Lowest price this festive season! Code: FIRST10
Fasting
12 December 2022 को अपडेट किया गया
नवरात्रों का पावन अवसर माता रानी के लिए हमारी भक्ति और प्यार के साथ-साथ, कई नयी उम्मीदों को जन्म देता है. कई लोग ऐसा मानते हैं कि व्रत रखने से शरीर और आत्मा की शुद्धि हो जाती है, और यह बात गलत भी नहीं. हम जानते हैं आप भी अपनी आने वाली नयी ज़िन्दगी की अच्छी शुरुआत के लिए नवरात्रों के व्रत रखना चाहती हैं. बेशक रखें! लेकिन एक बात आपको समझनी होगी कि अब आपका शरीर पहले जैसा नहीं रहा, उसमे एक और ज़िन्दगी पनप रही है और आपको उसका भी ख्याल रखना है. तो ऐसे में नीचे दी गयी हेल्थ टिप्स को अपनाकर, आप अपना और अपने आने वाले बच्चे की सेहत को ध्यान में रखकर निश्चिन्त व्रत रख सकती हैं -
आज तक आप बिना नमक का खाना खाकर अपना व्रत पूरा करती थीं पर अब नमक को अपने भोजन में जगह देनी होगी. नमक न खाने से शरीर में कमजोरी आ सकती है, जो आपके लिए और आपकी नन्ही जान के लिए ठीक नहीं. आप सफ़ेद नमक की जगह सेंधा नमक इस्तेमाल कर सकती हैं.
लम्बे समय तक भूखा रहने से एनीमिया, गैस और सर दर्द की शिकायत हो सकती है और यही नहीं, ये आपके बच्चे के विकास में भी बाधा डाल सकती है. अपने आप को परेशान करने और भूखा रखने से बेहतर है - छोटे-छोटे अंतराल में पोषक-तत्वों से भरपूर खाने का सेवन करें.
बहुत बार, व्रत का खाना व्रत न होकर दावत में बदल जाता है जिसमे कई पकवान, तली-भुनी चीज़ों को जगह मिल जाती है. इस तरह का खाना खाने से एसिडिटी जैसी शिकायत हो सकती है और पाचन तंत्र को भी नुकसान पहुँचता है.
आपका बच्चा सिर्फ पोषक तत्वों के लिए ही नहीं बल्कि हाइड्रेशन के लिए भी आप पर ही निर्भर करता है तो सोचें आपके लिए पेय पदार्थों का सेवन करना कितना जरूरी है! यदि आपसे पानी ज्यादा नहीं पिया जाता तो अन्य हेअल्थी ऑप्शन्स ट्राई करें जैसे फ्रेश जूस, दूध, नारियल पानी और नट्स क्योंकि इन सभी में है एनर्जी का भंडार.
यदि व्रत रखने में आपको किसी भी तरह की शंका या संदेह हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से पूछें. चाहे आपके डॉक्टर ने आपको व्रत रखने की मंजूरी दे दी है लेकिन किसी भी तरह का दर्द या असहजता होने पर देर न करें. समझदारी से काम लें और डॉक्टर को फोन करें.
सावधान!!
डायबिटीज़ से जूझने वाली माताओं को व्रत नहीं रखना चाहिए क्योंकि लम्बे अंतराल के लिए भूखा रहने से इन्सुलिन का स्तर कम हो जाता है. पहली और तीसरी तिहामी का समय एक गर्भवती महिला का सबसे नाज़ुक समय होता है इसीलिए डॉक्टर इस दौरान व्रत रखने की सलाह नहीं देते. सही और समय पर शरीर को पोषक तत्व न मिलने पर, गर्भवती महिला अपने आप को थकान, इन्फेक्शन और इम्युनिटी कम होने की समस्याओं से घिरा हुआ पा सकती है. ये सब और ज्यादा गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है जैसे बच्चे का जन्म वजन कम होना, प्रीमैच्योर लेबर इत्यादि.
Yes
No
Written by
Priyanka Verma
Priyanka is an experienced editor & content writer with great attention to detail. Mother to an 11-year-old, she's a ski
Read MoreGet baby's diet chart, and growth tips
प्रेग्नेंसी के दौरान वज़न को नियंत्रित रखने के लिए अपनाएं ये 7 टिप्स
गर्भावस्था के दौरान और बाद में पीठ दर्द से छुटकारा पाने के 5 बेहतरीन तरीक़े
टमी टाइम : यह क्या है और शिशु को कौन -सी उम्र से पेट के बल लिटाना चाहिए ?
क्या प्रेग्नेंसी के दौरान मसूड़ों से खून आना सामान्य है?
गर्भावस्था में चक्कर से राहत पाने के लिए आप क्या कर सकती हैं?
क्या होती है हाई रिस्क प्रेग्नेंसी? किन महिलाओं को होता है इसका अधिक खतरा?
Mylo wins Forbes D2C Disruptor award
Mylo wins The Economic Times Promising Brands 2022
At Mylo, we help young parents raise happy and healthy families with our innovative new-age solutions:
baby carrier | baby soap | baby wipes | stretch marks cream | baby cream | baby shampoo | baby massage oil | baby hair oil | stretch marks oil | baby body wash | baby powder | baby lotion | diaper rash cream | newborn diapers | teether | baby kajal | baby diapers | cloth diapers |