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PCOS & PCOD
24 August 2023 को अपडेट किया गया
आईने के सामने खड़े होकर अर्पिता अपने बाल सुलझा रही थी. कंघी करने के दौरान जब अर्पिता की नज़र फर्श पर गिरे हुए बालों पर पड़ी, तो वह हैरान हो गई. अर्पिता ने तुरंत अपनी कंघी को देखा! फर्श के साथ ही कंघी में भी बाल थे. अपने ख़ूबसूरत बालों को इस तरह झड़ते हुए देखकर अर्पिता परेशान हो गई. थोड़ा इंटरनेट पर सर्च करने पर उसे पता चला कि बाल झड़ने की एक बड़ी वजह पीसीओएस यानी कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome) भी हो सकता है.
अर्पिता की ही तरह कई ऐसी महिलाएँ होती हैं, जो हेयर फॉल का सामना करती हैं, तो चलिए इस आर्टिकल के ज़रिये आपको बताते हैं कि क्या वाकई पीसीओएस होने पर बाल झड़ते हैं? (Does PCOS cause hair loss in Hindi) अगर हाँ, तो पीसीओएस में बाल झड़ने की वजह क्या होती हैं (What causes hair loss in PCOS in Hindi) और क्या कोई ऐसे घरेलू उपाय हैं, जो पीसीओएस होने पर भी बालों का झड़ना कम कर सकते हैं (PCOS hair loss home remedies in Hindi).
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पीसीओएस या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम सीधे तौर पर हेयर फॉल का कारण नहीं बनता है. हालाँकि, पीसीओएस के दौरान होने वाले हार्मोनल असंतुलन के कारण बाल झड़ सकते हैं. दरअसल, जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या होती है, उनके शरीर में एण्ड्रोजन का स्तर बढ़ने लगता है. इसके कारण एंड्रोजेनिक एलोपेसिया (Androgenic alopecia) की स्थिति बनने लगती है. आम भाषा में इसे बालों का झड़ना (Female pattern hair loss in Hindi) कहा जाता है. इस स्थिति में बालों के रोम सिकुड़ जाते हैं और पतले हो जाते हैं. इसके अलावा, पीसीओएस में हाई इंसुलिन लेवल के कारण बालों की ग्रोथ रुक जाती है.
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जैसा कि हम आर्टिकल में आपको पहले बता चुके हैं कि पीसीओएस होने पर हार्मोन्स असंतुलन की समस्या होने लगती है. ख़ासकर इस दौरान एण्ड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है. जब हार्मोन्स असंतुलित होने लगते हैं, तो यह बालों की ग्रोथ पर असर डालने लगते हैं. इसके कारण बाल कम बढ़ते हैं, और अधिक झड़ने लगत हैं.
इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण भी हेयर फॉल होता है. बता दें कि इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन होता है, जो शरीर के अंदर अपने आप बनता है और यह ब्लड में मिलकर ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल करने का काम करता है. जब शरीर में इंसुलिन बनने में बाधा आने लगती है, तो शरीर अधिक इंसुलिन प्रोड्यूस करने की कोशिश करता है. ऐसे में इन अतिरिक्त इंसुलिन के कारण बालों की ग्रोथ प्रभावित होती है.
जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या होती है, उनमें अक्सर आयरन, ज़िंक और विटामिन डी जैसे कुछ पोषक तत्वों की कमी होती है. जब शरीर में न्यूट्रिशन की कमी होती है, तो इसका असर हेयर फॉल के रूप में दिखने लगता है.
अगर आप ज़्यादा तनाव लेते हैं, तो इससे पीसीओएस की समस्या ट्रिगर हो सकती है. साथ ही, इससे बालों की ग्रोथ रुक सकती है. कुछ रिसर्च की मानें तो जो महिलाएँ अधिक तनाव लेती हैं, उन्हें हेयर फॉल की समस्या का सामना अधिक करना पड़ता है.
पीसीओएस को ठीक करने के लिए कई ट्रीटमेंट ऑप्शन होते हैं;
ऐसी कई मेडिसिन हैं, जो पीसीओएस को कंट्रोल करने में मदद करती हैं. इनमें स्पिरोनोलैक्टोन (Spironolactone) जैसी एंटी-एंड्रोजन मेडिसिन शामिल हैं. यह बालों के रोम पर अतिरिक्त एण्ड्रोजन के प्रभाव को कम कर सकती हैं.
बर्थ कंट्रोल पिल जैसी हार्मोनल थेरेपी के ज़रिये भी हार्मोन्स के लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है. यह एण्ड्रोजन के प्रभाव को कम कर सकती हैं और बालों को बढ़ने में मदद कर सकती हैं. हालाँकि, यहाँ ध्यान रखें कि बर्थ कंट्रोल पिल्स के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. ऐसे में आप पीसीओएस और पीसीओडी को कंट्रोल करने के लिए माइलो मायो-इनोसिटोल च्यूएबल टैबलेट (Myo-inositol Chewable Tablets for PCOS & PCOD) भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इस टैबलेट को लेना बहुत ही आसान है. इन टैबलेट्स की ख़ास बात यह है कि इससे कोई साइड इफेक्ट होने का खतरा भी नहीं रहता है.
कुछ गंभीर मामलों में हेयर ट्रांसप्लांटेशन भी एक ऑप्शन हो सकता है. इस प्रक्रिया में सिर के पीछे या साइड (जहाँ पर घने बाल होते हैं), वहाँ से बाल लेकर उस एरिया में प्लांट किए जाते हैं, जहाँ पर बाल नहीं है.
स्कैल्प की मसाज करने से स्कैल्प के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है. इससे बालों को जड़ से बढ़ने औक मज़बूत होने में मदद मिलती है. स्कैल्प की मसाज करने के लिए आप लैवेंडर या रोज़मेरी जैसे ऑइल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
अगर आप पीसीओएस हेयर फॉल को नेचुरल तरीक़े से कंट्रोल करना चाहते हैं, तो आप इन घरेलू उपायों को अपना सकते हैं :
बालों की हेल्दी ग्रोथ के लिए विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर डाइट ज़रूरी होती है. इसलिए आप हेल्दी डाइट फॉलो करें. अपनी डाइट में हरी पत्तेदार साग- सब्ज़ियों, फलों, लीन प्रोटीन और नट्स, आदि को शामिल करें. इसके अलावा, आप हेल्दी आदत के तौर पर अपने रूटीन में माइलो 100% नेचुरल PCOS और PCOD टी (100% Natural PCOS & PCOD Tea) को भी शामिल करें. डेली एक कप माइलो पीसीओएस टी पीकर भी आप पीसीओएस और पीसीओडी को कंट्रोल कर सकते हैं.
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अपने स्कैल्प की केयर करें. अच्छे शैम्पू और ऑइल का इस्तेमाल करें. हमेशा नेचुरल चीज़ों से बने ऑइल और शैम्पू को ही चुनें.
लैवेंडर, रोज़मेरी और पेपरमिंट जैसे ऑइल बालों को बढ़ने में मदद करते हैं. इन्हें नारियल तेल के साथ मिलाकर स्कैल्प पर लगाएँ और मसाज करें. ये उपाय आपको पीसीओएस के कारण होने वाले हेयरफॉल से राहत दे सकता है.
स्ट्रेस यानी कि तनाव से दूर रहें. इसके लिए आप योग, मेडिटेशन और गहरी साँस लेने जैसी रिलेक्सिंग टेक्निक का सहारा ले सकते हैं.
बायोटिन, आयरन और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे कुछ सप्लीमेंट्स भी बालों का झड़ना कम कर सकते हैं. हालाँकि, कोई भी सप्लीमेंट शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर परामर्श कर लें.
पीसीओएस एक ऐसी समस्या है, जिसे समय रहते कंट्रोल करने में ही फ़ायदा होता है. वरना, यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है. हेल्दी डाइट और आदतों को फॉलो करें, और सबसे बड़ी बात- खुश रहें! अनावश्यक तनाव को ख़ुद पर हावी न होने दें.
रेफरेंस
1. Jiang VS, Hawkins SD, McMichael A. (2022). Female pattern hair loss and polycystic ovarian syndrome: more than just hirsutism.
2. Prasad S, De Souza B, Burns LJ, Lippincott M, Senna MM. (2020). Polycystic ovary syndrome in patients with hair thinning.
3. Klein EJ, Oh CS, Karim M, Shapiro J, Lo Sicco K. (2023). A practical approach to the management of hair loss in patients with polycystic ovary syndrome.
4. Quinn M, Shinkai K, Pasch L, Kuzmich L, Cedars M, Huddleston H. (2014). Prevalence of androgenic alopecia in patients with polycystic ovary syndrome and characterization of associated clinical and biochemical features.
5.Carmina E, Azziz R, Bergfeld W, Escobar-Morreale HF, et al. (2019). Female Pattern Hair Loss and Androgen Excess: A Report From the Multidisciplinary Androgen Excess and PCOS Committee.
6. Fabbrocini G, Cantelli M, Masarà A, Annunziata MC, Marasca C, Cacciapuoti S. (2018). Female pattern hair loss: A clinical, pathophysiologic, and therapeutic review. Int J Womens Dermatol.
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Written by
Jyoti Prajapati
Jyoti is a Hindi Content Writer who knows how to grip the audience with her compelling words. With an experience of more
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