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Food Cravings
10 August 2023 को अपडेट किया गया
सपोटा के फल को चीकू कहते हैं और इसे सुपर फ्रूट माना जाता हैं क्योंकि इसका पोषण मूल्य बहुत अच्छा होता है। चीकू में पाए जाने वाले कुछ जरूरी पोषक तत्व हैं, विटामिन ए और सी के साथ पोटेशियम, कैल्शियम और एंटीऑक्सिडेंट्स। इस फल में हेल्थी कैलोरी भी भरपूर होती है। इस फल की हर 100 ग्राम सर्विंग में 83 कैलोरी मिलती है।
ये फल गर्भवती महिलाओं को जरूरी पोषण दे सकता है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर से परामर्श बिना किसी भी तरह का नया खाना अपनी डाइट में शामिल नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि बहुत सी महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतें और फ़ूड सेंसिटिविटी हो जाती है। खतरा कम करने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए डॉक्टर गर्भवती महिला मरीजों के ब्लड सैंपल पर नियमित नजर बनाकर रखते हैं।
डॉक्टर अक्सर गर्भवती महिलाओं को ताजा फल खाने की सलाह देते हैं। उच्च पोषण मूल्य वाले चीकू को सभी गर्भवती महिलाएं तब तक खा सकती हैं जब तक डॉक्टर ऐसा न करने की सलाह न दें।
गर्भवती महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान कितने चीकू खा सकती हैं, इसको लेकर कोई खास कोटा नहीं है। लेकिन, इस फल में कैलोरी और शुगर ज्यादा होती है। इसलिए इस फल को रोज 100 ग्राम ही खाने की सलाह दी जाती है। इस तरह से गर्भवती महिलाओं का अत्यधिक वजन बढ़ने और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याएं होने की संभावना कम होगी।
प्रेग्नेंसी के दौरान चीकू खाकर महिलाओं को कई फायदे मिल सकते हैं जैसे
1.ऊर्जा में तुरंत बढ़ोत्तरी (Instant energy boost): चीकू में सुक्रोज काफी होता है जिसके चलते ऊर्जा तुरंत मिल जाती है। इस फल को सुबह के समय स्नैक के तौर पर खाकर गर्भवती महिलाएं खाने के बीच में अपनी ऊर्जा बनाए रख सकती हैं।
2. बेहतर पाचन (Improved digestion): गर्भवती महिलाओं में कब्ज एक सामान्य समस्या होती है। प्रेग्नेंसी में चीकू खाने से पाचन बेहतर होता है क्योंकि इस फल में फाइबर अच्छी मात्रा में होता है। ये मिचली से राहत देता है और पेट में सूजन कम करने में भी मदद करता है।
3. मजबूत हड्डियां (Strengthens bones): गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त कैल्शियम की जरूरत होती है और उन्हें इसका स्तर बनाए रखने के लिए सप्लीमेंट भी दिए जाते हैं। चीकू का फल कैल्शियम, पोटेशियम और आयरन जैसे पोषक तत्वों का प्राकृतिक स्त्रोत है।
4. नियंत्रित ब्लड प्रेशर (Regulates blood pressure): चीकू के नियमित सेवन से गर्भवती महिलाओं में ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। इस फल में मैग्नेशियम और पोटेशियम का भी अच्छा स्तर होता है, जिनके चलते ब्लड प्रेशर का स्तर सही रहता है।
स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतों से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को फल और सब्जी का चुनाव सोचसमझकर करना चाहिए। अच्छा चीकू चुनना थोड़ा कठिन हो सकता है क्योंकि बाजार में पका हुआ चीकू ढूंढना कठिन होता है।
गर्भवती महिलाओं को सिर्फ पके हुए चीकू ही खाने चाहिए, जिनमें मीठी महक और स्वाद हो।
ज्यादातर महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान सलाह के मुताबिक चीकू के फल का सेवन करती हैं, उन्हें इनका साइड इफेक्ट महसूस नहीं होता है। लेकिन कुछ गर्भवती महिलाओं में इस फल के अत्यधिक सेवन से साइड इफेक्ट हो सकते हैं जैसे
1. अत्यधिक बढ़ा हुआ वजन (Excess weight gain): चीकू के फल में कैलोरी खूब होती है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान इसके नियमित सेवन से मां का अत्यधिक वजन बढ़ सकता है। इस बढ़े हुए वजन की वजह से स्वास्थ्य से जुड़ी दूसरी दिक्कते हो सकती हैं।
2. ब्लड शुगर का बढ़ा हुआ स्तर (Increased blood sugar levels): चीकू फ्रूट में अत्यधिक सुक्रोज और फ्रुक्टोज होते हैं। इस फल का जरूरत से ज्यादा सेवन मां का ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकता है जिसकी वजह से गर्भावस्था में डायबिटीज भी हो सकता है।
3. डायरिया (Diarrhea): चीकू के अत्यधिक सेवन से गर्भवती महिलाओं को दस्त हो सकते हैं। इसकी वजह से बार-बार डीहायड्रेशन और स्वास्थ्य से जुड़ी दूसरी दिक्कतें हो सकती हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए चीकू की बताई हुई मात्रा खाने और अपनी इच्छा को संतुष्ट करने का सबसे अच्छा तरीका है कि वो चीकू का मिल्कशेक बना लें। यहां पर हेल्थी चीकू मिल्कशेक बनाने की आसान रेसिपी बताई गई है।
गाढ़ा चीकू मिल्कशेक बनानेके लिए सभी सामग्री को ब्लेंडर में डालकर कुछ मिनटों के लिए मिला लें।
चीकू ऐसा फल नहीं है जिसे प्रेग्नेंसी के दौरान नजरअंदाज किया जाए। लेकिन गर्भवती महिलाओं को बढ़ते वजन और गर्भवस्था में डायबिटीज से बचने के लिए ये फल संयम से ही खाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को अपनी रोज की डाइट में चीकू शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए।
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Written by
Parul Sachdeva
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