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Ayurveda & Homepathy
12 February 2024 को अपडेट किया गया
आयुर्वेदिक चिकित्सा परंपरा में कई ऐसी औषधियाँ हैं जो प्राचीन समय से ही प्रयोग में लायी जाती रही हैं. इनमें से एक है गोक्षुर जिसे गोख्रुष्ट भी कहते हैं और दूसरी है गुग्गुलु और इनके संयोजन से बनाया जाता है गोक्षुरादि गुग्गुलु. इसके कई सारे (gokshuradi guggulu benefits in hindi) स्वास्थ्य लाभ हैं जिनके बारे में हम आपको आगे बताएँगे.
गोक्षुरादि गुग्गुलु को (gokshuradi guggulu in hindi) आयुर्वेद में कई सारे रोगों के उपचार के अलावा सर्जिकल प्रोसेस के बाद रिकवरी के लिए भी उपयोग किया जाता है, जैसे कि यूरिनरी ट्रैक से जुड़े डिसॉर्डर, गठिया, ब्लड प्यूरिफिकेशन से जुड़े रोगों के उपचार के लिए. यह एक त्रिदोषनाशक औषधि है जो वात, पित्त और कफ़ से जुड़े इंबैलेंस को ठीक करने और शरीर के शोधन के लिए ज़रूरी (gokshuradi guggulu benefits in hindi ) गुणों से भरपूर होता है. आयुर्वेद में इसे हैल्दी लाइफस्टाइल मेंटेन करने के लिए भी अपनाने की सलाह दी जाती है.
अब आपको एक-एक करके इस चमत्कारिक दवा के (gokshuradi guggulu ke fayde in hindi) कई सारे फ़ायदों के बारे में बताते हैं.
गोक्षुरादि गुग्गुलु मुख्यतः यूरिन और ब्लेडर की समस्याओं के उपचार के लिए जाना जाता है हालाँकि इसके अलावा भी इसके कई सारे (gokshuradi guggulu uses and benefits in hindi) फ़ायदे हैं; जैसे कि
इसमें यूटीआई को रोकने और इसका इलाज करने की अद्भुद क्षमता होती है. इसमें डाइयूरेटिक और एंटी एन्फ़्लेमेटरी गुण होते हैं जो यूरिनरी ट्रैक से विषाक्त पदार्थों और बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद है. यह यूरिनरी फंक्शन को रेगुलेट करने और मज़बूत बनाने में मदद करता है. इसका उपयोग आयुर्वेद में यूटीआई से जुड़े लक्षणों; जैसे - पेशाब में रुकावट, दर्द और बेचैनी को कम करने के अलावा यूटीआई की रोकथाम के लिए भी किया जाता है.
गोक्षुरादि गुग्गुलु को किडनी हेल्थ में भी सहायक माना जाता है. यह किडनी से टाक्सिन को खत्म करने और यूरिनरी ट्रैक को साफ़ रखने में सहायता करके किडनी को हैल्दी रखने में मदद करता है. इसके अलावा यह भी माना जाता है कि गोक्षुरादि गुग्गुलु में ऐसे गुण होते हैं जो किडनी की पथरी और अन्य गुर्दे संबंधी विकारों को दूर करने में मदद कर सकते हैं.
गोक्षुरादि गुग्गुलु में स्ट्रॉंग एंटी-इन्फ़्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ होती हैं. गोक्षुरा और गुग्गुलु जैसी जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बना यह हर्बल फॉर्मूलेशन शरीर के भीतर सूजन को कम करने की अद्भुद क्षमता रखता है. एक प्राकृतिक सूजन घटाने वाले एजेंट के रूप में कार्य करता है.
गोक्षुरादि गुग्गुलु शरीर के भीतर हार्मोनल बैलेंस को बढ़ावा देने की भी क्षमता रखता है. यह आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन एंडोक्राइन सिस्टम को मज़बूत बनाता है जिससे हार्मोन्स को रेगुलेट करने और हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने में मदद मिलती है. हार्मोनल असंतुलन जिससे ख़ास तौर पर फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएँ पैदा होती हैं उनके समाधान के लिए आयुर्वेद में अधिकतर गोक्षुरादि गुग्गुलु के नियमित सेवन की सलाह दी जाती है.
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गोक्षुरादि गुग्गुलु जाइंट पेन को कम करने में भी बेहद असरदार है. गोक्षुरा और गुग्गुलु जैसे शक्तिशाली कंबिनेशन वाली यह औषधि जोड़ों की सूजन घटाने, जाइंट की फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाने, जोड़ों की सूजन को कम करने, टॉक्सिन को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है. जोड़ों के लचीलेपन को बनाए रखने के लिए आयुर्वेद में अक्सर गोक्षुरादि गुग्गुलु के नियमित उपयोग की सलाह दी जाती है.
वैसे तो किसी भी हर्बल उपचार के साइड एफ़ेक्ट्स न के बराबर ही होते हैं, लेकिन सही ख़ुराक लेने में असावधानी और दूसरी दवाओं के साथ रिएक्ट करने पर परेशानियाँ हो सकती हैं; जैसे कि
हालाँकि गोक्षुरादि गुग्गुलु को आम तौर पर एक सुरक्षित औषधि माना जाता है, लेकिन अगर इसे सही ख़ुराक में न लिया जाए तो यह कुछ व्यक्तियों में डाइज़ेशन संबंधी समस्या पैदा कर सकता है; जैसे कि उल्टी आना, सूजन और हल्की गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दिक्कतें.
गोक्षुरादि गुग्गुलु का कुछ अन्य आयुर्वेदिक या एलोपेथिक दवाओं के साथ प्रयोग करने पर एर्लेजिक रिएक्शन पैदा हो सकता है. इसके लक्षण आपको स्किन रैश, खुजली,लाली और त्वचा में सूजन की तरह दिखाई दे सकते हैं, ऐसा होने पर डॉक्टर से सलाह लें.
जैसा कि हम जानते हैं कि, प्रेग्नेंसी और ब्रेस्ट फ़ीडिंग के दौरान किसी भी दवा के सेवन से बचना चाहिए इसलिए आप गोक्षुरादि गुग्गुलु का उपयोग भी न करें.
गोक्षुरादि गुग्गुलु ब्लड में शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में बेहद असरदार है और इस वजह से डायबिटीज या लो शुगर लेवल वाले लोगों को इसका सेवन करते हुए सावधानी बरतनी चाहिए. साथ ही नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल को चेक करते रहना चाहिए.
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जैसे कि, हर दवा के प्रयोग से जुड़े कुछ ख़ास नियम और खान पान से संबंधित डूज़ और डोंट्स होते हैं वैसे ही गोक्षुरादि गुग्गुलु का प्रयोग करने के लिए भी आपको इन बातों का ख़्याल रखना होगा.
गोक्षुरादि गुग्गुलु एक असरदार औषधि है जिसका गहरा प्रभाव बॉडी फंक्शन पर पड़ता है इसलिए यह ज़रूरी है कि इसके सेवन से पहले आप किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें जो आपकी आयु और आपके शरीर की प्रकृति के अनुसार इसकी सही ख़ुराक आदि की जानकारी देंगे.
गोक्षुरादि गुग्गुलु को गर्म पानी या दूध के साथ लेना सबसे अधिक उपयुक्त है क्योंकि इस कंबिनेशन में यह शरीर द्वारा पूरी तरह से अब्सॉर्ब कर किया जाता है और इसका पूरा फायदा आपको मिलता है.
गोक्षुरादि गुग्गुलु के सेवन स्वास्थ्य लाभ के साथ ही ये भी ज़रूरी है की आप एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएँ जिसमें संतुलित आहार लेना, ख़ुद को हाइड्रेटेड रखना, रोज़ाना एक्सरसाइज करना और स्ट्रेस को मैनेज करना बेहद ज़रूरी है. ऐसा करने पर ही आपको होलेस्टिक इंप्रूवमेंट पाने में मदद मिलेगी.
किसी भी अन्य दवा की तरह गोक्षुरादि गुग्गुलु का सेवन शुरू करने एक बाद इस बात पर ध्यान दें आपके शरीर पर इसका किस तरह का असर पड़ता है. अगर आप को किसी भी तरह की असुविधा हो तो ऐसे में इसे लेना बंद कर दें.
गोक्षुरादि गुग्गुलु एक टाइम टेस्टेड पावरफुल फॉर्मूला है जो किडनी को स्वस्थ रखने और यूरिनरी ट्रैक के इन्फेक्शन को दूर करने के अलावा हार्मोनल बैलेंस और जाइंट पेन में भी कई तरह से लाभकारी है. लेकिन रोगी की उम्र, रोग की स्थिति के आधार पर सही मात्र और अवधि के लिए लेना ज़रूरी है. ऐसे में सेल्फ मेडिकेशन के तौर पर इसका इस्तेमाल ना करें और डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें.
1. Bhalodia SG, Bhuyan C, Gupta SK, Dudhamal TS. (2012). Gokshuradi Vati and Dhanyaka-Gokshura Ghrita Matra Basti in the management of Benign Prostatic Hyperplasia.
2. Wanjari MM, Dey YN, Yadav M, Sharma D, Srivastava B, Jamdagni SB, Gaidhani SN, Pawar S. (2022). Oral toxicity evaluation of gokshuradi guggulu, an ayurvedic formulation. Drug Chem Toxicol.
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