 भी कहते हैं. यह गर्भावस्था का सबसे जरूरी विटामिन होता है क्योंकि यह बच्चे को न्यूरल ट्यूब में समस्या के साथ जन्म लेने से बचाता है. इसमें ज़िंक भी होता है, जो कि भ्रूण के बेहतर विकास के लिए ज़रूरी होता है. खरबूज़े में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और अन्य तत्व खून को गाढ़ा नहीं होने देते. बता दें कि प्रेग्नेंसी के दौरान खून का गाढ़ा होना माँ और गर्भ में पल रहे बेबी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
गर्भावस्था में खरबूज़ा खाने से सेहत को कई तरह के फ़ायदे होते हैं; जैसे कि-
प्रेग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में बच्चे का न्यूरल ट्यूब बनना शुरू होता है, जो आगे जाकर दिमाग़ और रीढ़ की हड्डी बनता है. खरबूज़े में फ़ोलिक एसिड होता है, और जब आप उसे खाते हैं, तो आपको रोज़ाना ज्यादा विटामिन बी9 मिलता है. इससे भ्रूण में न्यूरल ट्यूब डिफ़ेक्ट नहीं होता है.
गर्भावस्था में खून जमने की शिकायत हो सकती है, जो बहुत खतरनाक हो सकता है. हालाँकि, खून जमने के मामले बहुत कम होते हैं, फिर भी खरबूज़ा खाने से खून पतला बना रहता है और खून जमने की संभावना कम हो जाती है.
खरबूज़े में मौजूद कैरोटेनॉएड एंटीऑक्सिडेंट्स की तरह काम करता है और शरीर में फ्री रैडिकल्स बनने से बचाता है. इससे नई कोशिकाओं को बनने में मदद मिलती है. साथ ही, गर्भवती महिला और बच्चे की इम्यूनिटी भी बढ़ती है.
गर्भावस्था के दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर में गर्भवती महिलाओं को हार्टबर्न की समस्या होने लगती है. ऐसे में खरबूज़ा एक ऐसा फल है जो आपके पेट को शांत कर सकता है. खरबूज़े में मौजूद विटामिन सी पाचन को दुरुस्त करने के साथ ही भोजन को आसानी से पचाने में भी मदद करता है.
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में खरबूज़ा खाना आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है. इसमें मौजूद विटामिन सी और आयरन माँ को एनीमिया से बचाता है. बता दें कि शरीर आयरन का तब तक इस्तेमाल नहीं कर सकता जब तक वह पाचन तंत्र में नहीं आ जाता. विटामिन सी की मदद से आयरन पाचन तंत्र में आ पाता है.
अक्सर गर्भवती महिलाओं को पैर दर्द की शिकायत रहती है. यह अच्छे से पोटेशियम न मिलने के कारण होता है, ऐसा में खरबूज़े का सेवन आपको पैरों के दर्द से राहत दे सकता है. दरअसल, खरबूज़े में सभी ज़रूरी मिनरल होते हैं.
प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में ही बेबी की आँख बनना शुरू हो जाती है, और प्रेग्नेंसी के अंत तक इसमें लगातार ब्लड फ्लो बना रहता है. ऐसे में विटामिन ए से भरपूर खरबूज़ा खाने से बच्चे को आँख की समस्या होने की संभावना बहुत कम हो जाती है.
प्रेग्नेंसी में यूँ तो खरबूज़ा खाना सुरक्षित होता है. लेकिन कुछ मामलों में इसके साइड इफेक्ट्स देखे जा सकते हैं. दरअसल, कभी-कभी इस फल की सतह पर लिस्टीरिया बैक्टीरिया आ जाता है. ऐसे में अगर आप फल को अच्छे से नहीं धोते तो यह आपके शरीर में जा सकता है. इस बैक्टीरिया के कारण लिस्टिरिओसिज़ नाम की बीमारी हो सकती है. इस कारण प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली समस्याएं बढ़ सकती हैं. साथ ही, जो महिलाएँ जानती हैं कि उन्हें इस फल से एलर्जी है, उन्हें भी इसे खाने से बचना चाहिए.
प्रेग्नेंसी के दौरान खरबूज़े का सेवन माँ और गर्भ में पल रहे बेबी दोनों के लिए फ़ायदेमंद हो सकता है. हालाँकि, अगर आपको खरबूज़े से कोई एलर्जी है, तो इसे खाने से पहले एक बार आप अपने डॉक्टर से सलाह ले लें. इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के दौरान खरबूज़ा खाने से पहले आपको उसे अच्छी तरह से साफ़ कर लेना चाहिए. खरबूज़े के छिलके को साफ करने के लिए, उसे नल के नीचे साफ़ करें और कुछ सेकेंड के लिए सिरके के घोल में डाल दें. इसके बाद इसे काटने से पहले फिर से पानी से धोएँ. साथ ही, चाकू और कटिंग बोर्ड को साफ़ करना न भूलें.
Huang WQ, Lu Y, Xu M, Huang J, Su YX, Zhang CX. (2017). Excessive fruit consumption during the second trimester is associated with increased likelihood of gestational diabetes mellitus: a prospective study.
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Written by
Parul Sachdeva
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