Lowest price this festive season! Code: FIRST10
Pregnancy
7 December 2023 को अपडेट किया गया
अक्सर PCOS और PCOD से पीड़ित महिलाओं को लगता है कि वे कभी माँ नहीं बन पाएँगी. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. यह एक ऐसी समस्या है जिस पर अगर समय रहते ध्यान दिया जाये तो इसके असर को काफ़ी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है.पीसीओएस (pcos meaning in hindi) यानी कि पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक ऐसी समस्या है, जो पिछले कुछ सालों में तेज़ी से बढ़ रही है. इस आर्टिकल के ज़रिये हम आपको PCOS और PCOD से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी बताएँगे, ताकि आप भी इस समस्या पर समय रहते काबू कर सकें.
चलिए अब जानते हैं कि पीसीओएस क्या (PCOS kya hai) होता है. पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (PCOD) ओवरी से संबंधित एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं; जिसके चलते महिलाओं के शरीर में फीमेल हार्मोन की बजाय मेल हार्मोन (एण्ड्रोजन) का स्तर ज्यादा बढ़ने लगता है. ऐसी स्थिति में ओवरी में कई गाँठें (cyst) बनने लगती है. ये गाँठें छोटी-छोटी थैली के आकार की होती हैं और जिनमें तरल पदार्थ होता है. जब यही छोटी-छोटी गाँठें बड़ी होती हैं, तो यह ओव्यूलेशन की प्रोसेस में रुकावट डालने लगती है. ऐसे में समय पर ओव्यूलेशन न होने पर गर्भधारण की संभावना कम होने लगती है.
इसे भी पढ़ें : PCOD और PCOS को लेकर कंफ्यूजन? जानें क्या है इन दोनों के बीच अंतर!
पीसीओएस की समस्या होने पर इस तरह के लक्षण (pcos ke lakshan in hindi) दिखाई देते हैं;
इसे भी पढ़ें : गर्भधारण की कोशिश के दौरान कैसे होता है सेक्स लाइफ पर असर?
पीसीओएस की समस्या से राहत (pcos treatment in hindi) पाने के लिए आप इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं;
पीसीओएस (polycystic ovaries meaning in hindi) की समस्या होने पर सबसे पहले अपनी डाइट में बदलाव करें. अपनी डाइट में ताज़े फल,सब्ज़ियों, बीन्स, सूखे मेवों और गेहूँ से बनी चीज़ों को शामिल करें. साथ ही, कार्बोहाइड्रेट व शुगर युक्त खाद्य पदार्थों को भी न कहना सीखना होगा. इससे न सिर्फ़ आपका वज़न कम होगा, बल्कि हार्मोंस भी संतुलित रहेंगे. डिब्बाबंद और वसा युक्त खाद्य पदार्थों से भी दूरी बनाएँ.
आपको जानकर थोड़ी हैरानी हो सकती है, लेकिन यह सच है कि आप डेली एक कप चाय पीकर भी पीसीओएस और पीसीओडी को ठीक कर सकते हैं. यहाँ हम नॉर्मल चाय की नहीं; बल्कि पीसीओएस/पीसीओडी टी के बारे में बात कर रहे हैं. इस प्रकार की चाय (टी) पीसीओएस और पीसीओडी की समस्या पर इफेक्टिव तरीक़े से काम करती हैं. आप चाहे तो माइलो 100% नेचुरल PCOS और PCOD टी (Mylo 100% Natural PCOS & PCOD Tea) को ट्राई कर सकते हैं, जो कि कैमोमाइल, शतावरी, शंखपुष्पी और मंजिष्ठा जैसी आयुर्वेदिक चीज़ों के गुणों से भरपूर है. इस टी के कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं है, क्योंकि सुरक्षा के लिहाज़ से यह FSSAI लाइसेंस प्राप्त है, NABL लैब टेस्टेड है और ओरल सेफ्टी के लिए क्लिनिकली टेस्टेड है. इसके अलावा, इसमें कैफ़ीन, प्रिजरवेटिव, आर्टिफिशियल कलर और शुगर का इस्तेमाल भी नहीं हुआ है.
गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है. ऐसे में अगर आप गर्भवती होना चाहती हैं तो गर्भधारण के एक साल पहले ही गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करना बंद कर दें.
पीरियड्स शुरू होने के 14 दिन बाद आप गर्भवती हो सकती हैं, क्योंकि यह समय ओव्यूलेशन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इस दौरान अगर आप संबंध बनाते हैं, तो गर्भधारण की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं. दरअसल, इस समय ओवरी से एग रिलीज होते हैं, जो कि 12 से 24 घंटे तक रहते हैं. हालाँकि, इसके लिए आपका ओव्यूलेशन चक्र का सही होना बहुत जरूरी है. इसलिए आप अपने ओव्यूलेशन पीरियड का ध्यान रखें.
गर्भधारण के लिए विटामिन डी को बहुत ज़रूरी माना गया है. इसलिए अगर आप फैमिली प्लानिंग के बारे में सोच रहे हैं, तो पहले विटामिन डी की कमी को पूरा कर लें.विटामिन डी की पूर्ति के लिए सुबह की धूप में 10 मिनट बैठें. इसके अलावा अपनी डाइट में पनीर, अंडे और मशरूम, आदि शामिल करें.
अपने स्ट्रेस को कम करें. स्ट्रेस पीसीओएस का एक मुख्य कारण है, इसलिए आप इसे कम करने के लिए योग, मेडिटेशन या अन्य तरीक़ों की मदद ले सकते हैं.
अपने डॉक्टर से सलाह लें. वह आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और आपको सही उपाय बताएँगे.
उम्मीद है कि अब आप समझ गए होंगे कि पीसीओएस की समस्या होने पर आपको किन बातों का ध्यान रखना है!
पीसीओएस/पीसीओडी होने पर गर्भधारण मुश्किल हो सकता है, असंभव नहीं. सही बेहतर डाइट, लाइफस्टाइल, और एक्सरसाइज आदि को फॉलो करके PCOD और PCOS को ठीक किया जाता है और प्रेग्नेंसी की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है.
रेफरेंस
1. Cunha A, Póvoa AM. (2021) Infertility management in women with polycystic ovary syndrome: a review.
2. Melo AS, Ferriani RA, Navarro PA. (2015). Treatment of infertility in women with polycystic ovary syndrome: approach to clinical practice. Clinics (Sao Paulo).
3. Sawant S, Bhide P. (2019). Fertility Treatment Options for Women With Polycystic Ovary Syndrome. Clin Med Insights Reprod Health.
4. McDonnell R, Hart RJ. (2017). Pregnancy-related outcomes for women with polycystic ovary syndrome.
Tags
How to manage PCOS/PCOD in English, How to manage PCOS/PCOD in Bengali, How to manage PCOS/PCOD in Tamil, How to manage PCOS/PCOD in Telugu
Yes
No
Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
Almond Oil Massage Benefits For Baby in Hindi | बादाम तेल से बेबी की मसाज करने के फ़ायदे
Hindi Paheliyan For School With Answer | बच्चे से बड़े सबके दिमाग़ की कसरत करवा देंगी ये पहेलियाँ
Panchtantra Ki Kahaniyan | दिल बहलाने के साथ ही ज़िंदगी की सीख भी देती हैं पंचतंत्र की ये कहानियाँ
Baby Sleeping While Breastfeeding in Hindi | बेबी दूध पीते-पीते सो जाता है? जानें ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए
Is Baby Getting Enough Breast Milk in Hindi | आपको कैसे पता चलेगा कि ब्रेस्ट मिल्क से बेबी का पेट भरा है या नहीं?
Baby Massage Oil For Summer in Hindi | गर्मियों में बेबी की मसाज किस तेल से करना चाहिए?
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |